लोकपाल पर बैठक से पहले अन्‍ना का अल्‍टीमेटम: 30 तक नहीं बनी बात तो देखेंगे

नई दिल्‍ली.
लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति की बैठक से ऐन पहले अन्‍ना
हजारे ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ‘निर्वाचित
तानाशाह’ है। अगर 30 तारीख तक बिल के ड्राफ्ट पर सहमति नहीं बनी तो फिर
देखेंगे। इधर बीजेपी भी खुलकर सिविल सोसायटी के पक्ष में आई है।


अन्‍ना
और समिति में सिविल सोसाइटी के बाकी सदस्‍यों की मांग है कि लोकपाल के
दायरे में प्रधानमंत्री और न्‍यायपालिका को भी रखा जाए, लेकिन सरकार इसे
नहीं मान रही है। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। अपनी मांग नहीं
माने जाने पर समिति की पिछली बैठक का सिवि‍ल सोसाइटी के सदस्‍यों ने
बहिष्‍कार तक कर दिया था।


उनकी मांग थी कि बैठक की वीडियोग्राफी हो
और उसका सीधा प्रसारण जनता को दिखाया जाए। पर समिति के अध्‍यक्ष प्रणव
मुखर्जी ने यह मांग खारिज कर दी और कहा कि यह कोई सर्कस नहीं है।इसके जवाब
में अन्‍ना ने कहा कि सरकार जनता की सेवक और प्रतिनिधि है। वह क्‍या कर रही
है, यह जनता को पता होना चाहिए।


बैठक में क्‍या बात हो रही है,
जनता को यह जानने का हक है। पर सरकार ऐसा नहीं चाहती।कांग्रेस प्रवक्‍ता
मनीष तिवारी ने सोमवार को सिविल सोसाइटी के सदस्‍यों को गैर निर्वाचित
तानाशाह बताया था। इसके जवाब में अन्‍ना ने कहा कि तो वे ‘निर्वाचित
तानाशाह’ हैं।


बीजेपी ने कहा, लोकपाल ड्राफ्ट कमेटी बनाना नाटक था

बीजेपी
प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आज आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार
के मुद्दे पर कुछ नहीं करना चाहती। लोकपाल बिल पर बनी ड्राफ्ट कमेटी के
बारे में उन्होंने कहा कि यह सब नाटक था और अब कांग्रेस का असली चेहरा
सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्री लगातार अन्ना हजारे पर
हमला कर, उन पर ही अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। 



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