गरीबों को दिया जा रहा घटिया चावल: सत्तापक्ष

भोपाल।
विधानसभा में भाजपा विधायकों ने राशन की दुकानों से घटिया चावल देने का
आरोप लगाया। ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला भाजपा विधायक ठाकुरदास
नागवंशी और गिरिजाशंकर शर्मा ने उठाया। उन्होंने कहा कि बीपीएल एवं
अंत्योदय कार्डधारकों को अच्छी किस्म के क्रांति चावल की जगह दोयम दर्जे का
चावल दिया जा रहा है।




जबकि मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) की ओर से राज्य नागरिक
आपूर्ति निगम को अच्छी किस्म का क्रांति धान दिया जाता है। नियम यही है कि
धान की प्रोसेसिंग के बाद चावल उपभोक्ताओं को दिया जाए। लेकिन हो यह रहा है
कि अच्छी किस्म का धान तो अवैध रूप से बाजार में बेच दिया जाता है और
बाजार से घटिया गुणवत्ता का मोटा चावल खरीद कर राशन की दुकानों के माध्यम
से बांटा जा रहा है।




सदस्यों ने कहा कि मार्कफेड धान से चावल की प्रोसेसिंग जिन अनुबंधित मिलों
से बता रहा है उनमें से अधिकांश या तो बंद पड़ी हैं या उनके पास ऐसा करने
के लिए जरूरी लाइसेंस ही नहीं है। यही कारण है कि होशंगाबाद की बनखेड़ी मिल
की क्षमता से अधिक प्रोसेसिंग सरकारी रिकार्ड में दिखाई जा रही है। खाद्य
एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन ने इन आरोपों को गलत बताया।




उन्होंने कहा कि केंद्र ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए धान की दो किस्में
कामन एवं ग्रेड ए निर्धारित की है। इन्हीं किस्मों के धान के उपार्जन के
बाद चावल का वितरण आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता है। इस मामले में
गड़बड़ियों की शिकायतों पर मंत्री ने कहा कि सदस्य उन्हें निर्धारित
बिंदुओं पर जानकारी उपलब्ध करा दें। वे उनकी जांच करा लेंगे।




दो साल में एक ही बार किया जेल का दौरा


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो साल में मात्र एक बार जेल का निरीक्षण
करने गए। जबकि जेल मंत्री जगदीश देवड़ा ने 16 बार जेलों की स्थिति का जायजा
लिया। राष्ट्रीय महिला आयोग भी महज एक बार मप्र के जेल का दौरा करने आया।




जावरा के कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के प्रश्न के उत्तर में
जेल मंत्री ने बताया कि वर्ष 2009-10 में 961 व 2010-11 में 1228 बार जेलों
का निरीक्षण हुआ। उन्होंने स्वीकार किया कि जेलों में कैदियों की क्षमता
25 हजार 570 है जबकि इनमें 31 हजार 896 कैदी हैं।

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