छत्तीसगढ़ खेतीबाड़ी का अलग से बजट बनाने वाला तीसरा राज्य

रायपुर.राज्य
में अब कृषि का बजट मुख्य बजट से अलग पेश किया जाएगा। अगले वित्त वर्ष से
फैसले पर अमल शुरू कर दिया जाएगा। मंगलवार को खाद-बीज वितरण की समीक्षा के
दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसकी घोषणा की। कृषि विभाग के साथ
खाद्य, जल संसाधन और सहकारिता विभाग का बजट एक किया जाएगा।




छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य है, जहां कृषि बजट अलग से पेश होगा। फिलहाल
कर्नाटक और मध्यप्रदेश में अलग से कृषि बजट बनता है। भाजपा अध्यक्ष नितिन
गडकरी ने पिछले दिनों राज्य में किसानों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री को
कृषि बजट अलग करने की सलाह दी थी।




कर्नाटक जाएगी राज्य की टीम




मुख्यमंत्री कृषि का बजट अलग करने का अभी से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारियों को कर्नाटक जाकर
कृषि बजट का अध्ययन करने को भी कहा है।




ताकि इसकी पूरी प्रक्रिया समझी जा सके। वर्तमान में कृषि विभाग के बजट मांग
में उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि अभियांत्रिकी और कृषि
विश्वविद्यालय की राशि शामिल की जाती है।




सोयाबीन खराब, नया बीज देने के निर्देश




कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने अधिकारियों से कहा कि जहां सोयाबीन के बीज
खराब होने की शिकायत आ रही है, वहां किसानों को तत्काल दूसरे बीज उपलब्ध
कराए जाएं। कृषि उत्पादन आयुक्त डी.एस. मिश्रा ने बताया कि राज्य गठन के
बाद पिछले साल खरीफ में अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। चालू
खरीफ में 47.64 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल कार्यक्रम लिया जा रहा है।




राज्य में सोयाबीन बीज की बढ़ी हुई मांग को शीघ्र ही पड़ोसी राज्यों से मंगाकर पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे है।




एसएसपी की खुली बिक्री पर रोक




मुख्यमंत्री ने रासायनिक खाद की कमी को देखते हुए सिंगल सुपर फास्फेट
(एसएसपी) खाद की खुली बिक्री पर रोक के निर्देश दिए हैं। सहकारी समितियों
के माध्यम से एसएसपी मुहैया होगा। किसानों को वैकल्पिक खाद की जानकारी देने
और एसएसपी देने को भी कहा।




प्रदेश को 379 करोड़ रुपए के 240 पुल मिले




केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की प्रमुख सड़कों पर 240
पुलों को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र से राज्य को 379 करोड़ रुपए की मदद
मिलेगी। नई दिल्ली में सोमवार को हुई मंत्रालय की सशक्त कमेटी की बैठक
में इसका फैसला किया गया।




प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कों पर25 मीटर से ऊपर के
पुलों का निर्माण अटका हुआ था। केंद्र से मंजूरी नहीं मिलने के कारण राज्य
की सड़कों का निर्माण अधूरा था।




इस संबंध में राज्य के पंचायत मंत्री रामविचार नेताम ने केंद्रीय मंत्री
विलासराव देशमुख से मुलाकात कर राज्य के पक्ष में निर्णय लेने का आग्रह
किया था। उसके बाद 20 जून को हुई केंद्रीय सशक्त समिति की बैठक में पुलों
को मंजूरी देने का फैसला किया गया।

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