नई दिल्ली.
योग गुरू रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 जून से सत्याग्रह करने का ऐलान
कर सरकार की नींद उड़ा दी है। माना जा रहा है कि सरकार ने रामदेव के पास
दूसरा दूत भेजने की तैयारी की है। सरकार नहीं चाहती है कि अन्ना हजारे के
आंदोलन की तरह फिर से कोई बड़ा आंदोलन खड़ा हो। बाबा रामदेव ने ऐलान किया
है कि वो अपने सत्याग्रह पर कायम हैं और दावा किया कि इसमें देशभर से करीब
एक करोड़ लोग हिस्सा लेंगे। रामदेव ने यह भी कहा है कि उनके सत्याग्रह
में साथ देने अन्ना हजारे भी शामिल होंगे। अन्ना की मुहिम में साथ देने
वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने भी रामदेव के सत्याग्रह को
समर्थन देने का वादा किया है।
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति
(सीसीपीए) की बैठक में रामदेव के अनशन को लेकर पैदा होने वाले हालात पर नजर
रखने पर जोर दिया गया। सोमवार को हुई कैबिनेट समिति की यह बैठक लगभग दो
घंटे चली जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की। इसमें वित्त
मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी,
केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और केंद्रीय
मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने हिस्सा लिया।
सूत्रों के मुताबिक यह
बैठक रामदेव की सत्याग्रह शुरू करने की योजना के मद्देनजर बुलाई गई। बाबा
रामदेव विदेशी बैंकों में छिपाए गए कालेधन को वापस लाने की मांग कर रहे हैं
और सशक्त लोकपाल विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। रामदेव का कहना है कि बड़े
नोटों (500, 1000 रुपये) का प्रचलन बंद होने से काले धन और भ्रष्टाचार की
समस्या पर अंकुश लग सकता है। उन्होंने विदेशी बैंकों में जमा 400 लाख
करोड़ रुपये वापस लाने की मांग को लेकर अनशन करने का ऐलान किया है।
सूत्रों
के मुताबिक सीसीपीए की बैठक में इस संभावना पर चर्चा हुई कि स्वामी रामदेव
से वार्ता की जिम्मेदारी एक कैबिनेट मंत्री को दी जाए जो अनशन न करने के
लिए उन्हें मना लें। इससे पहले सरकार ने केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और
सीबीडीटी के चेयरमैन को रामदेव के पास भेजकर अनशन न करने के लिए मनाने की
कोशिश की थी। लेकिन सरकार की ये कोशिशें बेनतीजा रही हैं। सरकार रामदेव के
पास अगला दूत भेजते समय काले धन के खिलाफ उठाए गए हालिया कदमों का ब्यौरा
भी रामदेव को सौंप सकती है।
‘अभी तक सरकार ने काला धन वापस लाने की दिशा में कुछ ठोस कदम नहीं उठाए हैं, इसलिए सत्याग्रह टालने का कोई सवाल ही नहीं है।’ एस के तिजरवाला, बाबा रामदेव के प्रवक्ता
योग गुरू रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 जून से सत्याग्रह करने का ऐलान
कर सरकार की नींद उड़ा दी है। माना जा रहा है कि सरकार ने रामदेव के पास
दूसरा दूत भेजने की तैयारी की है। सरकार नहीं चाहती है कि अन्ना हजारे के
आंदोलन की तरह फिर से कोई बड़ा आंदोलन खड़ा हो। बाबा रामदेव ने ऐलान किया
है कि वो अपने सत्याग्रह पर कायम हैं और दावा किया कि इसमें देशभर से करीब
एक करोड़ लोग हिस्सा लेंगे। रामदेव ने यह भी कहा है कि उनके सत्याग्रह
में साथ देने अन्ना हजारे भी शामिल होंगे। अन्ना की मुहिम में साथ देने
वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने भी रामदेव के सत्याग्रह को
समर्थन देने का वादा किया है।
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति
(सीसीपीए) की बैठक में रामदेव के अनशन को लेकर पैदा होने वाले हालात पर नजर
रखने पर जोर दिया गया। सोमवार को हुई कैबिनेट समिति की यह बैठक लगभग दो
घंटे चली जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की। इसमें वित्त
मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी,
केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन, कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और केंद्रीय
मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने हिस्सा लिया।
सूत्रों के मुताबिक यह
बैठक रामदेव की सत्याग्रह शुरू करने की योजना के मद्देनजर बुलाई गई। बाबा
रामदेव विदेशी बैंकों में छिपाए गए कालेधन को वापस लाने की मांग कर रहे हैं
और सशक्त लोकपाल विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। रामदेव का कहना है कि बड़े
नोटों (500, 1000 रुपये) का प्रचलन बंद होने से काले धन और भ्रष्टाचार की
समस्या पर अंकुश लग सकता है। उन्होंने विदेशी बैंकों में जमा 400 लाख
करोड़ रुपये वापस लाने की मांग को लेकर अनशन करने का ऐलान किया है।
सूत्रों
के मुताबिक सीसीपीए की बैठक में इस संभावना पर चर्चा हुई कि स्वामी रामदेव
से वार्ता की जिम्मेदारी एक कैबिनेट मंत्री को दी जाए जो अनशन न करने के
लिए उन्हें मना लें। इससे पहले सरकार ने केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और
सीबीडीटी के चेयरमैन को रामदेव के पास भेजकर अनशन न करने के लिए मनाने की
कोशिश की थी। लेकिन सरकार की ये कोशिशें बेनतीजा रही हैं। सरकार रामदेव के
पास अगला दूत भेजते समय काले धन के खिलाफ उठाए गए हालिया कदमों का ब्यौरा
भी रामदेव को सौंप सकती है।
‘अभी तक सरकार ने काला धन वापस लाने की दिशा में कुछ ठोस कदम नहीं उठाए हैं, इसलिए सत्याग्रह टालने का कोई सवाल ही नहीं है।’ एस के तिजरवाला, बाबा रामदेव के प्रवक्ता