भोपाल.
अगर तुरंत इंतजाम नहीं किए गए तो प्रदेश में करीब 317 करोड़ का ढाई लाख
मीट्रिक टन गेहूं खराब हो जाएगा। बता दें कि इस साल प्रदेश में समर्थन
मूल्य (1270 रुपए) पर 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
इसमें से करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है और मानसून पूर्व
की झमाझम ने इसे बर्बादी की कगार पर ला दिया है।
बीते साल करीब 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, जिसमें से बारिश में
चार करोड़ रुपए मूल्य का गेहूं सड़ गया था। वेयर हाउसिंग कारपोरेशन तथा
अन्य गोदामों की क्षमता 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं रखने लायक नहीं होने से
भंडारण की समस्या पैदा हुई।
शिवराज सिंह की मनमोहन से गुहार
समर्थन मूल्य पर गेहूं की बंपर खरीदी के बाद उसे रखने के इंतजाम को लेकर
परेशान प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और खाद्य एवं
नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री केवी थॉमस से मुलाकात की।
चौहान ने एक बार फिर 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं सुप्रीम कोर्ट की मंशा के
मुताबिक गरीबों को मुफ्त बांटने या मप्र को अतिरिक्त रूप से आवंटित करने की
मांग की। साथ ही, प्रदेश में भंडारण क्षमता 30 लाख मीट्रिक टन और बढ़ाने
के लिए गोदाम बनाने की मांग भी की। थॉमस ने अनाज बचाने के लिए अस्थाई
भंडारण की सलाह दी। थॉमस ने चौहान को भरोसा दिलाया कि मप्र में उपलब्ध
गेहूं को सुरक्षित रूप से अन्य राज्यों में भेजा जाएगा और निर्यात भी किया
जाएगा।
अगर तुरंत इंतजाम नहीं किए गए तो प्रदेश में करीब 317 करोड़ का ढाई लाख
मीट्रिक टन गेहूं खराब हो जाएगा। बता दें कि इस साल प्रदेश में समर्थन
मूल्य (1270 रुपए) पर 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
इसमें से करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है और मानसून पूर्व
की झमाझम ने इसे बर्बादी की कगार पर ला दिया है।
बीते साल करीब 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, जिसमें से बारिश में
चार करोड़ रुपए मूल्य का गेहूं सड़ गया था। वेयर हाउसिंग कारपोरेशन तथा
अन्य गोदामों की क्षमता 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं रखने लायक नहीं होने से
भंडारण की समस्या पैदा हुई।
शिवराज सिंह की मनमोहन से गुहार
समर्थन मूल्य पर गेहूं की बंपर खरीदी के बाद उसे रखने के इंतजाम को लेकर
परेशान प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और खाद्य एवं
नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री केवी थॉमस से मुलाकात की।
चौहान ने एक बार फिर 18 लाख मीट्रिक टन गेहूं सुप्रीम कोर्ट की मंशा के
मुताबिक गरीबों को मुफ्त बांटने या मप्र को अतिरिक्त रूप से आवंटित करने की
मांग की। साथ ही, प्रदेश में भंडारण क्षमता 30 लाख मीट्रिक टन और बढ़ाने
के लिए गोदाम बनाने की मांग भी की। थॉमस ने अनाज बचाने के लिए अस्थाई
भंडारण की सलाह दी। थॉमस ने चौहान को भरोसा दिलाया कि मप्र में उपलब्ध
गेहूं को सुरक्षित रूप से अन्य राज्यों में भेजा जाएगा और निर्यात भी किया
जाएगा।