चंडीगढ़।
पंजाब बिजली नियामक आयोग ने राज्य के लोगों को सोमवार को बिजली का बड़ा
झटका दिया है। आयोग ने हर सेक्टर पर 45 पैसे प्रति यूनिट का भार बढ़ा दिया
है। हालांकि कमीशन ने दावा किया कि अभी यह झटका आधा है, शेष आधा भार आने
वाले तीन सालों में डाला जाएगा। क्रॉस सब्सिडी को कम करने का दावा करते हुए
कमीशन ने सबसे अधिक भार छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और कृषि सेक्टर पर डाला है।
रेगुलेटरी कमीशन का नया टैरिफ ऑर्डर जारी करते हुए चेयरपर्सन रोमिला दुबे
ने बताया कि पिछले सालों का अंतर भी इस साल शामिल किया गया है।
कमीशन के अपने नियमों के अनुसार आंकने पर यह 2651.51 करोड़ रुपए आया है।
लेकिन कमीशन ने इस साल जितनी दरें बढ़ाई हैं उससे केवल आधा गैप 1325.76
करोड़ रुपए ही पूरा होता है, शेष आधे के लिए रेगुलेटरी एसैट का गठन किया
गया है। तीन सालों में यह राशि उपभोक्ताओं पर डाली जाएगी। टैरिफ ऑर्डर में
बढ़ाई दरों के अलावा कमीशन ने पहली बार 8 पैसे फ्यूल सरचार्ज भी लगाया है
जो तीन महीने के लिए है। फ्यूल की कीमतों को देखकर तीन महीनों के लिए इसे
फिर से निर्धारित किया जाएगा। कृषि को दी जाने वाली नि:शुल्क बिजली और
अनुसूचित जातियों को 100 यूनिट तक दी जाने वाली नि:शुल्क बिजली पर सरकार को
पिछले साल के मुकाबले इस साल 1234.34 करोड़ अधिक देने होंगे।
पंजाब बिजली नियामक आयोग ने राज्य के लोगों को सोमवार को बिजली का बड़ा
झटका दिया है। आयोग ने हर सेक्टर पर 45 पैसे प्रति यूनिट का भार बढ़ा दिया
है। हालांकि कमीशन ने दावा किया कि अभी यह झटका आधा है, शेष आधा भार आने
वाले तीन सालों में डाला जाएगा। क्रॉस सब्सिडी को कम करने का दावा करते हुए
कमीशन ने सबसे अधिक भार छोटे घरेलू उपभोक्ताओं और कृषि सेक्टर पर डाला है।
रेगुलेटरी कमीशन का नया टैरिफ ऑर्डर जारी करते हुए चेयरपर्सन रोमिला दुबे
ने बताया कि पिछले सालों का अंतर भी इस साल शामिल किया गया है।
कमीशन के अपने नियमों के अनुसार आंकने पर यह 2651.51 करोड़ रुपए आया है।
लेकिन कमीशन ने इस साल जितनी दरें बढ़ाई हैं उससे केवल आधा गैप 1325.76
करोड़ रुपए ही पूरा होता है, शेष आधे के लिए रेगुलेटरी एसैट का गठन किया
गया है। तीन सालों में यह राशि उपभोक्ताओं पर डाली जाएगी। टैरिफ ऑर्डर में
बढ़ाई दरों के अलावा कमीशन ने पहली बार 8 पैसे फ्यूल सरचार्ज भी लगाया है
जो तीन महीने के लिए है। फ्यूल की कीमतों को देखकर तीन महीनों के लिए इसे
फिर से निर्धारित किया जाएगा। कृषि को दी जाने वाली नि:शुल्क बिजली और
अनुसूचित जातियों को 100 यूनिट तक दी जाने वाली नि:शुल्क बिजली पर सरकार को
पिछले साल के मुकाबले इस साल 1234.34 करोड़ अधिक देने होंगे।