लखनऊ।
उत्तरप्रदेश में गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों को सरकार
द्वारा दी जाने वाली फीस में लगभग एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया
है। सरकार ने इस मामले में गाजियाबाद व लखनऊ के कॉलेजों के खिलाफ मामला
दर्ज किया है। इस घोटाले की जांच के दायरे में निजी इंजीनियरिंग कालेज और
व्यावसायिक शिक्षा संस्थान है। राज्य में विभिन्न तरह की 18 अरब रुपए की
छात्रवृत्तियां बांटी जाती हैं।
इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बलविंदर कुमार ने कहा कि
जांच के बाद दोषी कालेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फीस
प्रतिपूर्ति मामले में गड़बड़ी के आरोप में एक इंजीनियरिंग कॉलेज व एक
मैनेजमेंट कॉलेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या है गड़बड़ी : उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे ऐसे छात्रों जिनके अभिभावक
की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम है उनकी फीस सरकार देती है। छात्रों से
केवल ट्यूशन फीस ली जाती है। यदि छात्र ने फीस जमा की है तो उसे फीस वापस
कर दिया जाती है। कई कालेजों ने सरकार से फीस लेने के बाद भी छात्रों से
फीस की पूरी राशि वसूल ली है।
पांच सौ कॉलेज जांच के दायरे में : राज्य में करीब 500 इंजीनियरिंग और
मैनेजमेंट कॉलेज है। ज्यादातर इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कालेज जांच के दायरे
में हैं। करोड़ों रुपए की प्रतिपूर्ति का हिसाब नहीं देने वाले ऐसे
कॉलेजों की जांच कराने के आदेश दिया है। ऐसी जांच हर जिले में चल रही है।
उत्तरप्रदेश में गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों को सरकार
द्वारा दी जाने वाली फीस में लगभग एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया
है। सरकार ने इस मामले में गाजियाबाद व लखनऊ के कॉलेजों के खिलाफ मामला
दर्ज किया है। इस घोटाले की जांच के दायरे में निजी इंजीनियरिंग कालेज और
व्यावसायिक शिक्षा संस्थान है। राज्य में विभिन्न तरह की 18 अरब रुपए की
छात्रवृत्तियां बांटी जाती हैं।
इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बलविंदर कुमार ने कहा कि
जांच के बाद दोषी कालेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फीस
प्रतिपूर्ति मामले में गड़बड़ी के आरोप में एक इंजीनियरिंग कॉलेज व एक
मैनेजमेंट कॉलेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या है गड़बड़ी : उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे ऐसे छात्रों जिनके अभिभावक
की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम है उनकी फीस सरकार देती है। छात्रों से
केवल ट्यूशन फीस ली जाती है। यदि छात्र ने फीस जमा की है तो उसे फीस वापस
कर दिया जाती है। कई कालेजों ने सरकार से फीस लेने के बाद भी छात्रों से
फीस की पूरी राशि वसूल ली है।
पांच सौ कॉलेज जांच के दायरे में : राज्य में करीब 500 इंजीनियरिंग और
मैनेजमेंट कॉलेज है। ज्यादातर इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कालेज जांच के दायरे
में हैं। करोड़ों रुपए की प्रतिपूर्ति का हिसाब नहीं देने वाले ऐसे
कॉलेजों की जांच कराने के आदेश दिया है। ऐसी जांच हर जिले में चल रही है।