अहमदाबाद.
गुजरात के आणंद कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तंबाकू की पत्ती में
पाए जाने वाले प्रोटीन कन्सन्ट्रेट से प्रोटीन पाउडर अलग करने में सफलता
हासिल की है। शोध का नेतृत्व करने वाले विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एडी
पटेल ने बताया कि यह प्रोटीन पाउडर सफेद रंग का होता है। इसमें निकोटिन
नहीं होता।
वैज्ञानिकों ने प्रोटीन के स्रोत का विकल्प तैयार करने के लिए यह शोध किया।
क्योंकि प्रोटीन के प्राकृतिक स्रोत जैसे कि दालें आम लोगों की पहुंच से
बाहर होती जा रही हैं। इस पाउडर का इस्तेमाल बिस्किट और बेकरी आइटम्स बनाने
में किया जा सकता है।
इस प्रयोग का मुख्य मकसद तंबाकू से स्वस्थ वैकल्पिक उत्पादों को विकसित
करना था। प्रयोग के लिए वैज्ञानिकों ने 70 से 90 दिन पुरानी तंबाकू की
पत्तियों का इस्तेमाल किया। एक हेक्टेयर भूमि पर तीन लाख पौधों से निकलने
वाले पत्तों से एक टन शुद्ध प्रोटीन प्राप्त हो सकता है।
तंबाकू की पत्ती के प्रोटीन में एमीनो एसिड काफी मात्रा में होता है।
शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों पर इस प्रोटीन का प्रयोग किया।