गुना.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मंशाओं पर सवाल खड़े करने वाले
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अब प्रधानमंत्री और उच्च न्यायपालिका को
लोकपाल के दायरे में लाने का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा,मेरे
विचार से प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका, स्वैच्छिक संगठन और औद्योगिक
घरानों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए
कि लोकपाल अपनी ताकत का दुरुपयोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जब वे मप्र
के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री के पद को लोकायुक्त के दायरे
में रखा था।
हालांकि वे अन्ना जैसे नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की आलोचना में पीछे नहीं रहे।
उन्होंने
कहा कि कुछ लोगों द्वारा सरकार पर दबाव बनाना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए
ठीक नहीं है। सिंह ने कहा कि अन्ना हजारे को सरकार विरोधी बयान देने के
बजाय लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठकों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने
कहा कि यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर है और काले धन को भारत
लाने के लिए 23 देशों से सरकार ने करार किए हैं।
संघ ने उठाया अनशन का फायदा :
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हजारे और बाबा रामदेव के अनशन में कोई अंतर नहीं
है। संघ ने इन दोनों की मदद हिंदू आतंकवाद के मुद्दे से लोगों का ध्यान
भटकाने में ली।