प्रदेश में बन रही पांच दवाइयां घटिया

धर्मशाला।
स्वास्थ्य क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी स्थान हासिल कर चुके
हिमाचल प्रदेश में निजी दवाई निर्माता कंपनियों की लापरवाही रोगियों पर
भारी पड़ती जा रही हैं। प्रदेश में उत्पादन की रही पांच दवाई निर्माता
कंपनियों की पांच दवाइयां जांच में घटिया श्रेणी की पाई गई हैं।




इसका खुलासा महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (महा एफडीए) की ओर से मई में
प्रदेश से लिए गए दवाइयों के सैंपलों की जांच में हुआ है। जांच के अनुसार
दवाइयां फॉर्मूले के अनुसार नहीं हैं। इनमें सॉल्ट की मात्रा की फॉर्मूले
के अनुरूप नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी दवाइयां रिएक्शन कर सकती हैं
या मरीज पर इन दवाइयों का कोई असर नहीं होता। वहीं एसोसिएशन का मानना है
कि कंपनियां फायदे के लिए ऐसा करती हैं।




एसोसिएशन ने जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, वह घटिया पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजने का निर्णय लिया
है। महा एफडीए के अनुसार मई में लिए गए दवाइयों के सैंपल में प्रदेश की
वेटा ड्रग्स, मैगबरो हेल्थकेयर, राहुल फार्मास्यूटिकल्स, साईवलिस ड्रग्स
एंड फार्मास्यूटिकल्स और स्पैंकर बायोटेक की दवाइयां शामिल हैं। इन
कंपनियों में से मैगबरो कंपनी स्पाइड टेबलेट्स और राहुल फार्मास्यूटिकल्स
इनजाइम प्लस दवाई निर्माता क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनियां हैं। अप्रैल
2011 में भी एसोसिएशन की ओर से लिए गए दवाइयों के सैंपल की जांच में मैगबरो
हेल्थकेयर की दवाइयां घटिया पाई गई थी। मई के सैंपल की जांच में भी इस
कंपनी की दवाई शामिल हैं।




एसोसिएशन की ओर से अप्रैल 2011 में हिमाचल प्रदेश से लिए गए दवाइयों के
सैंपल में से 10 सैंपल घटिया पाए गए थे। इनमें एफाइन फॉम्यूलेशन, एएसए
बायोटेक, एथेन्स लैब, एलफिन ड्रग्स, हेल्थ बायोटेक, आईओएन हेल्थकेयर,
मैगबरो हेल्थकेयर, मिशन लैबोरेटरी, ऑरिसन फार्मा इंटरनेशनल और स्काईलाइन
फार्मा शामिल थी।




चार राज्यों की 16 दवाइयों पर संदेह


महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (महा एफडीए) ने हिमाचल प्रदेश के अलावा
आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड से मई में विभिन्न दवाइयों के सैंपल
लेकर जांच के लिए भेजे थे। इनमें 16 दवाइयों के सैंपल घटिया पाए गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक दवाइयों के सैंपल जांच में हिमाचल और महाराष्ट्र
की दवाइयों के पांच, उत्तराखंड की चार और आंध्र प्रदेश की एक दवाई के सैंपल
घटिया पाए गए हैं।

 

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