ठीक पहले उनके नाम से राजधानी कोलकाता में बने अस्पताल में हृदय को
दहलानेवाली घटना हुई.
इसने राज्य के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी. मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी के विभिन्न अस्पतालों के औचक दौरे का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा.
मंगलवार की रात से गुरुवार सुबह तक राजधानी के इस प्रतिष्ठित अस्पताल में
18 मासूमों की मौत हो गयी. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित
की है. नारकेलडांगा में स्थित डॉ बीसी राय मेमोरियल हॉस्पिटल फॉर
चिल्ड्रेन में हुई शिशुओं की मौत की वजह बता पाने में चिकित्सक भी असमर्थ
हैं. अस्पताल के अधीक्षक डॉ डीके पाल ने कहा अस्पताल में रोज प्रसव के
दौरान पांच-सात नवजात शिशुओं की मौत होती है.
मंगलवार रात से गुरुवार सुबह तक मरनेवाले शिशुओं की संख्या कुछ अधिक ही
है. इस बीच यहां 18 शिशुओं की मौत हुई है. बुधवार को 12 व गुरुवार को छह
शिशुओं की मौत हुई. अस्पताल में कई बच्चों को चिंताजनक अवस्था में भरती
किया गया था. इनकी उम्र कुछ दिन से छह महीने के बीच की है. बीसी रॉय
अस्पताल के प्रिंसिपल मृणाल कांति चटर्जी ने कहा इलाज के लिए लाये गये
अधिकतर बच्चों का वजन कम था. कई बच्चे सेप्टिसेमिया व सांस की समस्या से भी
पीड़ित थे.
हालांकि परिजनों का आरोप है कि चिकित्सा में हुई लापरवाही के कारण उनके
बच्चों की मौत हुई है. मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
द्वारा गठित कमेटी में आरजीकर अस्पताल के डॉ मलय दासगुप्ता व एनआरएस
अस्पताल के डॉ वीरेन राय शामिल हैं. इनको 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने
को कहा गया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में किसी की भी लापरवाही
सामने आयी, तो उसे बख्शा नहीं जायेगा.
मुख्यमंत्री ने इस घटना के लिए राज्य की पिछली वाम मोरचा सरकार को
जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा वाम मोरचा सरकार ने अस्पताल में आधारभूत
सुविधाओं के विकास के लिए कुछ नहीं किया. नयी सरकार के लिए इतनी जल्दी
आधारभूत सुविधाओं का विकास करना संभव नहीं है.