नई दिल्ली.
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए असरदार लोकपाल विधेयक लाने की मांग कर रहे
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की टीम ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से
मुलाकात शुरू कर दी है। शुक्रवार को इस सिलसिले की शुरुआत करते हुए टीम
अन्ना के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरन बेदी और मनीष
सिसोदिया ने देश की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ
नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
बेदी, केजरीवाल और सिसोदिया ने
आडवाणी को लोकपाल विधेयक के मसौदे को लेकर संयुक्त ड्राफ्टिंग कमिटी में
हुई बैठक की जानकारी दी। गौरतलब है कि लोकपाल बिल की मांग को लेकर अप्रैल
में जब अन्ना हजारे अनशन पर बैठे ते, तब उन्होंने अनशन से राजनीतिक दलों को
दूर रखा था। यहां तक अनशन के दौरान उमा भारती जैसी नेता को मंच पर चढ़ने
तक नहीं दिया गया था।
शुक्रवार को हुई मुलाकात में टीम अन्ना ने
आडवाणी को लोकपाल बिल पर सिविल सोसाइटी के मसौदे और सरकारी मसौदे पर अपने
रुख की जानकारी दी। मुलाकात में शामिल किरन बेदी ने कहा, ‘यह बैठक बहुत
उत्साहजनक रही। आडवाणी ने हमें बताया कि देश को एक असरदार लोकपाल की जरूरत
है। उन्होंने हमारी बात सुनी और गुजारिश कि हम बीजेपी के आला नेताओं के
सामने एक विस्तृत ब्योरा पेश करें।’
वहीं, सिसोदिया ने कहा कि हजारे और
अन्य सदस्य बीजेपी के साथ बातचीत में शामिल होंगे। यह मुलाकात जुलाई के
पहले सप्ताह से पूर्व होगी। सरकार ने अगले महीने की शुरुआत में लोकपाल बिल
पर सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाई है।
टीम अन्ना ने कहा कि वे आडवाणी
से हुई भेंट में पार्टी की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मांग रहे थे बल्कि वे
सिर्फ आडवाणी को लोकपाल के मुद्दे पर अपनी राय बताना चाहते थे। हजारे और
उनके अन्य साथियों ने इससे पहले ऐलान किया था कि वे सभी राजनीतिक दलों से
भेंट करेंगे।
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए असरदार लोकपाल विधेयक लाने की मांग कर रहे
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की टीम ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से
मुलाकात शुरू कर दी है। शुक्रवार को इस सिलसिले की शुरुआत करते हुए टीम
अन्ना के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरन बेदी और मनीष
सिसोदिया ने देश की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ
नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
बेदी, केजरीवाल और सिसोदिया ने
आडवाणी को लोकपाल विधेयक के मसौदे को लेकर संयुक्त ड्राफ्टिंग कमिटी में
हुई बैठक की जानकारी दी। गौरतलब है कि लोकपाल बिल की मांग को लेकर अप्रैल
में जब अन्ना हजारे अनशन पर बैठे ते, तब उन्होंने अनशन से राजनीतिक दलों को
दूर रखा था। यहां तक अनशन के दौरान उमा भारती जैसी नेता को मंच पर चढ़ने
तक नहीं दिया गया था।
शुक्रवार को हुई मुलाकात में टीम अन्ना ने
आडवाणी को लोकपाल बिल पर सिविल सोसाइटी के मसौदे और सरकारी मसौदे पर अपने
रुख की जानकारी दी। मुलाकात में शामिल किरन बेदी ने कहा, ‘यह बैठक बहुत
उत्साहजनक रही। आडवाणी ने हमें बताया कि देश को एक असरदार लोकपाल की जरूरत
है। उन्होंने हमारी बात सुनी और गुजारिश कि हम बीजेपी के आला नेताओं के
सामने एक विस्तृत ब्योरा पेश करें।’
वहीं, सिसोदिया ने कहा कि हजारे और
अन्य सदस्य बीजेपी के साथ बातचीत में शामिल होंगे। यह मुलाकात जुलाई के
पहले सप्ताह से पूर्व होगी। सरकार ने अगले महीने की शुरुआत में लोकपाल बिल
पर सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाई है।
टीम अन्ना ने कहा कि वे आडवाणी
से हुई भेंट में पार्टी की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मांग रहे थे बल्कि वे
सिर्फ आडवाणी को लोकपाल के मुद्दे पर अपनी राय बताना चाहते थे। हजारे और
उनके अन्य साथियों ने इससे पहले ऐलान किया था कि वे सभी राजनीतिक दलों से
भेंट करेंगे।