लघु सिंचाई मंत्री अवधेश कुशवाहा के अनुसार छह माह में 82,838 हेक्टेयर
में सिंचाई क्षमता सृजित होगी। सतही सिंचाई योजनाओं को लागू करने व विस्तृत
परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने पर 400 करोड़ व्यय होगा।
उन्होंने बुधवार को अपने छह महीने के मंत्रित्वकाल की उपलब्धियां
गिनायीं। बोले-‘400 चालू पुराने राजकीय नलकूपों की सिंचाई क्षमता को पुन:
वापस लाया गया। नलकूप की 30 व नाबार्ड फेज 3 के 130 नलकूपों को चालू किया
गया है। नवम्बर 2010 में चालू नलकूपों की संख्या 1813 थी जिसको बढ़ाकर 1868
किया गया है। नाबार्ड फेज 11 के तहत 278 नलकूपों का निर्माण किया गया
जिसमें 107 से सिंचाई सुविधा प्राप्त हो रही है। अगले छह माह में सतही
सिंचाई योजनाओं में राज्य योजना से 50 योजनाओं को पूरा कर 15000 हेक्टेयर,
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत 32 योजनाओं से 15120 हेक्टेयर व वाटर
वाडीज की मरम्मत, पुनरुद्धार व पुनस्र्थापन की 15 योजनाओं से 15718
हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता सृजित होगी। इसके अलावा नलकूप योजना के तहत 75
राजकीय नलकूपों से 6000 हेक्टेयर, आरआइडीएफ के तहत 388 नलकूपों से 31,000
हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता सृजित होगी।’ उनके मुताबिक बिहार भू-जल सिंचाई
योजना के अन्तर्गत 50 हजार आवेदनों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।