नवगछिया : अनुमंडल में इस बार बाढ़ से पूर्व की तैयारी काफी लचर है.
बांधों की वर्तमान स्थिति जर्जर है. ऐसे में अब तक एक भी बांध का मरम्मत
कार्य शुरू नहीं हुआ है.
कई जगहों पर सुल्इस गेट खुले है. इससे कई गांवों पर गंगा कोसी नदियों के
बाढ़ का खतरा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन द्वारा अभी भी
बांध की मरम्मत नहीं की जाती है, तबाही का सामना करना पड़ सकता है.
खुले हैं महत्वपूर्ण सुल्इस गेट
पिछले वर्ष बिहपुर प्रखंड के गंगा तटीय नरकटिया में सुल्इस गेट ध्वस्त
होने के बाद प्रशासन व ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद पानी का बहाव आबादी
वाले इलाके के ओर होने से रोका था. उसी व से नरकटिया का सुल्इस गेट उसी
अवस्था में क्षतिग्रस्त है. इस बार यह स्लुईस गेट पानी का दबाव ङोलने के
लायक नहीं है. वहीं खरीक प्रखंड क्षेत्र में नरकटिया बांध की स्थिति भी
बेहतर नहीं है.
कई जगहों पर बांध जर्जर हो चुका है. इस बांध के ध्वस्त होने से नरकटिया,
रामनगर सोनवर्षा आदि गांव में बाढ़ आयेगी. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी
तरह से तबाह हो जायेगा. कोसी नदी पर बिहपुर के जयरामपुर गांव को सुल्इस
गेट भी पूरी तरह से खुला है. इसके बाद खरीक के ढोढिया और नगरपाड़ा के
सुल्ईस गेटों की भी स्थिति भी खतरनाक है.
तटबंधों की स्थिति
नारायणपुर के नगरपाड़ा सतीश नगर तटबंध की स्थिति, बिहपुर, खरीक व
नवगछिया के क्षेत्र में त्रिमुहान कुरसेला बांध कई जगहों पर अति जर्जर हो
गया है. नगरपाड़ा सतीश नगर बांध धरमपुररत्ती पंचायत के पास पूरी तरह से
जर्जर हो गया है. यहां पर कई जगहों पर बांध जमीन के लेवल में आ गया है.
त्रिमुहान कुरसेला बांध खरीक के सुरहा, चोरहर व सहजा बांध के पास काफी
जर्जर स्थिति में है.
इन जगहों पर जलस्तर बढ़ने के साथ ही खतरा बढ़ जाता है. इन दोनों बांधों
के जर्जर रहने के कारण नारायणपुर, बिहपुर, खरीक, नवगछिया के तीन दर्जन से
अधिक गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. साथ इन बांधों के ध्वस्त होने
से कई जगहों पररेलवे लाइन व राजमार्ग के भी अवरुद्ध हो जाने की आशंका है.
अधिकारियों के रिपोर्ट का असर नहीं
बिहपुर, खरीक व नारायणपुर के सीओ ने सभी बांधों व सुल्ईस गेट की भयावह
स्थिति की रिपोर्ट वरीय पदाधिकारियों को भेजते हुए करीब 15 दिन पहले ही जल
संसाधन विभाग के पदाधिकारियों से बांधों व सुल्ईस गेट के मरम्मत की मांग कर
दी है.
तीनों ने अलग अलग शब्दों में कहा कि वे लोग बार-बार रिपोर्ट भेज रहे हैं लेकिन मरम्मत का काम शुरू नहीं किया जा रहा है.
– ऋषव –