विनायक सेन को विदेश जाने की अनुमति

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की एक स्थानीय अदालत ने पीयूसीएल
के नेता विनायक सेन को विदेश जाने की अनुमति दे दी है। अदालत के सूत्रों ने
मंगलवार को बताया कि द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा की अदालत ने
विनायक सेन को इस महीने की 15 से 20 तारीख के बीच विदेश जाने की अनुमति दे
दी है।

सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कोरिया ने विनायक सेन को प्रतिष्ठित
ग्वांजू सम्मान से सम्मानित करने का फैसला किया है। इसके लिए सेन दक्षिण
कोरिया जाना चाहते हैं। दक्षिण कोरिया जाने के लिए सेन ने स्थानीय अदालत से
अनुमति मांगी थी। अदालत ने सेन को वहां जाने की उनमति दे दी है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया से लौटने के बाद एक सप्ताह के भीतर
सेन को अदालत में उपस्थित होकर वीजा और पासपोर्ट न्यायालय को सौंपना होगा।

रायपुर जिले की अदालत ने 24 दिसंबर 2010 को राजद्रोह के आरोप में सेन
को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेन के साथ नक्सली नेता नारायण सान्याल और
कोलकाता के व्यापारी पीयूष गुहा को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

छत्तीसगढच् उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को सेन की जमानत याचिका को इस
आधार पर खारिज कर दिया था कि सेन के पास से नक्सली साहित्य बरामद हुआ था और
वे सान्याल के साथ नक्सली पर्चो का आदान-प्रदान करते थे।

बाद में छत्तीसगच़् उच्च न्यायालय द्वारा जमानत न देने के फैसले के
खिलाफ सेन च्े उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। शीर्ष न्यायालय ने
15 अप्रैल को निचली अदालत द्वारा जमानत की शर्ते तय करने के आदेश के साथ
सेन को जमानत दे दी थी।

अदालत ने 18 अप्रैल को विनायक सेन को 50 हजार रूपए की जमानत और 50 हजार
रूपए के निजी मुचलके के साथ विदेश जाने से पहले अनुमति लेने, पासपोर्ट या
वीजा जो उनके पास हो जमा करने तथा प्रत्येक पेशी में उपस्थित होने के आदेश
के साथ रिहा करने का आदेश दिया था।

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