नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को आड़े हाथ लेते हुए
गाधीवादी अन्ना हज़ारे के नेतृत्व वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आज कहा कि
मंत्री हमारे द्वारा समिति का हमेशा के लिए बहिष्कार किए जाने की बात कह
रहे हैं जो असल में कभी हमारी ओर से कही ही नहीं गई।
आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यहा संवाददाताओं से कहा कि हम यह
समिति नहीं छोड़ेंगे। हमने सोमवार को बैठक में भाग नहीं लिया। समिति के
अध्यक्ष [वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी] को लिखा हमारा पत्र कहता है कि हम
रामदेव पर हुई कार्रवाई के विरोध में एक दिन के लिए बैठक में भाग नहीं ले
रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिब्बल हमारी कही बातों में अपने शब्द जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने दंभ को कम करना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि सिब्बल कह रहे हैं कि हम चाहे आएं या नहीं आएं, वे
बैठक करेंगे। इसके क्या मायने हैं? हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि हम बैठकों में
भाग नहीं लेंगे। वह जानबूझकर हमारी बातों में अपने शब्द जोड़ रहे हैं।
सिब्बल ने लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में
समाज की ओर से शामिल सदस्यों पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप
लगाया था। सिब्बल ने सरकार के मंत्रियों को ‘धोखेबाज’ कहने जैसे शब्दों पर
ऐतराज जताया था। काग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी की अन्ना हज़ारे को
भाजपा का मुखौटा बताने की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एक अन्य
कार्यकर्ता प्रशात भूषण ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों की निंदा होनी
चाहिए।