शिक्षा मंत्री के जादुई फार्मूले से सुधरेंगे स्कूल!

लुधियाना।
सरकारी स्कूलों के हालात सुधारना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। शिक्षा
विभाग के अफसरों ने तो शिक्षा सुधार के लिए हर फार्मूला अपनाकर देख लिया।
अफसरों का कोई भी फार्मूला ज्यादा कारगर साबित नहीं हो सका। सरकारी स्कूलों
का स्तर उठाने और लोगों में विश्वास पैदा करने की जिम्मेदारी शिक्षा
मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने खुद ही ले ली।




अब देखते हैं कि मंत्री जी के पास ऐसा कौन सा जादुई फार्मूला है, जिससे
सरकारी स्कूलों का स्तर एक दम से बढ़ जाएगा। शिक्षा मंत्री अब सेमिनार के
माध्यम से शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास करेंगे। इसीके तहत लुधियाना
में 17 जून को गुरुनानक देव भवन में सेमिनार रखा गया है।




शिक्षामंत्री सेवा सिंह सेखवां प्रत्येक जिले में एक सेमिनार करवा रहे हैं।
सेमिनार को संबोधित करने के लिए इस बार सरकार ने किसी रिसोर्स पर्सन को
नहीं बुलाया। बल्कि मंत्री खुद ही रिसोर्स पर्सन प्रिंसिपलों, पसवक कमेटी
के चेयरमैनों, गांवों के सरपंचों और पार्षदों को स्कूलों का स्तर सुधारने
की टिप्स देंगे। शिक्षा मंत्री का तर्क है कि वो खुद भी सरकारी स्कूल के
अध्यापक रहे हैं ऐसे में स्कूलों की स्थिति, अध्यापकों की मानसिकता और
विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की मानसिकता को अच्छी तरह समझते हैं। ऐसे
में वो खुद ही उनको शिक्षा सुधार के टिप्स देंगे।




परफॉरमेंस रिपोर्ट पर होगी सीधी बात


कहने को तो यह सेमिनार है, लेकिन शिक्षा मंत्री स्कूल प्रिंसिपलों से
परफॉरमेंस रिपोर्ट भी मांगेंगे। रिपोर्ट पर मंत्री व उनके सलाहकार समिति के
सदस्य प्रिंसिपलों से सीधी बात करेंगे। प्रिंसिपलों के साथ-साथ यही लोग
पसवक कमेटी के चेयरमैनों, सरपंचों और पार्षदों से भी स्कूल के अध्यापकों की
रिपोर्ट भी लेंगे। स्कूल में करवाए जा रहे सिविल वर्क का भी पूरा लेखा
जोखा मंत्री के सामने रखना होगा।




क्या क्या प्रयास हुए


पूर्व डीजीएसई कृष्ण कुमार ने सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए कई
प्रयास किए। कृष्ण कुमार ने स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के
लिए सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अन्य
राज्यों के मुकाबले कही ज्यादा बजट लेकर आए।

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