बिहारः छात्रों के साथ हर साल 60 अरब चला जाता है बाहर : रोहित नारायण

पटना।
अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के सरकार के दावों के बावजूद इस साल भी बड़ी
संख्या में बिहारी छात्र राज्य के बाहर जा रहे हैं और जाने को तैयार हैं।
सीबीएसई, आईसीएसई और बिहार बोर्ड के रिजल्ट के बाद छात्रों को रिझाने के
लिए पिछले एक महीने में कई करियर मेले लग चुके हैं। इनमें भाग लेने वाले
शैक्षणिक संस्थान बिहारी छात्रों के रेस्पांस से काफी उत्साहित हैं। आने
वाले दिनों में ऑन स्पॉट एडमिशन जैसे करियर फेयर प्रस्तावित हैं।




इंजीनियरिंग, मेडिकल व प्रबंधन के पाठ्यक्रम डिमांड में : 19 और 20 जून को
पटना के तारामंडल में एडमिशन एक्सपो आयोजित हुआ। एक्सपो में आए संस्थानों
में इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रबंधन के पाठ्यक्रमों की संख्या ज्यादा थी।
इनके स्टॉल पर छात्रों की भीड़ देखी गई। जबलपुर के तक्षशिला इंस्टीट्यूट ऑफ
इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के लेक्चरर अमित कुमार ने बताया कि संस्थान
में काफी संख्या में बिहारी छात्र पढ़ रहे हैं।




अच्छे संस्थानों की कमी : राज्य के ज्यादातर कॉलेजों में पिछले दो
दशकों में सीटों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। जबकि इस अवधि में
छात्रों की संख्या कई गुना बढ़ गई। बताते चलें कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग
व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कुल 44 सौ सीटें ही हैं।




छात्रों के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम : बिहार के कॉलेजों में
व्यावसायिक पाठ्यक्रम काफी कम हैं। करियर मेला में आई स्वाति इस वर्ष
सीबीएसई से 12वीं पास की है। उसने कहा कि वह ग्रेजुएशन में रिमोट सेंसिंग
का कोई पाठ्यक्रम करना चाहती है। अभी बिहार के किसी कॉलेज में ऐसा
पाठ्यक्रम स्नातक स्तर पर नहीं है।




हर साल तीख लाख जाते हैं बाहर


करियर मेलों के स्पॉट इंट्री, विश्वविद्यालयों के निजी प्रयास, वॉक इन
एडमिशन आदि के माध्यम से हर साल बिहार का करोड़ों रुपए हर साल दूसरे
राज्यों में चले जाते हैं। एक आकलन के अनुसार बिहार से हर वर्ष 3 लाख छात्र
राज्य के बाहर विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन लेते हैं। औसतन प्रति
छात्र 2 लाख रुपए सालाना खर्च करता है। इस तरह लगभग 60 अरब रुपए हर साल
बाहर जाता है। पटना विवि के अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक नवल किशोर
चौधरी ने कहा कि बिहार में अच्छे संस्थानों की काफी कमी है इसलिए छात्र
बाहर जाने को मजबूर हैं।












छात्रों के साथ बिहार के करोड़ों रुपये भी बाहर चले जाते हैं।

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