नई
दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने विशाल कारोबारी
साम्राज्य खड़ा कर रखा है। उनके सबसे करीबी विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण
३४ कंपनियों के डायरेक्टर हैं। ये सभी कंपनियां केवल पांच साल, याने २००६
से २०११ के बीच अस्तित्व में आईं।
सीबीआई और आयकर विभाग ने अब अपनी
नजर इन कंपनियों पर डाली है। जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में बाबा
के दो ट्रस्ट पतांजलि योगपीठ ट्रस्ट और दिव्य योग मंदिर को निशाने पर लिया
गया है।
ये ट्रस्ट उत्तराखंड के हरिद्वार में करीब १००० एकड़ जमीन
पर बने हुए हैं। २००९-२०१० में इन दोनों ट्रस्ट का टर्नओवर करीब ११००
करोड़ आंका गया। और यदि इन सभी ३४ कंपनियों का टर्न ओवर आंका जाए, तो यह
कई करोड़ रुपए होगा। बाबा के विश्वसनीय सलाहकार आचार्य बालकृष्ण इन सभी
कंपनियों के डायरेक्टर हैं। पतंजलि आयुर्वेद, जो इन सभी कंपनियों में सबसे
बड़ी मानी जाती है की वेबसाइट पर भी बालकृष्ण की जबर्दस्त तारीफ है। इसके
अनुसार आचार्य बालकृष्ण को प्रबंधन, प्रशासन और इंजीनियरिंग क्षेत्र का
काफी व्यापक अनुभव है औऱ विश्व के कई जाने माने लोग उनसे संपर्क कर, सीखने
की कोशिश करते हैं।
केंद्र सरकार के कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय
में उपलब्ध जानकारी के अनुसार ये कंपनियां दवाएं, कॉस्मेटिक्स, उर्जा आदि
क्षेत्रों की हैं। यही नहीं आचार्य रियल इस्टेट में भी सक्रिय हैं। आटार्य
बालकृष्ण की कंपनियों में पतांजलि आयुर्वेद लिमिटेड, दिव्य फार्मेसी योग,
आरोग्य हर्बल, झारखंड मेगा फुड पार्क, दिव्य फार्मा और डायनामिक बिल्डकॉम
शामिल हैं।
आचार्य बालकृष्ण जिन दूसरी कंपनियों के डायरेक्टर हैं
उनमें टीवी प्रोडक्शन और ब्राडकास्टिंग के क्षेत्र में वैदिक आस्था भजन
ब्राडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और वैदिक ब्राडकॉस्टिंग लिमिटेड भी हैं।
इनके अलावा बालकृष्ण पतांजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतांजलि बिस्किस्ट्स
प्राइवेट लिमिटेड, पतांजलि एरोमैटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, पतांजलि
टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि फ्लेक्सीपार्क प्राइवेट लिमिटेड,
पतंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि हाइ़ड्रोपोनिक्स प्राइवेट
लिमिटेड भी चला रहे हैं।
उधर, पुरी के शंकराचार्य स्वामी
अधोक्षजानंद तीर्थ ने योग गुरु बाबा रामदेव की कड़ी आलोचना की है और कहा है
कि उन्हें केवल योग सिखाना चाहिए और किसी राजनीतिक विवाद में नहीं उलझना
चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव के पास ही काफी अवैध संपत्ति है
और सबसे पहले उन्हें अपनी संपत्ति का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने सुझाव
दिया कि बाबा रामदेव बजाए सरकार के साथ विवाद में पड़ने के योग के माध्यम
से समाजसेवा करें।
गुवाहाटी में पत्रकारों से बातचीत में
उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि बाबा ने भी पिछले आठ सालों में अपार संपत्ति
जमा की है। यह भी काला धन है, पहले उसका हिसाब बाबा को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा काला धन वापस लाया जाए, लेकिन इसका कुछ
नियम है, जिससे इसमें देरी हो सकती है। लेकिन हमारे देश में जो काला धन
धर्मगुरुओं और व्यवसायियों के पास जमा है, पहले उसे बाहर लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा किसभी धार्मिक व्यक्तियों को पवित्र जीवन बिताना चाहिए और
पूरी मानवता की भलाई की बात करनी चाहिए।
दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने विशाल कारोबारी
साम्राज्य खड़ा कर रखा है। उनके सबसे करीबी विश्वासपात्र आचार्य बालकृष्ण
३४ कंपनियों के डायरेक्टर हैं। ये सभी कंपनियां केवल पांच साल, याने २००६
से २०११ के बीच अस्तित्व में आईं।
सीबीआई और आयकर विभाग ने अब अपनी
नजर इन कंपनियों पर डाली है। जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में बाबा
के दो ट्रस्ट पतांजलि योगपीठ ट्रस्ट और दिव्य योग मंदिर को निशाने पर लिया
गया है।
ये ट्रस्ट उत्तराखंड के हरिद्वार में करीब १००० एकड़ जमीन
पर बने हुए हैं। २००९-२०१० में इन दोनों ट्रस्ट का टर्नओवर करीब ११००
करोड़ आंका गया। और यदि इन सभी ३४ कंपनियों का टर्न ओवर आंका जाए, तो यह
कई करोड़ रुपए होगा। बाबा के विश्वसनीय सलाहकार आचार्य बालकृष्ण इन सभी
कंपनियों के डायरेक्टर हैं। पतंजलि आयुर्वेद, जो इन सभी कंपनियों में सबसे
बड़ी मानी जाती है की वेबसाइट पर भी बालकृष्ण की जबर्दस्त तारीफ है। इसके
अनुसार आचार्य बालकृष्ण को प्रबंधन, प्रशासन और इंजीनियरिंग क्षेत्र का
काफी व्यापक अनुभव है औऱ विश्व के कई जाने माने लोग उनसे संपर्क कर, सीखने
की कोशिश करते हैं।
केंद्र सरकार के कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय
में उपलब्ध जानकारी के अनुसार ये कंपनियां दवाएं, कॉस्मेटिक्स, उर्जा आदि
क्षेत्रों की हैं। यही नहीं आचार्य रियल इस्टेट में भी सक्रिय हैं। आटार्य
बालकृष्ण की कंपनियों में पतांजलि आयुर्वेद लिमिटेड, दिव्य फार्मेसी योग,
आरोग्य हर्बल, झारखंड मेगा फुड पार्क, दिव्य फार्मा और डायनामिक बिल्डकॉम
शामिल हैं।
आचार्य बालकृष्ण जिन दूसरी कंपनियों के डायरेक्टर हैं
उनमें टीवी प्रोडक्शन और ब्राडकास्टिंग के क्षेत्र में वैदिक आस्था भजन
ब्राडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और वैदिक ब्राडकॉस्टिंग लिमिटेड भी हैं।
इनके अलावा बालकृष्ण पतांजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पतांजलि बिस्किस्ट्स
प्राइवेट लिमिटेड, पतांजलि एरोमैटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, पतांजलि
टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, पतंजलि फ्लेक्सीपार्क प्राइवेट लिमिटेड,
पतंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि हाइ़ड्रोपोनिक्स प्राइवेट
लिमिटेड भी चला रहे हैं।
उधर, पुरी के शंकराचार्य स्वामी
अधोक्षजानंद तीर्थ ने योग गुरु बाबा रामदेव की कड़ी आलोचना की है और कहा है
कि उन्हें केवल योग सिखाना चाहिए और किसी राजनीतिक विवाद में नहीं उलझना
चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव के पास ही काफी अवैध संपत्ति है
और सबसे पहले उन्हें अपनी संपत्ति का खुलासा करना चाहिए। उन्होंने सुझाव
दिया कि बाबा रामदेव बजाए सरकार के साथ विवाद में पड़ने के योग के माध्यम
से समाजसेवा करें।
गुवाहाटी में पत्रकारों से बातचीत में
उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि बाबा ने भी पिछले आठ सालों में अपार संपत्ति
जमा की है। यह भी काला धन है, पहले उसका हिसाब बाबा को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा काला धन वापस लाया जाए, लेकिन इसका कुछ
नियम है, जिससे इसमें देरी हो सकती है। लेकिन हमारे देश में जो काला धन
धर्मगुरुओं और व्यवसायियों के पास जमा है, पहले उसे बाहर लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा किसभी धार्मिक व्यक्तियों को पवित्र जीवन बिताना चाहिए और
पूरी मानवता की भलाई की बात करनी चाहिए।