नई दिल्ली।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ने
बुधवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2011 को मंजूरी दे
दी। इसका लक्ष्य भुखमरी के शिकार लोगों को सरकार द्वारा खाद्य सहायता
मुहैया कराना है। परिषद अब इसे सरकार को भेजेगी। यह विधेयक संसद से पारित
हो गया तो देश के 90 फीसदी ग्रामीण परिवारों और 50 फीसदी शहरी परिवारों को
रियायती दर पर अनाज मिल सकेगा।
विधेयक के मुताबिक, 46 फीसदी ग्रामीण और 28 फीसदी शहरी परिवारों को
प्राथमिकता वाले समूह में रखा गया है। ये परिवार प्रति सदस्य 3 रुपए किलो
गेहूं, 2 रुपए किलो चावल और एक रुपए किलो मोटा अनाज 7 किलो खाद्यान्न लेने
के पात्र होंगे। 49 फीसदी ग्रामीण और 22 फीसदी शहरी परिवार सामान्य समूह के
तहत रखा गया है। इन्हें 4 रुपए प्रति किलो की दर से अनाज मिलेगा।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ने
बुधवार को हुई बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2011 को मंजूरी दे
दी। इसका लक्ष्य भुखमरी के शिकार लोगों को सरकार द्वारा खाद्य सहायता
मुहैया कराना है। परिषद अब इसे सरकार को भेजेगी। यह विधेयक संसद से पारित
हो गया तो देश के 90 फीसदी ग्रामीण परिवारों और 50 फीसदी शहरी परिवारों को
रियायती दर पर अनाज मिल सकेगा।
विधेयक के मुताबिक, 46 फीसदी ग्रामीण और 28 फीसदी शहरी परिवारों को
प्राथमिकता वाले समूह में रखा गया है। ये परिवार प्रति सदस्य 3 रुपए किलो
गेहूं, 2 रुपए किलो चावल और एक रुपए किलो मोटा अनाज 7 किलो खाद्यान्न लेने
के पात्र होंगे। 49 फीसदी ग्रामीण और 22 फीसदी शहरी परिवार सामान्य समूह के
तहत रखा गया है। इन्हें 4 रुपए प्रति किलो की दर से अनाज मिलेगा।