मंडी।
नेशनल सीड्स कॉपरेरेशन से खरीद कर प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश
के सब्जी उत्पादकों को उपलब्ध करवाए गए खीरे के घटिया बीज से मंडी जिला के
सब्जी उत्पादकों को लाखों की चपत लगी है। सबसिडी पर उपलब्ध करवाए गए खीरे
के बीज ने उस वक्त किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जब फसल लेने का वक्त
आया।
इस बीज से पैदा होने वाले खीरे एक तो आकार में सामान्य आकार से बेहद छोटा
है, वहीं फल लगते ही पीला पड़ रहा है। ऐसे में सब्जी उत्पादकों को अपनी
खीरे की फसल बेचने में कठिनाई सामने आ रही है। खीरे के बीज के घटिया होने
से जहां सब्जी उत्पादकों को गुस्सा अपने चरम पर है, वहीं कृषि विभाग में
हड़कंप मंच गया है। कृषि विभाग की एक टीम ने बल्ह घाटी में कई सब्जी
उत्पादकों के खेतों में पहुंच कर रिपोर्ट अपने आला अधिकारियों को भेज दी
है।
खेतों में पहुंचे अफसर
नकली बीज से कृषि विभाग की फजीहत का सिलसिला जारी है। अब सरकारी खरीद का
बीज ही नकली निकलने के बाद कृषि विभाग मंडी के अफसरों में हड़कंप मंच गया
है। उपनिदेशक कृषि मंडी के आदेश के बाद मंगलवार को कृषि विभाग के
अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने बल्ह घाटी की खांदला पंचायत का दौरा कर
उन सारे खेतों का जायजा लिया, जहां सरकारी दुकानों से खरीदे गए खीरे का
बीज बोया गया था। विभाग के अफसरों और विशेषज्ञों ने माना है कि खीरे पीले
पड़ रहे हैं।
लाखों का नुकसान
बल्ह के सब्जी उत्पादक कमलदेव सैणी ने बताया कि सब्जी उत्पादकों ने नेशनल
सीड्स कापरेरेशन की ओर से प्रदेश कृषि विभाग को उपलब्ध करवाया गया बीज
खरीदा था। बीज घटिया था, इससे फसल घटिया हुई और किसानों को लाखों की चपत
लगी है। शिकायत विभाग के अफसरों से की गई है।
धान के बीज से मचा हड़कंप
कुछ दिन पहले मंडी में धान के नकली बीज के बाजार में पहुंचने पर कृषि विभाग
में हड़कंप मच गया था और इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत
पहुंची थी। आनन फानन में कृषि विभाग ने छापेमारी कर कई बीज की दुकानों से
सैंपल भरे थे और फिर यह फैसला लिया था कि अगले साल किसानों को धान का बीज
बाहर से खरीदने के बजाय प्रदेश में तैयार करने का निर्णय कृषि विभाग ने
लिया था।
हर साल होता है किसानों के साथ धोखा
मंडी में बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार की ओर से सबसिडी पर वहां के किसानों
को दिया गया गोभी का बीज मंडी से बरामद हुआ था। नकली खाद बेचने केआरोप में
बीते वर्ष कुम्मी गांव में एक महिला को पकड़ा गया था। पिछले साल ही कुल्लू
में टमाटर का बीज घटिया पाया गया था। वर्ष 2009 में धान्य सीड्स कंपनी का
धान का नकली बीज बेचने पर डडौर में एक बीज विक्रेता की किसानों ने पिटाई की
थी। पिछले साल मंटैसो कंपनी की ओर से मक्की के बीज की सरकारी खरीद पर
अंगुलियां उठी थीं। पिछले सीजन में गेहूं के बीज में पीला रतुआ की बीमारी
पाई गई थी।
नेशनल सीड्स कॉपरेरेशन से खरीद कर प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश
के सब्जी उत्पादकों को उपलब्ध करवाए गए खीरे के घटिया बीज से मंडी जिला के
सब्जी उत्पादकों को लाखों की चपत लगी है। सबसिडी पर उपलब्ध करवाए गए खीरे
के बीज ने उस वक्त किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जब फसल लेने का वक्त
आया।
इस बीज से पैदा होने वाले खीरे एक तो आकार में सामान्य आकार से बेहद छोटा
है, वहीं फल लगते ही पीला पड़ रहा है। ऐसे में सब्जी उत्पादकों को अपनी
खीरे की फसल बेचने में कठिनाई सामने आ रही है। खीरे के बीज के घटिया होने
से जहां सब्जी उत्पादकों को गुस्सा अपने चरम पर है, वहीं कृषि विभाग में
हड़कंप मंच गया है। कृषि विभाग की एक टीम ने बल्ह घाटी में कई सब्जी
उत्पादकों के खेतों में पहुंच कर रिपोर्ट अपने आला अधिकारियों को भेज दी
है।
खेतों में पहुंचे अफसर
नकली बीज से कृषि विभाग की फजीहत का सिलसिला जारी है। अब सरकारी खरीद का
बीज ही नकली निकलने के बाद कृषि विभाग मंडी के अफसरों में हड़कंप मंच गया
है। उपनिदेशक कृषि मंडी के आदेश के बाद मंगलवार को कृषि विभाग के
अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने बल्ह घाटी की खांदला पंचायत का दौरा कर
उन सारे खेतों का जायजा लिया, जहां सरकारी दुकानों से खरीदे गए खीरे का
बीज बोया गया था। विभाग के अफसरों और विशेषज्ञों ने माना है कि खीरे पीले
पड़ रहे हैं।
लाखों का नुकसान
बल्ह के सब्जी उत्पादक कमलदेव सैणी ने बताया कि सब्जी उत्पादकों ने नेशनल
सीड्स कापरेरेशन की ओर से प्रदेश कृषि विभाग को उपलब्ध करवाया गया बीज
खरीदा था। बीज घटिया था, इससे फसल घटिया हुई और किसानों को लाखों की चपत
लगी है। शिकायत विभाग के अफसरों से की गई है।
धान के बीज से मचा हड़कंप
कुछ दिन पहले मंडी में धान के नकली बीज के बाजार में पहुंचने पर कृषि विभाग
में हड़कंप मच गया था और इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत
पहुंची थी। आनन फानन में कृषि विभाग ने छापेमारी कर कई बीज की दुकानों से
सैंपल भरे थे और फिर यह फैसला लिया था कि अगले साल किसानों को धान का बीज
बाहर से खरीदने के बजाय प्रदेश में तैयार करने का निर्णय कृषि विभाग ने
लिया था।
हर साल होता है किसानों के साथ धोखा
मंडी में बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार की ओर से सबसिडी पर वहां के किसानों
को दिया गया गोभी का बीज मंडी से बरामद हुआ था। नकली खाद बेचने केआरोप में
बीते वर्ष कुम्मी गांव में एक महिला को पकड़ा गया था। पिछले साल ही कुल्लू
में टमाटर का बीज घटिया पाया गया था। वर्ष 2009 में धान्य सीड्स कंपनी का
धान का नकली बीज बेचने पर डडौर में एक बीज विक्रेता की किसानों ने पिटाई की
थी। पिछले साल मंटैसो कंपनी की ओर से मक्की के बीज की सरकारी खरीद पर
अंगुलियां उठी थीं। पिछले सीजन में गेहूं के बीज में पीला रतुआ की बीमारी
पाई गई थी।