पटना : मुजफ्फरपुर के बाद अब पीएमसीएच में भी रविवार को दो बच्चों की
अज्ञात बीमारी से मौत हो गयी. मरनेवालों में परसा बाजार की खुशी कुमारी व
गया की अमीरन खातून हैं. इसके अलावा नौबतपुर, पटना की कुमकुम कुमारी मौत से
जूझ रही है. उसे लक्षणों के आधार पर इन्सेफ्लाइटिस से पीड़ित बताया जा रहा
है. इन सभी की उम्र दो- से तीन वर्ष के भीतर है. पीएमसीएच में शिशु रोग
विभाग के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की देर रात इन तीनों बच्चियों को भरती
किया गया था.
जिन दो बच्चियों की मौत हुई है, उनकी प्रारंभिक जांच से
मैंनिंगोइन्सेफ्लाइटिस का पता चला है. यह बीमारी मेनिनजाइटिस व
इन्सेफ्लाइटिस का संयुक्त रूप है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इनकी पुख्ता
जांच होनी थी. उससे पहले ही अमीरन खातून की देर रात मृत्यु हो गयी. रविवार
को दोपहर एक बजे खुशी कुमारी ने भी दम तोड़ दिया. मौत से जूझ रही कुमकुम
में इन्सेफ्लाइटिस के प्रारंभिक लक्षण बताये जा रहे हैं. डॉक्टरों ने बताया
कि सोमवार को इसकी जांच होगी. ढाई वर्षीया कुमकुम यूनिट छह के वार्ड नंबर
दस में भरती है. इधर, देर रात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय
बैठक की.
केंद्रीय टीम करे बीमारी की जांच : सीएम
पटना : सरकार ने रहस्यमय बीमारी से बच्चों की मौत के मद्देनजर सभी मेडिकल
कॉलेज सह अस्पतालों व जिला अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है. इस बीच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद से
केंद्रीय टीम भेजने का अनुरोध किया.
डॉक्टरों की टीम व मंत्री जायेंगे मुजफ्फ़रपुर
पटना : मुजफ्फरपुर में फ़ैली महामारी का जायजा लेने स्वास्थ्य मंत्री
अश्विनी चौबे सोमवार को दोपहर 230 बजे मुजफ्फरपुर जायेंगे. पीएमसीएच व
एनएमसीएच के डॉक्टरों की टीम भी उनके साथ जायेगी. टीम में दोनों मेडिकल
कॉलेजों के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष , माइक्रोबायोलोजी विभाग के डॉक्टर व
यूनिसेफ के डॉक्टर शामिल होंगे.
मेनिनजाइटिस-ब्रेन के ऊपरी चमड़े का संक्रमण. इसका कारण बैक्टीरिया होता
है.इन्सेफ्लाइटिस-मस्तिष्क का सूजन या संक्रमण. इसका कारण वायरस होता है.
-एक वर्ष से ऊपर 12 वर्ष की उम्र वाले बच्चे में इन्सेफ्लाइटिस (जापानी बुखार ) होना आम है.
-एक वर्ष के भीतर के बच्चे में बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस बुखार ज्यादा होता है.
लक्षण
– शुरुआत में मामूली सरदर्द
– उसके बाद मिरगी का दौरा
– बेहोशी का आना
– निरंतर बुखार रहनाक्यों होता है?
– इन्सेफ्लाइटिस वायरल बीमारी है, जो कि क्यूलेक्स नाम के जापानी मच्छर के काटने से या हर्पीज नाम के वायरस से हो सकती है.
– जहां भी महामारी के तौर पर मस्तिष्क ज्वर फ़ैलता है, वहां जापानी बुखार इन्सेफ्लाइटिस की आशंका रहती है.
– खास कर गंदगी के जमा होने, जलजमाव में मच्छरों के पलने व कीचड़ , दलदल भी कारण हैं इस बुखार के.
बचाव
-बरसात का मौसम शुरू होते ही यह समस्या बढ़ जाती है. अपने आसपास गंदगी न जमा होने दें. जलजमाव रोकें और सफाई का विशेष ध्यान रखें.
– यदि लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत जिला अस्पताल व नजदीकी मेडिकल कॉलेज जाएं.
– वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन यह महामारी वाले स्थान पर विशेषसुविधा के साथ ही दी जाती है.
मुङो मिली जानकारी के अनुसार जिन बच्चों की रविवार को पटना में मौत हुई,
वे मेनिनजाइटिस से पीड़ित थे. – अमरजीत सिन्हा, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य
विभाग)