अग्रोहा. किसान
संघर्ष समिति अग्रोहा-मीरपुर और अन्य कई संगठनों के सदस्य गुरुवार को
अग्रोहा से हिसार तक मार्च निकालेंगे। किसानों के इस आंदोलन की अगुवाई अखिल
भारतीय किसान यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष कृष्ण गोरखपुरिया कर रहे हैं।
किसान भूमि अधिग्रहण संबंधी सरकार की नीतियों के खिलाफ लंबे समय से आरपार
के आंदोलन के मूड में हैं। किसानों का कहना है कि अग्रोहा में उन्हें
एनसीआर के रेट पर अधिग्रहण की गई जमीनों का मुआवजा मिले। मांग पूरी होने तक
उनका आंदोलन जारी रहेगा। गोरखपुरिया ने कहा कि 30 जून को अग्रोहा से हिसार
तक होने वाली किसान मार्च के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मार्च
में सैकड़ों ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल लेकर हजारों किसान भाग लेंगे और जिला
उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजेंगे।
किसानों का धरना 41वें दिन में प्रवेश
अग्रोहा में भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहा धरना बुधवार को 41वें दिन और भूख
हड़ताल 29वें दिन में प्रवेश कर गई है। भूख हड़ताल पर बुधवार को किसान
भंवर सिंह चौहान और बलबीर सिंह भांभू बैठे। धरने का नेतृत्व भारतीय जनता
पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रो. कृष्ण लाल रिण्वा ने किया।
रिण्वा ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रॉपर्टी डीलरों की सरकार है। जो किसानों
की धरोहर को कौड़ियों के भाव छीन कर पूंजीपतियों को महल बनाने के लिए बेच
रही है। किसान जमीन बचाने के लिए धरने और भूख हड़ताल करने के लिए मजबूर
हैं। जिला उपाध्यक्ष दलबीर फौगाट, सुरेश गोयल, बाबू लाल अग्रवाल, घनश्याम
शर्मा, प्रकाश अग्रवाल, जयपाल सिंधु, देवदत्त शर्मा आदि मौजूद थे।
आंदोलन क्यों
हुडा ने अग्रोहा के पास किसानों की करीब 210 एकड़ जमीन अधिग्रहण की है।
हुडा की यहां सेक्टर छह बनाने की योजना है। यह जमीन 95 किसानों की है। इन
किसानों और आंदोलन में शािमल संगठनों का कहना है कि सरकार उन्हें 166 रुपए
प्रति गज के हिसाब से ही मुआवजा दे रही है। एनसीआर सेक्टर में किसानों की
जमीन अधिग्रहण की एवज में प्रति वर्ग के हिसाब से 3800 रुपए दिया जा रहा है
तो यहां क्यों नहीं।
जमीन किसान की मां है। जमीन में पैदावारी से ही किसान अपने परिवार का पेट
पालता है। प्रदेश में अधिग्रहण की नीति से किसान ठगा-सा महसूस कर रहा है।
यह प्रदेश का ज्वलंत मुद्दा है। हमारा आंदोलन किसानों की मांग पूरी होने तक
जारी रहेगा।""
कृष्ण गोरखपुरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान यूनियन
संघर्ष समिति अग्रोहा-मीरपुर और अन्य कई संगठनों के सदस्य गुरुवार को
अग्रोहा से हिसार तक मार्च निकालेंगे। किसानों के इस आंदोलन की अगुवाई अखिल
भारतीय किसान यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष कृष्ण गोरखपुरिया कर रहे हैं।
किसान भूमि अधिग्रहण संबंधी सरकार की नीतियों के खिलाफ लंबे समय से आरपार
के आंदोलन के मूड में हैं। किसानों का कहना है कि अग्रोहा में उन्हें
एनसीआर के रेट पर अधिग्रहण की गई जमीनों का मुआवजा मिले। मांग पूरी होने तक
उनका आंदोलन जारी रहेगा। गोरखपुरिया ने कहा कि 30 जून को अग्रोहा से हिसार
तक होने वाली किसान मार्च के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मार्च
में सैकड़ों ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल लेकर हजारों किसान भाग लेंगे और जिला
उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजेंगे।
किसानों का धरना 41वें दिन में प्रवेश
अग्रोहा में भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहा धरना बुधवार को 41वें दिन और भूख
हड़ताल 29वें दिन में प्रवेश कर गई है। भूख हड़ताल पर बुधवार को किसान
भंवर सिंह चौहान और बलबीर सिंह भांभू बैठे। धरने का नेतृत्व भारतीय जनता
पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रो. कृष्ण लाल रिण्वा ने किया।
रिण्वा ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रॉपर्टी डीलरों की सरकार है। जो किसानों
की धरोहर को कौड़ियों के भाव छीन कर पूंजीपतियों को महल बनाने के लिए बेच
रही है। किसान जमीन बचाने के लिए धरने और भूख हड़ताल करने के लिए मजबूर
हैं। जिला उपाध्यक्ष दलबीर फौगाट, सुरेश गोयल, बाबू लाल अग्रवाल, घनश्याम
शर्मा, प्रकाश अग्रवाल, जयपाल सिंधु, देवदत्त शर्मा आदि मौजूद थे।
आंदोलन क्यों
हुडा ने अग्रोहा के पास किसानों की करीब 210 एकड़ जमीन अधिग्रहण की है।
हुडा की यहां सेक्टर छह बनाने की योजना है। यह जमीन 95 किसानों की है। इन
किसानों और आंदोलन में शािमल संगठनों का कहना है कि सरकार उन्हें 166 रुपए
प्रति गज के हिसाब से ही मुआवजा दे रही है। एनसीआर सेक्टर में किसानों की
जमीन अधिग्रहण की एवज में प्रति वर्ग के हिसाब से 3800 रुपए दिया जा रहा है
तो यहां क्यों नहीं।
जमीन किसान की मां है। जमीन में पैदावारी से ही किसान अपने परिवार का पेट
पालता है। प्रदेश में अधिग्रहण की नीति से किसान ठगा-सा महसूस कर रहा है।
यह प्रदेश का ज्वलंत मुद्दा है। हमारा आंदोलन किसानों की मांग पूरी होने तक
जारी रहेगा।""
कृष्ण गोरखपुरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान यूनियन