इंदौर।
सुपर कॉरिडोर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के कैम्पस के लिए 100
एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का वादा मंगलवार को पूरा हो जाएगा। सोमवार को
प्रशासनिक अधिकारियों से हुई बातचीत के बाद किसानों ने अपनी-अपनी जमीन
टीसीएस के लिए देने की हामी भर दी। अब प्रशासन मंगलवार को गांव में विशेष
कैम्प लगाकर हाथोहाथ रजिस्ट्री करेगा।
100 एकड़ जमीन में 39 परिवार शामिल हैं लेकिन ज्यादातर संयुक्त परिवार हैं।
इसलिए अधिकारियों ने हर परिवार के मुखिया से बात की। किसानों को राजी करने
के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ चंद्रमौलि शुक्ला और एसडीओ हातोद
विवेक श्रौत्रिय टिगरिया बादशाह पहुंचे और मौके पर प्रभावित परिवारों के
शक-शुबह दूर किए।
श्री श्रौत्रिय ने बताया जो किसान जमीन देने को तैयार हो गए हैं उनमें
धनसिंह, हाजी विलायत हुसैन, प्रेमसिंह पटेल, नारायणसिंह, गुलाबसिंह,
दरबारसिंह, राजेंद्र बाबूलाल और गुड्डू शुक्ला प्रमुख हैं। ज्यादातर जमीनें
या तो इनकी हैं या इनसे संबद्ध परिवारों की हैं।
भूखंडों के संयुक्तीकरण के लिए आईडीए तैयार
कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनकी जमीनें टुकड़े-टुकड़े में हैं। उन्होंने
अधिकारियों से आग्रह किया है कि प्रशासन उनकी वैकल्पिक जमीन का संयुक्तीकरण
कर दे ताकि वे आसपास रह सकें। इस पर आईडीए सीईओ श्री शुक्ला ने तुरंत हामी
भर दी। सीईओ ने कहा ऐसा करने से आईडीए को भी आसानी हो जाएगी।
नामांतरण में भी लगेंगे 15 दिन
एसडीओ के मुताबिक पहले किसानों से जमीन लेकर आईडीए के नाम पर रजिस्ट्री
करवाई जाएगी। इसके साथ नामांतरण का भी काम होगा जिसमें 15 दिन का समय
लगेगा। कलेक्टर राघवेंद्रसिंह ने 31 जुलाई तक टीसीएस के लिए जमीन लेने का
वादा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को किया है इसलिए सारी तैयारी उसी समय
सीमा को ध्यान में रखकर की जा रही है। नामांतरण के बाद मामला प्रदेश
कैबिनेट के पास जाएगा, तब जमीन हस्तांतरण की नीति तय होगी।
सुपर कॉरिडोर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) के कैम्पस के लिए 100
एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का वादा मंगलवार को पूरा हो जाएगा। सोमवार को
प्रशासनिक अधिकारियों से हुई बातचीत के बाद किसानों ने अपनी-अपनी जमीन
टीसीएस के लिए देने की हामी भर दी। अब प्रशासन मंगलवार को गांव में विशेष
कैम्प लगाकर हाथोहाथ रजिस्ट्री करेगा।
100 एकड़ जमीन में 39 परिवार शामिल हैं लेकिन ज्यादातर संयुक्त परिवार हैं।
इसलिए अधिकारियों ने हर परिवार के मुखिया से बात की। किसानों को राजी करने
के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ चंद्रमौलि शुक्ला और एसडीओ हातोद
विवेक श्रौत्रिय टिगरिया बादशाह पहुंचे और मौके पर प्रभावित परिवारों के
शक-शुबह दूर किए।
श्री श्रौत्रिय ने बताया जो किसान जमीन देने को तैयार हो गए हैं उनमें
धनसिंह, हाजी विलायत हुसैन, प्रेमसिंह पटेल, नारायणसिंह, गुलाबसिंह,
दरबारसिंह, राजेंद्र बाबूलाल और गुड्डू शुक्ला प्रमुख हैं। ज्यादातर जमीनें
या तो इनकी हैं या इनसे संबद्ध परिवारों की हैं।
भूखंडों के संयुक्तीकरण के लिए आईडीए तैयार
कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनकी जमीनें टुकड़े-टुकड़े में हैं। उन्होंने
अधिकारियों से आग्रह किया है कि प्रशासन उनकी वैकल्पिक जमीन का संयुक्तीकरण
कर दे ताकि वे आसपास रह सकें। इस पर आईडीए सीईओ श्री शुक्ला ने तुरंत हामी
भर दी। सीईओ ने कहा ऐसा करने से आईडीए को भी आसानी हो जाएगी।
नामांतरण में भी लगेंगे 15 दिन
एसडीओ के मुताबिक पहले किसानों से जमीन लेकर आईडीए के नाम पर रजिस्ट्री
करवाई जाएगी। इसके साथ नामांतरण का भी काम होगा जिसमें 15 दिन का समय
लगेगा। कलेक्टर राघवेंद्रसिंह ने 31 जुलाई तक टीसीएस के लिए जमीन लेने का
वादा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को किया है इसलिए सारी तैयारी उसी समय
सीमा को ध्यान में रखकर की जा रही है। नामांतरण के बाद मामला प्रदेश
कैबिनेट के पास जाएगा, तब जमीन हस्तांतरण की नीति तय होगी।