बागबानी का राज पत्ती में छिपा है। अब एक पत्ती का परीक्षण बता देगा कि
फसल कैसी होगी। बागबान फलदार पौधे की पत्ती के सहारे अच्छी पैदावार हासिल
कर सकते हैं। एक छोटे से परीक्षण से पौधे फलों से लदे मिलेंगे। उद्यान
विभाग की इस सुविधा का लाभ लेने का यह उचित समय है। इसकी प्रक्रिया बेहद
सरल है। परंपरागत तरीके में बदलाव कर बागवानों के लिए यह सुविधा काफी कारगर
सिद्ध हो सकती है। इसके लिए बागवानों को महज अपने फलदार पौधों की पत्तियों
के नमूने लेकर विभाग को देने होंगे, जिसके बाद विभाग की प्रयोगशाला में इन
नमूनों पर परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में यह बातें सामने आएगी कि पौधे
को किन चीजों की आवश्यकता है, जिसमें खाद, दवाई, कटाई से लेकर उसके रखरखाव
के बारे में पूर्ण जानकारी विभाग की ओर से दी जाती है। प्रत्येक बागवान को
उनके नमूने के मुताबिक रिपोर्ट प्रदान की जाएगी। जिसमें इसका पूरा ब्योरा
दिया गया होगा, इसमें दर्शाई विधि को अपनाकर वह अच्छी फसल हासिल कर सकते
हैं। विभाग की ओर से यह सुविधा निशुल्क प्रदान की जा रही है। जिसमें बागबान
पत्तियों के नमूने खंड स्थित कार्यालयों में दे सकते हैं।
‘धर्मशाला स्थित विभाग की प्रयोगशाला में पत्ती परीक्षण किया जाता है।
बागवान इस सुविधा का लाभ उठाएं। इससे बेहतर उत्पादन हासिल किया जा सकता
है।’
-बीएस राणा, अतिरिक्त निदेशक, उद्यान विभाग
परीक्षण का है उचित समय
-पर्णपाती फल पौधे सेब, पलम के पौधों की पत्तियों के नमूने बागवान 15 अगस्त तक ले सकते हैं।
-अमरुद के पौधे की पत्तियों के नमूने लेने का उचित समय जुलाई अंत तक
हैं। बागवान नमूने इसी मौसम में पैदा हुई शाखा के अंतिम छोर से लें, यहां
पर वृद्धि बंद हो चुकी हो।
-अंगूर के फलदार शाखा की नई पत्ती का डंठल लें। जिस पर धूप अधिक पड़ती
हो। यह नमूने बागवान जुलाई के प्रथम सप्ताह से मध्य अगस्त तक लिए जा सकते
हैं।
-नींबू प्रजाति के फल पौधों से बसंत में आई शाखाओं में से 5-6 माह बाद
आई पत्तियों की टहनियों के मध्य भाग से नमूने ले। ये नमूने लेने का समय
अगस्त से 15 सितंबर तक है।