नोयडा। राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग की शुरुआती रिपोर्ट में यूपी पुलिस को दोषी पाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस ने संघर्ष के दौरान किसानो और
महिलाओं के साथ ज्यादती की थी।गौरतलब है कि भट्टा पारसौल गांव में मंगलवार
को मानवाधिकार आयोग की ६ सदस्यीय टीम पहुंची और ग्रामीणों से गहनता से जांच
पड़ताल की थी। टीम ने धरना स्थल और बिटोरों की राख का मुआयना करने के बाद
मृतक परिजनों और गिरफ्तार परिवारों से मिलने पहुंची। गोलीकांड के बाद
केन्द्र सरकार ने मंगलवार को मानवाधिकार आयोग की टीम को गांव में भेजा।टीम
की अगुवाई डीआईजी रैंक के अधिकारी विप्लव कुमार ने की। गांव में पहुंचने के
बाद टीम ने पहले धरना स्थल का मुआयना किया। इसके बाद जले बिटोरों को देखने
पहुंची। यहां टीम के सदस्य मृतक परिजनों के पास पहुंचे और उनकी पीड़ा
सुनी। मृतक परिजनों की पीड़ा सुनने के बाद टीम घायलों के घर पहुंची।
मानवाधिकार आयोग की शुरुआती रिपोर्ट में यूपी पुलिस को दोषी पाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस ने संघर्ष के दौरान किसानो और
महिलाओं के साथ ज्यादती की थी।गौरतलब है कि भट्टा पारसौल गांव में मंगलवार
को मानवाधिकार आयोग की ६ सदस्यीय टीम पहुंची और ग्रामीणों से गहनता से जांच
पड़ताल की थी। टीम ने धरना स्थल और बिटोरों की राख का मुआयना करने के बाद
मृतक परिजनों और गिरफ्तार परिवारों से मिलने पहुंची। गोलीकांड के बाद
केन्द्र सरकार ने मंगलवार को मानवाधिकार आयोग की टीम को गांव में भेजा।टीम
की अगुवाई डीआईजी रैंक के अधिकारी विप्लव कुमार ने की। गांव में पहुंचने के
बाद टीम ने पहले धरना स्थल का मुआयना किया। इसके बाद जले बिटोरों को देखने
पहुंची। यहां टीम के सदस्य मृतक परिजनों के पास पहुंचे और उनकी पीड़ा
सुनी। मृतक परिजनों की पीड़ा सुनने के बाद टीम घायलों के घर पहुंची।