रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभवित बस्तर जिले के सरकारी अस्पताल में
ग्लूकोज की बोतल में फफूंद मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जाच शुरू कर
दिया है।
बस्तर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आर मौर्य ने शनिवार को बताया
कि जिले के केशकाल क्षेत्र के अंतर्गत अडेंगा गाव के प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्र में ग्लूकोज की बोतल में फफूंद मिलने की जानकारी मिली है और मामले
की जाच शुरू कर दी गई है।
मौर्य ने बताया कि शुक्रवार को अडें़गा स्वास्थ्य केंद्र में दस्त से
पीड़ित महिला योगिता को ईलाज के दौरान ग्लूकोज चढ़ाया जाना था। ग्लूकोज की
बोतल खोली गई तब वहा उपस्थित लोगों ने बोतल में फफूंद देखी और इसकी जानकारी
वहा के चिकित्सकों को दी।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने जब अन्य बोतलों का भी निरीक्षण किया
तब सात अन्य बोतलों में भी फफूंद पाई गई। इसकी सूचना मिलने के बाद बस्तर
जिले के मुख्यालय जगदलपुर से डाक्टर ध्रुव को जाच के लिए अड़ेंगा अस्पताल
भेजा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ग्लूकोज की बोतल में फफूंद मिलने
की सूचना पर क्षेत्र के एसडीएम और तहसीलदार वहा पहुंचे और वहा मौजूद सभी
250 बोतलों को जब्त कर लिया है। एसडीएम द्वारा भी इस मामले की जाच की जा
रही है।
मौर्य ने बताया कि ग्लूकोज की बोतल इंदौर स्थित पैरेंटल ड्रग कंपनी
द्वारा निर्मित है तथा इस साल मार्च महीने में इसे स्वास्थ्य केंद्र में
भेजा गया था। फफूंद वाले इस आरएल आईव्ही फ्लुइड के उत्पादन की तिथि वर्ष
2010 की है तथा वर्ष 2013 में इसकी अवधि समाप्त होनी है।
इधर स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्लूकोज की बोतलों की
खरीदी अन्य दवाओं के साथ की गई थी तथा इसे राजधानी रायपुर स्तर पर खरीदा
गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इसी कंपनी के ग्लूकोज की बोतलो के कारण इस साल
फरवरी-मार्च महीने में राजस्थान के जोधपुर में 29 महिलाओं की मौत का मामला
सामने आया था। इस घटना के बाद राजस्थान सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ
कार्रवाई की थी।