नई दिल्ली.
लोकपाल बिल बनाने की मुहिम की अगुवाई कर रहे अन्ना हजारे के ट्रस्ट के
खातों पर आयकर विभाग की नजर टेढ़ी हो गई है। लोकपाल पर मसौदा समिति की
बैठक से ऐन पहले इनकम टैक्स विभाग के अफसर अन्ना के दफ्तर पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को ट्रस्ट के दफ्तर
जाकर जांच की और करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। हालांकि इस बारे में
आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
सूत्र बताते हैं कि
अन्ना के ट्रस्ट की संपत्तियों की जांच के लिए पहुंची टीम अपने साथ कोई
दस्तावेज नहीं ले गई है। विभाग की कार्रवाई जिस समय हुई है, उसे देखते हुए
माना जा रहा है कि आयकर विभाग की कार्रवाई अन्ना पर शिकंजा कसने के लिए
है। अन्ना और उनके साथी लोकपाल बिल के दायरे में प्रधानमंत्री को रखे जाने
पर अड़े हुए हैं।
शिव सेना भड़की
अन्ना के ट्रस्ट
के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई से शिव सेना भी भड़क गई है। पार्टी के
मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि जन लोकपाल विधेयक
पर सरकार से भिड़ने वाले अन्ना हजारे को सरकार ने घेरना शुरू कर दिया है।
पार्टी का आरोप है कि सरकार ने अन्ना को घेरने के लिए आयकर विभाग को अपना
हथियार बनाया है और अन्ना पर आईटी का फंदा कसने की तैयारी हो गई है।
हालांकि
अन्ना हजारे पहले ही अपनी जायदाद की पूरी जानकारी सरकार को दे चुके हैं।
लेकिन इसके बावजूद आयकर विभाग का एक दस्ता पुणे के रालेगांवसिद्धी स्थित
अन्ना के ट्रस्ट की संपत्ति की जांच की। शिव सेना का दावा है कि आयकर
विभाग के दस्ते को जांच में कुछ भी नहीं मिला है। हिंद स्वराज ट्रस्ट,
कृष्णा पाणीवापरसंघा, संत यादव बाबा शिक्षण प्रसारक मंडल, भ्रष्टाचार
विरोधी जनआंदोलन आदि अन्ना से जुड़ी कई संस्थाएं हैं।