राजनीतिक दल तय करें कि कैसा है प्रारूपः हजारे

मुम्बईः जन लोकपाल विधेयक के माध्यम से बिना जवाबदेही वाली समानांतर
सरकार बनाने तथा संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने जैसी आलोचनाओं का
जवाब देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि यह सभी
राजनीतिक दलों को तय करना चाहिए कि क्या सच में ऐसा है.

हजारे ने कहा, ‘‘हमने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क करने तथा
उन्हें सरकारी प्रारूप और अपना प्रारूप दिखाने का निर्णय लिया है. हम उनसे
दोनों प्रारूपों का अध्ययन करने के लिए कहेंगे और हम उनसे यह बताने को
कहेंगे कि क्या उन्हें हमारे प्रारूप में ऐसी कोई बात नजर आती है जो
संविधान के खिलाफ़ है. हम उनसे पूछना चाहेंगे कि क्या हमारा प्रारूप
समानांतर सरकार बनाने का प्रयास है.’’

गांधीवादी नेता ने कहा कि समाज के सदस्य सभी राजनीतिक दलों से उनका
विचार विचार पूछेंगे और उनसे जानना चाहेंगे कि हमारे समाज से भ्रष्टाचार
कैसे खत्म किया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे मिलेंगे और उनसे कहेंगे कि
हमारे प्रारूप को पढने के बाद वे निर्णय लें ताकि बाद में कोई यह न कहे कि
उन्हें प्रारूप नहीं दिखाया गया.’

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