दिल्ली
के रामलीला मैदान पर शुरु हुआ भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव के अनशन का
जिक्र विश्व भर में हो रहा है। विदेशी मीडिया भी रामदेव के अनशन को तवज्जों
दे रहा है। ज्यादातर मीडिया संस्थानों ने लिखा है कि भारत में एक योगी ने
भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। वहीं कई मीडिया संस्थानों ने
रामदेव के अनशन को राजनीति से प्रेरित बताया है।आस्ट्रेलिया की न्यूज
वेबसाइट न्यूज डॉटकॉम डॉटएयू ने अपनी बाबा के आंदोलन की रिपोर्ट का शीर्षक
दिया है कि योग गुरु के राजनीतिक अनशन ने भारत को हिला दिया है।ब्रिटेन के
अखबार इंडीपेंडेंट की वेबसाइट ने लिखा है भारत में योग गुरु ने भ्रष्टाचार
को मिटाने के लिए धर्मयुद्ध छेड़ दिया है।
वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में
दिल्ली के पांच सितारा होटल में कैबिनेट मंत्रियों और रामदेव के बीच हुई
मुलाकात को तमाशा बताते हुए बाबा के आंदोलन की तैयारियों पर भी कटाक्ष किया
है।
संयुक्त अरब अमीरात के अखबार खलीज टाइम्स की वेबसाइट ने अपनी
रिपोर्ट में कहा है कि बाबा के अनशन ने भारत की सरकार को हिला दिया है।
रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि बाबा रामदेव के अनशन में शामिल
होने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग आए हैं।
अमेरिका के अखबार वाल
स्ट्रीट जर्नल ने अपनी वेबसाइट पर रामलीला मैदान में आंदोलन की तैयारियों
पर खास रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में रामलीला और रावण वध का जिक्र
करते हुए भ्रष्टाचार को रावण के रूप में बाताया गया है।
ब्रिटेन की
प्रतिष्ठित समाचार संस्था बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बाबा के आंदोलन पर
प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सवाल किया है कि बाबा का अनशन किसी नेक मकसद के लिए
है या फिर सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए? ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ ने
अपनी रिपोर्ट में आजादी के बाद से भ्रष्टाचार मिटाने के प्रयासों की
नाकामी का जिक्र करते हुए लिखा है कि अब योग और भूख हड़ताल के जरिए
भ्रष्टाचार विरोधियों ने देश को हिला दिया है।इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया
है कि यूं तो भारत की संसद में एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी बनाने के लिए
प्रयास १९६८ में ही शुरु हो गए थे लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं हो सका है।
भ्रष्टाचार मिटाने की अब तक की नाकामयाबियों ने अब भारत में एक महान आंदोलन
को प्रेरित किया है। आंदोलन शुरु हो चुका है और सरकार में बैचेनी बढ़ गई
है।
मलेशिया के अखबार द स्टार की वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है
कि भारत में एक योग गुरु अपने लाखों समर्थकों के साथ आंदोलन कर रहे हैं और
उनका उद्देश्य सिर्फ एक है- भारत से भ्रष्टाचार का खात्मा।
खाड़ी देशों
की प्रमुख न्यूज वेबसाइट गल्फ न्यूज ने लिखा है कि कांग्रेस ने बाबा
रामदेव के अनशन को रोकने में पूरी ताकत झोंक दी है। अमेरिका के प्रमुख
मीडिया संस्थान वॉयस ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय
योगगुरु ने एक देश की जड़ों मेंव्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने का बीड़ा
उठाया है। हालांकि सरकार की ओर से पूरी कोशिशें की जा रही हैं कि बाबा के
आंदोलन को रोक दिया जाए।
के रामलीला मैदान पर शुरु हुआ भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव के अनशन का
जिक्र विश्व भर में हो रहा है। विदेशी मीडिया भी रामदेव के अनशन को तवज्जों
दे रहा है। ज्यादातर मीडिया संस्थानों ने लिखा है कि भारत में एक योगी ने
भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। वहीं कई मीडिया संस्थानों ने
रामदेव के अनशन को राजनीति से प्रेरित बताया है।आस्ट्रेलिया की न्यूज
वेबसाइट न्यूज डॉटकॉम डॉटएयू ने अपनी बाबा के आंदोलन की रिपोर्ट का शीर्षक
दिया है कि योग गुरु के राजनीतिक अनशन ने भारत को हिला दिया है।ब्रिटेन के
अखबार इंडीपेंडेंट की वेबसाइट ने लिखा है भारत में योग गुरु ने भ्रष्टाचार
को मिटाने के लिए धर्मयुद्ध छेड़ दिया है।
वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में
दिल्ली के पांच सितारा होटल में कैबिनेट मंत्रियों और रामदेव के बीच हुई
मुलाकात को तमाशा बताते हुए बाबा के आंदोलन की तैयारियों पर भी कटाक्ष किया
है।
संयुक्त अरब अमीरात के अखबार खलीज टाइम्स की वेबसाइट ने अपनी
रिपोर्ट में कहा है कि बाबा के अनशन ने भारत की सरकार को हिला दिया है।
रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि बाबा रामदेव के अनशन में शामिल
होने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग आए हैं।
अमेरिका के अखबार वाल
स्ट्रीट जर्नल ने अपनी वेबसाइट पर रामलीला मैदान में आंदोलन की तैयारियों
पर खास रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में रामलीला और रावण वध का जिक्र
करते हुए भ्रष्टाचार को रावण के रूप में बाताया गया है।
ब्रिटेन की
प्रतिष्ठित समाचार संस्था बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बाबा के आंदोलन पर
प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सवाल किया है कि बाबा का अनशन किसी नेक मकसद के लिए
है या फिर सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए? ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ ने
अपनी रिपोर्ट में आजादी के बाद से भ्रष्टाचार मिटाने के प्रयासों की
नाकामी का जिक्र करते हुए लिखा है कि अब योग और भूख हड़ताल के जरिए
भ्रष्टाचार विरोधियों ने देश को हिला दिया है।इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया
है कि यूं तो भारत की संसद में एक भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी बनाने के लिए
प्रयास १९६८ में ही शुरु हो गए थे लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं हो सका है।
भ्रष्टाचार मिटाने की अब तक की नाकामयाबियों ने अब भारत में एक महान आंदोलन
को प्रेरित किया है। आंदोलन शुरु हो चुका है और सरकार में बैचेनी बढ़ गई
है।
मलेशिया के अखबार द स्टार की वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है
कि भारत में एक योग गुरु अपने लाखों समर्थकों के साथ आंदोलन कर रहे हैं और
उनका उद्देश्य सिर्फ एक है- भारत से भ्रष्टाचार का खात्मा।
खाड़ी देशों
की प्रमुख न्यूज वेबसाइट गल्फ न्यूज ने लिखा है कि कांग्रेस ने बाबा
रामदेव के अनशन को रोकने में पूरी ताकत झोंक दी है। अमेरिका के प्रमुख
मीडिया संस्थान वॉयस ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय
योगगुरु ने एक देश की जड़ों मेंव्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने का बीड़ा
उठाया है। हालांकि सरकार की ओर से पूरी कोशिशें की जा रही हैं कि बाबा के
आंदोलन को रोक दिया जाए।