लालडू. गांव
आलमगीर में सोमवार दोपहर अपने खेतों को पानी दे रहा किसान बलजिंदर घग्गर
नदी में डूब गया। साथी किसानों ने उसे बचाने की कोशिश की पर नाकाम रहे।
फायरब्रिगेड कर्मियों के साथ ही स्थानीय गोताखोर देर शाम तक उसे ढूंढ़ते
रहे। 9 घंटे बाद रात करीब 10.45 बजे उसका शव निकाला जा सका।
नदी में कुआं बनाकर हो रही थी सिंचाई
घग्गर नदी किनारे किसानों ने डीजल इंजन लगाकर नदी में एक गहरा कुआं बनाकर
वहां पाइप डाल रखे थे। इंजन की मदद से पानी खेतों तक पहुंचाया जाता है।
गांव आलमगीर में भी धान की रोपाई से पहले खेतों में पानी भरा जा रहा था।
इन्हीं में से एक इंजन गुरबख्श सिंह के 45 वर्षीय इकलौते बेटे बलजिंदर सिंह
का था। साथी किसान तारा सिंह व मलकीत सिंह ने बताया कि बलजिंदर इंजन को
सपोर्ट देने के लिए नदी किनारे से एक बड़ा पत्थर उठाकर ला रहा था।
अचानक रेतीली जमीन में उसकी एड़ियां धंसी और वह पीछे की ओर पानी में पलट
गया। तारा सिंह ने भागकर उसका हाथ भी पकड़ा, लेकिन जब उसे लगा कि वह भी
पानी में जा गिरेगा, हाथ छोड़ना पड़ा। फिर तारा ने सिर पर बंधे साफे से उसे
बचाने की कोशिश की पर बलजिंदर साफा पकड़ नहीं पाया। कुछ मिनटों तक बलजिंदर
पानी में हाथ पैर मारता रहा, फिर डूब गया। बलजिंदर तैरना नहीं जानता था।
माना जा रहा है कि जहां गड्ढा खोदा गया था, वहीं बलजिंदर डूब गया।
जनसुई हेड के गोताखोरों ने तलाशा
सूचना मिलने पर आसपास गांवों के लोग व पुलिस, नायब तहसीलदार वरिंदर धूत व
डेराबस्सी से फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। बलजिंदर को ढूंढ़ने के लिए
मछली पकड़ने वाले जाल व फायर ब्रिगेड की सीढ़ी की मदद ली गई, लेकिन बलजिंदर
का पता न चला। लालडू थाना प्रभारी गुरदयाल सिंह के मुताबिक अंबाला के पास
जनसुई हेड से तीन गोताखोर बुलाए गए, जिन्होंने बलजिंदर का शव निकाला।
एसडीएम पुनीत गोयल ने बताया कि अंधेरा बढ़ने के कारण कार्रवाई बीच में
रोकनी पड़ी थी। शाम पांच बजे सूचना मिलने से बीबीएमबी से गोताखोरों का
प्रबंध नहीं हो पाया। रात को जनसुई हेड से गोताखोर पहुंचे।