पंजाब की जीवनदायिनी कही जाने वाली सतलुज दरिया की हालत बदतर हो गई है।
इस नदी का पानी पीना तो दूर, इसके पास से गुजरना भी मुश्किल है। नदी में
लुधियाना इंडस्ट्रीज के पानी मिलने और पूजा इत्यादि की सामग्री प्रवाहित
करने के कारण दूषित हुए पानी ने सारे मालवा क्षेत्र में पानी को दूषित कर
दिया है। यहां भूजल भी खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। इसका परिणाम यह है
कि दरिया के साथ लगते इलाके में लोग कैंसर की चपेट में आ रहे है। दूषित
पानी की वजह से नदियों में जीव जंतुओं का अस्तित्व भी खतरें में आ गया है।
यही नहीं दरिया के साथ लगते कई शहरों का सीवरेज पानी भी बिना ट्रीटमेंट किए
दरिया में डाला जा रहा है। इस स्थिति के लिए जहां लोग जिम्मेदार हैं वहीं
समय की सरकारें भी जिम्मेदार हैं जो इन दरियाओं को दूषित होने से रोकने के
लिए असमर्थ है।
रूरल एनजीओ के जिला प्रधान एमपी लूंबा तथा पूर्व उप प्रिंसिपल विजय सूद
का कहना है कि पानी की ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये शुद्ध करके खेतों में
इस्तेमाल करने की जरूरत है अन्यथा कैंसर की चपेट में आने वालों की गिनती
दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी। एसडीएम का कहना है कि दरिया में पानी के प्रदूषण का
मामला राज्य सरकार के ध्यान में है। इसके तहत दरिया को प्रदूषित होने से
बचाने के लिए शहरों के सीवरेज पानी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने
की कार्रवाई पर अमल शुरू हो चुका है।