जालंधर .
पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में 14वें स्थान से 4 स्थान पर
पहुंच गया है। जिला योजना कमेटी के चेयरमैन गुरचरण सिंह चन्नी ने कहा कि गत
4 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब सरकार ने कई विकास किए हैं। गत
वर्षो में इमारतों, साजो सामान, अध्यापकों की भर्ती करने के साथ राज्य
शिक्षा के क्षेत्र में तेजी के साथ विकास किया है।
चन्नी ने कहा कि गत वर्ष जालंधर जिले ने शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
वर्ष 2010-11 दौरान जिले में शिक्षा सुधार के लिए 1334 लाख रुपए की राशि
खर्च की गई है, जिसमें 140 स्कूलों में 375 लाख रुपए की राशि स्कूलों के
कमरों के निर्माण पर खर्च की गई है, जिसमें प्राइमरी स्कूलों में 82 कमरों
पर 229.60 लाख रुपए और अप्पर प्राइमरी स्कूलों के 51 कमरों पर 145.60 लाख
रुपए खर्च शामिल है। चन्नी ने कहा कि जिले में 6 ब्लाक रिसोर्स सेंटर की
लुक सुधारने के लिए 30 लाख रु पे और 101 प्राइमरी स्कूलों की मेजर रिपेयर
के लिए 84.08 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
इस वर्ष जिले में एक प्राइमरी स्कूल की नई बिल्डिंग के निर्माण पर 10.70
लाख रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि 5 स्कूलों में टायलट के निर्माण पर
3 लाख रुपए और जिले के 166 स्कूलों की 24 हजार मीटर चार दीवारी पर 636 लाख
रुपए राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह 17 प्राइमरी स्कूलों में
39.65 लाख रुपए फर्नीचर खरीद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी
राज्य की तरक्की के लिए विद्यार्थियों का शिक्षित होना जरूरी है।
पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में 14वें स्थान से 4 स्थान पर
पहुंच गया है। जिला योजना कमेटी के चेयरमैन गुरचरण सिंह चन्नी ने कहा कि गत
4 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब सरकार ने कई विकास किए हैं। गत
वर्षो में इमारतों, साजो सामान, अध्यापकों की भर्ती करने के साथ राज्य
शिक्षा के क्षेत्र में तेजी के साथ विकास किया है।
चन्नी ने कहा कि गत वर्ष जालंधर जिले ने शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
वर्ष 2010-11 दौरान जिले में शिक्षा सुधार के लिए 1334 लाख रुपए की राशि
खर्च की गई है, जिसमें 140 स्कूलों में 375 लाख रुपए की राशि स्कूलों के
कमरों के निर्माण पर खर्च की गई है, जिसमें प्राइमरी स्कूलों में 82 कमरों
पर 229.60 लाख रुपए और अप्पर प्राइमरी स्कूलों के 51 कमरों पर 145.60 लाख
रुपए खर्च शामिल है। चन्नी ने कहा कि जिले में 6 ब्लाक रिसोर्स सेंटर की
लुक सुधारने के लिए 30 लाख रु पे और 101 प्राइमरी स्कूलों की मेजर रिपेयर
के लिए 84.08 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
इस वर्ष जिले में एक प्राइमरी स्कूल की नई बिल्डिंग के निर्माण पर 10.70
लाख रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि 5 स्कूलों में टायलट के निर्माण पर
3 लाख रुपए और जिले के 166 स्कूलों की 24 हजार मीटर चार दीवारी पर 636 लाख
रुपए राशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह 17 प्राइमरी स्कूलों में
39.65 लाख रुपए फर्नीचर खरीद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी
राज्य की तरक्की के लिए विद्यार्थियों का शिक्षित होना जरूरी है।