भोपाल.
गृह निर्माण के लिए सोसायटी बना कर जमीन खरीदना और बेचना सहकारिता के
क्षेत्र में बड़ा कारोबार बन गया है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में यह धंधा
जोरों पर है। भोपाल की बात करें तो यहां की कुल 1866 में से 809
सोसायटियों पर अनियमितताओं के चलते कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
सहकारिता विभाग ने कागजों पर चल रही राजधानी की 92 और सागर की 81 गृह
निर्माण सोसायटियों को 17 जून को शोकॉज नोटिस जारी कर राजपत्र में भी
प्रकाशित कर दिया है। इसके अलावा भोपाल में 117 सोसायटियों के खिलाफ आर्थिक
अनियमितताएं करने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। 600 से अधिक अन्य
सहकारी समितियां भी जांच के दायरे में हैं।
57 लाख की रिकवरी
अलकापुरी गृह निर्माण सोयायटी ने कटारा हिल्स में साढ़े छह एकड़ जमीन खरीदी
थी। सोयायटी ने सदस्यों को प्लाट व मकान देने के बजाय जमीन बिल्डर को बेच
दी। जांच में पता चला कि जमीन कलेक्टर गाइड लाइन से कम दाम पर बेची गई है।
अब जिला प्रशासन ने 57 लाख रुपए की रिकवरी निकाली है।
नहीं था दंड का प्रावधान
मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि कोई
सोसायटी आर्थिक अनियमितता करे तो उसे दंड दिया जाए। वर्ष 2009 में अधिनियम
में संशोधन कर 5 लाख रुपए जुर्माना और तीन साल की सजा का प्रावधान किया
गया। इसके बाद पिछले साल जनवरी में दो प्रावधान किए गए कि बिना रजिस्ट्रार
की अनुमति के जमीन क्रय नहीं की जाएगी एवं जिन सदस्यों को प्लाट अथवा मकान
दिए जाना हैं उनकी सूची रजिस्ट्रार से स्वीकृत कराई जाए।
नहीं चुकाया लोन: मप्र सहकारी आवास संघ से कई सोसायटियों ने लोन लिया,लेकिन
चुकाया नहीं। अब ऐसी सोसायटियों में प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर लेखा जोखा
की जांच की जा रही है।
भोपाल की इन सोसायटियों को नोटिस
वीर,लक्ष्य,अपना घर,गीता,बरकतउल्ला,त्रिमूर्ति,मामू श्रमिक,महाशक्ति, मयंक,
परमेश्वर, अंकित,नीति,जया,चाहत,अपेक्स डायरेक्टर्स, कस्तूरबा, न्यू मधुवन,
गोकुल, दी प्रीमियर, नेशनल इम्प्रूवमेंट, राज लक्ष्मी,मुरली नगर,महा
गायत्री,सदाबहार,इंजीनियर्स, शिवांशु,संजय गांधी,न्यू विकास,
नवरंग,अर्चना,नीलकंठ,प्रतिनिधि, माडल टाउन, आरोग्य, विध्यांचल, रघुवंश
पुरम, केपिटल, यूनिटी, हम्माल मजदूर, आधार शिला, पदम प्रिया,ताज,नवीन
राष्ट्रीय,राजा रामचंद्र,भीम कृष्णा,निरुपम,त्रिशक्ति,तत्पर,खेल
खिलाड़ी,आसरा,परमानंद,सृजन कामना,हरिप्रिया, राधा कृष्ण, न्यू अमर,
एडवोकेट, माया, भारतीय श्रमजीवी पत्रकार, अमूल्य,मानव गृह निर्माण सोसायटी।
जो सोसायटियां कार्यशील नहीं है और जिन्होंने न जमीन खरीदी न ही उद्देश्यों
की पूर्ति की है। उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर उनका अस्तित्व समाप्त करने
की प्रक्रिया जारी है। ऐसी सोसायटियों का हिसाब-किताब करने के लिए सहकारिता
निरीक्षकों को नियुक्तकिया गया है।""
केके द्विवेदी,उप पंजीयक सहकारिता भोपाल
गृह निर्माण के लिए सोसायटी बना कर जमीन खरीदना और बेचना सहकारिता के
क्षेत्र में बड़ा कारोबार बन गया है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में यह धंधा
जोरों पर है। भोपाल की बात करें तो यहां की कुल 1866 में से 809
सोसायटियों पर अनियमितताओं के चलते कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
सहकारिता विभाग ने कागजों पर चल रही राजधानी की 92 और सागर की 81 गृह
निर्माण सोसायटियों को 17 जून को शोकॉज नोटिस जारी कर राजपत्र में भी
प्रकाशित कर दिया है। इसके अलावा भोपाल में 117 सोसायटियों के खिलाफ आर्थिक
अनियमितताएं करने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। 600 से अधिक अन्य
सहकारी समितियां भी जांच के दायरे में हैं।
57 लाख की रिकवरी
अलकापुरी गृह निर्माण सोयायटी ने कटारा हिल्स में साढ़े छह एकड़ जमीन खरीदी
थी। सोयायटी ने सदस्यों को प्लाट व मकान देने के बजाय जमीन बिल्डर को बेच
दी। जांच में पता चला कि जमीन कलेक्टर गाइड लाइन से कम दाम पर बेची गई है।
अब जिला प्रशासन ने 57 लाख रुपए की रिकवरी निकाली है।
नहीं था दंड का प्रावधान
मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि कोई
सोसायटी आर्थिक अनियमितता करे तो उसे दंड दिया जाए। वर्ष 2009 में अधिनियम
में संशोधन कर 5 लाख रुपए जुर्माना और तीन साल की सजा का प्रावधान किया
गया। इसके बाद पिछले साल जनवरी में दो प्रावधान किए गए कि बिना रजिस्ट्रार
की अनुमति के जमीन क्रय नहीं की जाएगी एवं जिन सदस्यों को प्लाट अथवा मकान
दिए जाना हैं उनकी सूची रजिस्ट्रार से स्वीकृत कराई जाए।
नहीं चुकाया लोन: मप्र सहकारी आवास संघ से कई सोसायटियों ने लोन लिया,लेकिन
चुकाया नहीं। अब ऐसी सोसायटियों में प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर लेखा जोखा
की जांच की जा रही है।
भोपाल की इन सोसायटियों को नोटिस
वीर,लक्ष्य,अपना घर,गीता,बरकतउल्ला,त्रिमूर्ति,मामू श्रमिक,महाशक्ति, मयंक,
परमेश्वर, अंकित,नीति,जया,चाहत,अपेक्स डायरेक्टर्स, कस्तूरबा, न्यू मधुवन,
गोकुल, दी प्रीमियर, नेशनल इम्प्रूवमेंट, राज लक्ष्मी,मुरली नगर,महा
गायत्री,सदाबहार,इंजीनियर्स, शिवांशु,संजय गांधी,न्यू विकास,
नवरंग,अर्चना,नीलकंठ,प्रतिनिधि, माडल टाउन, आरोग्य, विध्यांचल, रघुवंश
पुरम, केपिटल, यूनिटी, हम्माल मजदूर, आधार शिला, पदम प्रिया,ताज,नवीन
राष्ट्रीय,राजा रामचंद्र,भीम कृष्णा,निरुपम,त्रिशक्ति,तत्पर,खेल
खिलाड़ी,आसरा,परमानंद,सृजन कामना,हरिप्रिया, राधा कृष्ण, न्यू अमर,
एडवोकेट, माया, भारतीय श्रमजीवी पत्रकार, अमूल्य,मानव गृह निर्माण सोसायटी।
जो सोसायटियां कार्यशील नहीं है और जिन्होंने न जमीन खरीदी न ही उद्देश्यों
की पूर्ति की है। उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर उनका अस्तित्व समाप्त करने
की प्रक्रिया जारी है। ऐसी सोसायटियों का हिसाब-किताब करने के लिए सहकारिता
निरीक्षकों को नियुक्तकिया गया है।""
केके द्विवेदी,उप पंजीयक सहकारिता भोपाल