जयपुर. सिरोही के प्रभारी मंत्री और खाद्य राज्य मंत्री बाबूलाल नागर ने जिले के बैरा जेतपुर ग्राम पंचायत में हुए नरेगा घोटाले की जांच बदलवा दी।
जनलेखा समिति की रिपोर्ट में गड़बड़ियां उजागर होने के बाद गत ३क् मार्च को बीडीओ ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। शिवगंज के थानाधिकारी अचल सिंह देवड़ा को इसकी जांच सौंपी गई थी। प्रारंभिक जांच में बैरा जेतपुर की तत्कालीन सरपंच और चार अन्य लोगों को गड़बड़ी करने का दोषी पाया गया था। जांच में गड़बड़ियों की पुष्टि हुई, लेकिन इसी बीच 4 जून को बाबूलाल नागर ने जांच बदलवा दी। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से कई सवाल उठ रहे हैं।
मामला क्या: वर्ष 2008-09 में शिवगंज की ग्राम पंचायत बैरा जेतपुरा में नरेगा के कामों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईं थीं। जनलेखा समिति ने भी इन गड़बड़ियों की पुष्टि की। इसके बाद तत्कालीन सरपंच रतीबाई, सरपंच पति धीरा राम, ग्राम सेवक मंगलसिंह और भंवरसिंह के खिलाफ बीडीओ ने पुलिसथाना शिवगंज में मुकदमा दर्ज करवाया। प्रारंभिक जांच में जुर्म प्रमाणित था।
ये थीं गड़बड़ियां
> सरपंच ने अपने पति धीरा राम की फर्म से ही नरेगा में रोड़ी, पत्थर और दूसरी सामग्री की बिना टेंडर ही खरीद कर ली और भुगतान भी कर दिया।
> पंचायत से नरेगा में 2 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बिना चैक के नकद या बियरर चैक से कर दिया गया।
> 2008=09 और 2009=10 के दौरान सरपंच ने बिना टेंडर ही लाखों की सामग्री खरीद ली।
> ग्रेवल सड़क पर बिना रोलर के ही फर्जी बिलों को रिकॉर्ड में दर्शा दिया और रोलर चलाने का भुगतान उठा लिया।
इस तरह का मामला मेरी जानकारी में तो नहीं है। फिर भी जनसुनवाई में किसी जनप्रतिनिधि ने अगर मौजूदा जांच अधिकारी से न्याय नहीं मिलने की दलील देकर जांच दूसरे अफसर को देने की गुहार की होगी, तो जांच बदलने के लिए लिख दिया होगा। – बाबूलाल नागर, खाद्य राज्य मंत्री
जांच अब मेरे पास नहीं रही है, जांच बदल दी गई है और अब डिप्टी इस मामले की जांच कर रहे हैं। – अचल सिंह देवड़ा, पूर्व जांच अधिकारी
नरेगा घोटाले के मामले की जांच जारी है, जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। – अरुण सिंह कविया, डीएसपी सिरोही