रांची
मलेरिया से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले डेढ़
माह में मलेरिया से सिर्फ रिम्स में पांच बच्चों की मौत हुई है। मृतकों की
उम्र करीब दो से 13 साल के बीच है। अस्पताल में अभी भी मलेरिया पीड़ित
बच्चों का आना जारी है।
ये सभी बच्चे कंप्लीकेटेड मलेरिया से पीड़ित हैं। इनका इलाज शिशु रोग वार्ड
में चल रहा है। वहीं, रिम्स के मेडिसीन विभाग, जिले के सदर अस्पताल व निजी
अस्पतालों में भी मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि इस मौसम में
मलेरिया होना बड़ी बात है। यह हमारी मलेरियारोधी कार्यक्रमों में चूक की
वजह से है, क्योंकि मलेरिया का सबसे व्यापक असर बरसात में और बरसात के बाद
होती है।
रिम्स में मरे और बचाए गए बच्चे
रिम्स में मरने वाले बच्चों में पुनीता कुमारी (छह वर्ष), प्रकाश उरांव
(सात वर्ष), कविता कुमारी (10 वर्ष), सिद्धि कुमारी (दो वर्ष) और चांदमुनी
कुमारी (13 वर्ष) हैं। ये सभी कंप्लीकेटेड मलेरिया से पीड़ित थे। सभी को
गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। वहीं, मालवती गोप, रवि कुमार, हाफिज
अंसारी, अमित कुमार, जूही कुमारी, रोबिन टोप्पो, सोनु मुंडा, डिंपी कुमारी,
टिबली कुमारी, बबलू, चंदू कुमारी, विक्की कुमार समेत अन्य बच्चों को बचा
लिया गया।
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. एके सिन्हा से बातचीत
सवाल : जिला में मलेरिया की स्थिति?
जवाब : सब ठीक है, अभी तक एक भी मौत की रिपोर्ट नहीं है। कहीं एपिडेमिक नहीं।
सवाल : रिम्स में डेढ़ माह में पांच बच्चों की मौत हुई है?
जवाब : नहीं, इसकी सूचना नहीं है। बात सामने आई थी, लेकिन मौत की पुष्टि नहीं हुई।
सवाल : पांचों बच्चों के नाम आए हैं?
जवाब : अगर, ऐसा है तो मेरे कार्यालय में नामों की सूची भिजवा दिया जाए।
सवाल : मलेरिया से निबटने के लिए क्या तैयारी है?
जवाब : प्रखंड और मलेरिया कार्यालय स्तर पर रेस्क्यू टीम का गठन किया गया
है। मैं खुद दौरा कर रहा हूं। बुंडू, बुढ़मू, कांके, रातू और नामकुम प्रखंड
में डीडीटी का छिड़काव जारी है।
मलेरिया से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले डेढ़
माह में मलेरिया से सिर्फ रिम्स में पांच बच्चों की मौत हुई है। मृतकों की
उम्र करीब दो से 13 साल के बीच है। अस्पताल में अभी भी मलेरिया पीड़ित
बच्चों का आना जारी है।
ये सभी बच्चे कंप्लीकेटेड मलेरिया से पीड़ित हैं। इनका इलाज शिशु रोग वार्ड
में चल रहा है। वहीं, रिम्स के मेडिसीन विभाग, जिले के सदर अस्पताल व निजी
अस्पतालों में भी मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि इस मौसम में
मलेरिया होना बड़ी बात है। यह हमारी मलेरियारोधी कार्यक्रमों में चूक की
वजह से है, क्योंकि मलेरिया का सबसे व्यापक असर बरसात में और बरसात के बाद
होती है।
रिम्स में मरे और बचाए गए बच्चे
रिम्स में मरने वाले बच्चों में पुनीता कुमारी (छह वर्ष), प्रकाश उरांव
(सात वर्ष), कविता कुमारी (10 वर्ष), सिद्धि कुमारी (दो वर्ष) और चांदमुनी
कुमारी (13 वर्ष) हैं। ये सभी कंप्लीकेटेड मलेरिया से पीड़ित थे। सभी को
गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। वहीं, मालवती गोप, रवि कुमार, हाफिज
अंसारी, अमित कुमार, जूही कुमारी, रोबिन टोप्पो, सोनु मुंडा, डिंपी कुमारी,
टिबली कुमारी, बबलू, चंदू कुमारी, विक्की कुमार समेत अन्य बच्चों को बचा
लिया गया।
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. एके सिन्हा से बातचीत
सवाल : जिला में मलेरिया की स्थिति?
जवाब : सब ठीक है, अभी तक एक भी मौत की रिपोर्ट नहीं है। कहीं एपिडेमिक नहीं।
सवाल : रिम्स में डेढ़ माह में पांच बच्चों की मौत हुई है?
जवाब : नहीं, इसकी सूचना नहीं है। बात सामने आई थी, लेकिन मौत की पुष्टि नहीं हुई।
सवाल : पांचों बच्चों के नाम आए हैं?
जवाब : अगर, ऐसा है तो मेरे कार्यालय में नामों की सूची भिजवा दिया जाए।
सवाल : मलेरिया से निबटने के लिए क्या तैयारी है?
जवाब : प्रखंड और मलेरिया कार्यालय स्तर पर रेस्क्यू टीम का गठन किया गया
है। मैं खुद दौरा कर रहा हूं। बुंडू, बुढ़मू, कांके, रातू और नामकुम प्रखंड
में डीडीटी का छिड़काव जारी है।