श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सरकार उठाएगी

श्रीनगर : राज्य में श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार हर साल
दस से पचास हजार तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। यह एलान श्रम एवं
रोजगार मंत्री अब्दुल गनी मलिक ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर भवन एवं अन्य
निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक में किया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रमिकों के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने
के लिए हर साल उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। बीए,
बीएससी व बीकॉम में पढ़ रहे बच्चों को हर साल दस हजार, एमए, एमएससी, बीएड,
एलएलएम, एमकॉम व एमलिब की पढ़ाई करने वालों को 15,000 और एमबीबीएस, बीई,
बीटेक, एमटेक, बीडीएस, बीवीएससी, एमएस व एमडी की पढ़ाई करने वालों को प्रति
वर्ष 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। 12वीं के बच्चों को
वित्तीय सहायता देने की योजना पहले से ही है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को
कैंसर, दमा, हृदय रोग व अन्य ऐसी घातक बीमारियों से पीड़ित होने पर उपचार के
लिए एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे वह अनावश्यक शोषण से
बचने के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं का भी पूरा फायदा ले पाएंगे। इन
श्रमिकों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ही सरकार ने अब
पंजीकरण की फीस को सौ रुपये से घटाकर मात्र दस रुपये करने का फैसला किया
है। पंजीकरण का नवीनीकरण हर दो साल बाद कराया जाना जरूरी है। जम्मू संभाग
में निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण में कमी पर कड़ा नोटिस लेते हुए कहा कि
श्रम एवं रोजगार सचिवायुक्त को निर्देश दिया कि वह सभी जिला उपायुक्तों को
श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहें।

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