गन्ना के साथ दलहन,आलू व धनिया की खेती

गन्ना की खेती को लाभकारी बनाने के लिए गन्ना के साथ दलहन,आलू व धनिया
की खेती के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा। अनुदान मद में 25.73 करोड़ व्यय
होगा। राज्य सरकार की योजना पांच वषरें में सभी चीनी मिल परिसर में उद्योग
स्थापित करने की है। इसका रोडमैप कृषि कैबिनेट के तहत तैयार किया गया है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पहली बार गन्ना के साथ
अ‌र्न्तवर्ती खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 2500 रुपये अनुदान दिए जायेंगे।
चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर की ट्राली खरीद पर 50
प्रतिशत अनुदान, हरी खाद के लिए ढैंचा बीज का मुूफ्त वितरण, गन्ना की खड़ी
फसल पर यूरिया, कीटनाशी व सूक्ष्म पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए 500 रुपये
प्रति हे. अनुदान का प्रावधान किया गया है। केन्द्र प्रायोजित योजना
सुवैक्स के तहत 3.10 करोड़ की लागत पर गन्ना किसानों को आधार बीज उत्पादन ,
पम्प सेट , बोरिंग व खेतों में प्रत्यक्षण के लिए अनुदान दिए जायेंगे। इसके
अलावा 14.22 करोड़ की लागत से चीनी मिल क्षेत्र में किसानों को गन्ना का
बीज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गुड़ विकास के लिए क्रसर व कड़ाह
पर 50 प्रतिशत अनुदान की स्वीकृति दी गयी है।

गन्ना विकास मंत्री अवधेश कुशवाहा के अनुसार गन्ना किसानों को
प्रोत्साहित करने का सीधा असर उत्पादन पर पड़ रहा है। गन्ना किसानों पर
2005-06 में 1.58 लाख रुपये व्यय का प्रावधान था जो 2011-12 में बढ़कर
62.83 करोड़ हो गया है। वर्ष 1970-71 में 27 चीनी मिलों द्वारा 23.04 लाख टन
गन्ना पेराई, 2.40 लाख टन चीनी उत्पादन व आच्छादन 1.90 लाख हेक्टेयर में
हुआ जबकि 2010-11 में 12 चीनी मिलों द्वारा 41 लाख टन पेराई , 4.25 लाख टन
चीनी उत्पादन व 3.25 लाख हे. में आच्छादन हुआ है। किसानों को ईख का भुगतान
मूल्य 2008-09 में 125 से 130 रुपये था जो 2010-11 में बढ़कर 195 से 210
रुपये हो गया है।

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