रायपुर।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के केबिनेट बैठक में आज प्रदेश में खाद और बीज
की कमी पर चर्चा हुई। मानसून सीजन आने के साथ डीएपी खाद की भारी कमी हो गई
है। राज्य ने जितनी मात्रा में खाद मांगा था, उसका केवल आधा आबंटित किया
गया है। इसमें भी कटौती की जा रही है। आबंटन का केवल 30 प्रतिशत खाद प्रदेश
को दिया जा रहा है।
कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बताया कि केबिनेट में
प्रदेश में अच्छे मानसून को लेकर संतोष व्यक्त किया गया। इस वर्ष तकनीकी व
उर्वरकों के प्रयोग की वजह से बढ़ा है। खाद भंडारण बेहतर है, लेकिन केंद्र
सरकार ने डीएपी की सप्लाई नहीं की है। 50 प्रतिशत प्लान अनुमोदित किया,
लेकिन भेजा 33 प्रतिशत है। केंद्र को पत्र लिखा जा रहा है कि वह प्राथमिकता
से खाद प्रदान करे। डीएपी की कमी को पूरा करने सरकार दानेदार सिंगल सुपर
फास्फेट का वितरण करेगी। उन्होंने बताया कि एक लाख हेक्टेयर में धान, मक्का
और सोयाबीन की बोआई शुरू हो गई है। सरगुजा और जगदलपुर जिलों में बाढ़ की
स्थिति पर चर्चा की गई। श्री साहू ने कहा कि बीज के भंडारण व वितरण पिछले
साल की अपेक्षा बेहतर है। पिछले साल सोयाबीन की 20 हजार क्विंटल फसल
बेमौसम बारिश की वजह से खराब हो गई। इस वजह से बीज की कमी बनी हुई है। जिन
इलाकों में सोयाबीन के बीज की क्वालिटी खराब है, वहां किसानों को नया बीज
दिया जाएगा। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी सोयाबीन के बीजों की कमी है।
इसके बावजूद किसानों को पूर्ति करने की कोशिश की जाएगी।
सुपर फास्फेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने रासायनिक खाद की कमी को देखते हुए सिंगल सुपर
फास्फेट (एसएसपी) खाद की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए
हैं। राज्य को मांग के अनुरूप केंद्र सरकार से डी.ए.पी. और एन.पी.के खाद
नहीं मिल रहा है। इसके कारण किसानों को परेशानी हो रही है। सीएम ने किसानों
को वैकल्पिक खाद की जानकारी देने और सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.) खाद
उपलब्ध कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने एस.एस.पी. खाद की उपलब्धता केवल
सहकारी समितियों के माध्यम से ही करने के निर्देश दिए है।
खुले बाजार में एस.एस.पी. खाद के विक्रय को प्रतिबंधित किया गया है। घटिया
और अमानक खाद की जांच के लिए विशेष दस्ता गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेष दस्ता आकस्मिक जांच करेगा। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित
फर्म और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटिया
सामग्री के कारण किसानों को जहां बड़ी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता
है। इससे उत्पादन भी प्रभावित होता है। किसानों को किसी भी तरह का नुकसान न
हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के केबिनेट बैठक में आज प्रदेश में खाद और बीज
की कमी पर चर्चा हुई। मानसून सीजन आने के साथ डीएपी खाद की भारी कमी हो गई
है। राज्य ने जितनी मात्रा में खाद मांगा था, उसका केवल आधा आबंटित किया
गया है। इसमें भी कटौती की जा रही है। आबंटन का केवल 30 प्रतिशत खाद प्रदेश
को दिया जा रहा है।
कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बताया कि केबिनेट में
प्रदेश में अच्छे मानसून को लेकर संतोष व्यक्त किया गया। इस वर्ष तकनीकी व
उर्वरकों के प्रयोग की वजह से बढ़ा है। खाद भंडारण बेहतर है, लेकिन केंद्र
सरकार ने डीएपी की सप्लाई नहीं की है। 50 प्रतिशत प्लान अनुमोदित किया,
लेकिन भेजा 33 प्रतिशत है। केंद्र को पत्र लिखा जा रहा है कि वह प्राथमिकता
से खाद प्रदान करे। डीएपी की कमी को पूरा करने सरकार दानेदार सिंगल सुपर
फास्फेट का वितरण करेगी। उन्होंने बताया कि एक लाख हेक्टेयर में धान, मक्का
और सोयाबीन की बोआई शुरू हो गई है। सरगुजा और जगदलपुर जिलों में बाढ़ की
स्थिति पर चर्चा की गई। श्री साहू ने कहा कि बीज के भंडारण व वितरण पिछले
साल की अपेक्षा बेहतर है। पिछले साल सोयाबीन की 20 हजार क्विंटल फसल
बेमौसम बारिश की वजह से खराब हो गई। इस वजह से बीज की कमी बनी हुई है। जिन
इलाकों में सोयाबीन के बीज की क्वालिटी खराब है, वहां किसानों को नया बीज
दिया जाएगा। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी सोयाबीन के बीजों की कमी है।
इसके बावजूद किसानों को पूर्ति करने की कोशिश की जाएगी।
सुपर फास्फेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने रासायनिक खाद की कमी को देखते हुए सिंगल सुपर
फास्फेट (एसएसपी) खाद की खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए
हैं। राज्य को मांग के अनुरूप केंद्र सरकार से डी.ए.पी. और एन.पी.के खाद
नहीं मिल रहा है। इसके कारण किसानों को परेशानी हो रही है। सीएम ने किसानों
को वैकल्पिक खाद की जानकारी देने और सिंगल सुपर फास्फेट (एस.एस.पी.) खाद
उपलब्ध कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने एस.एस.पी. खाद की उपलब्धता केवल
सहकारी समितियों के माध्यम से ही करने के निर्देश दिए है।
खुले बाजार में एस.एस.पी. खाद के विक्रय को प्रतिबंधित किया गया है। घटिया
और अमानक खाद की जांच के लिए विशेष दस्ता गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेष दस्ता आकस्मिक जांच करेगा। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित
फर्म और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटिया
सामग्री के कारण किसानों को जहां बड़ी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता
है। इससे उत्पादन भी प्रभावित होता है। किसानों को किसी भी तरह का नुकसान न
हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।