70 गरुड़ एक गांव में

भागलपुर : पूरी दुनिया में गरुड़ों की संख्या तेजी से घटी है, लेकिन
भागलपुर के सिर्फ दो गावों में 70 गरुड़ों की लगातार उपस्थिति से आम जन
चकित हैं. पर्यावरण कार्यकर्ताओं में खुशी है. लगता है, दुर्लभ प्रजाति के
इस पक्षी को कोसी दियारा क्षेत्र की आबोहवा पसंद आ गयी है. इस क्षेत्र में
विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके गरुड़ (ग्रेटर ऐजटेंट स्टोर्क) तेजी
से प्रजनन कर रहे हैं. यह विश्व का तीसरी प्रजनन स्थली बन गयी है. इससे
पहले कंबोडिया व भारत के असम में ये प्रजनन किया करते थे.

पूरे विश्व में गरुड़ विलुप्त होने के कगार पर है. विश्व में इनकी
संख्या मात्र 700-800 के है. पहली बार 2004 में इनकी उपस्थिति भागलपुर व
खगड़िया में देखी गयी थी. मंदार नेचर क्लब के एक सर्वेक्षण के अनुसार
सुलतानगंज के पास गंगा नदी के किनारे 53 की संख्या में ये पक्षी पाये गये
थे.

बाद में इनके झुंड भागलपुर, नवगछिया, कुरसेला ओद के वेटलैंड्स व खेतों
में देखे गये. इसके बाद से इनके प्रजनन स्थल की तलाश जारी थी. क्लब के युवा
बर्ड वाचर जयनंदन मंडल व राहुल रोहितास्व ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान
पाया गया कि ये दुर्लभ पक्षी सुलतानगंज के माधोपुर के अलावा नवगछिया प्रखंड
की कदवा पंचायत (कोसी दियारा क्षेत्र) के दो गांवों कासिमपुर व आश्रम टोला
के आसपास सफलतापूर्वक प्रजनन कर रहे हैं. आश्रम टोला मध्य विद्यालय के पास
स्थित पीपल पर पहली बार एक साथ 16 घोंसले पाये गये और सभी में 2-3 बच्चे
थे. पंचायत में कुल 35 घोंसले पाये गये हैं. पिछले वर्ष एक वृक्ष में अधिक
से अधिक 5-6 घोंसले थे.

एक ही वृक्ष पर इतने घोंसलों की उपस्थिति उत्साहवर्धक है और इससे पता
चलता है विष्णु के वाहन गरुड़ को दियारा अनुकूल लग रहा है. अूबर से मार्च
तक करते हैं प्रजननगरुड़ यहां अक्‍टूबर से मार्च के बीच प्रजनन करते हैं.
घोंसला निर्माण से लेकर इनके बच्चे निकलने तथा उड़ने लायक होने में लगभग
साढ़े पांच से छह माह का समय लगता है. मार्च के अंत तक इनके बच्चे उड़ने
लायक हो जाते हैं. यह पक्षी घोंसला निर्माण अक्‍टूबर के प्रथम या द्वितीय
सप्ताह में शुरू कर देते हैं.और भी पक्षियों की प्रजनन स्थली है दियारा.

– इस क्षेत्र में कुछ अन्य पक्षियों के भी प्रजनन का पता चला है

छोटा गरुड़ लंबी टांग, लंबी चोंच, लंबी गरदन वाले ये पक्षी भी दियारा
क्षेत्र में प्रजनन कर रहे हैं. छोटा गरुड़ ने भागलपुर के अलावा किशनगंज,
अररिया, फारबिसगंज, मधेपुरा, सहरसा, कटिहार, काढ़ागोला व सुपौल जिले में भी
प्रजनन स्थल बना रखा है.
– लोहा सारंग यह भी लंबी टांग, लंबी मजबूत
चोंच व लंबी काली गरदन वाली चिड़िया है. इसके दो घोंसले तीनटंगा दियारा के
पास पाये गये हैं.
– लगलग लंबी टांग, लंबी चोंच तथा सफेद गरदन वाली
चिड़िया है. जनवरी में पहली बार इसके घोंसले का पता नाथनगर के राघोपुर
दियारा गांव में चला. फरवरी में इनके बच्चे उड़ने लायक हो गये थे.

जांघिल यह एक खूबसूरत व अद्भुत पक्षी है. इसकी चोंच पीली-नारंगी व शरीर
उजला होता है. इस पर गुलाबी व काली धारियां होती हैं. यह भी दियारा क्षेत्र
में प्रजनन करते हुए इसी वर्ष देखे गये हैं.

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