लखनऊ/ग्रेटर नोएडा।
उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ फूटा किसानों का आक्रोश ग्रेटर
नोएडा से शुरू होकर अलीगढ़, मथुरा और आगरा तक पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा
में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। उधर
किसानों से सहानुभूति जताने भट्टा परसौल गांव जा रहे भारतीय जनता पार्टी
(भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह
को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
राष्ट्रीय लोकदल ने किसानों पर गोलीबारी के लिए पुलिस की निंदा की है और
केंद्र सरकार से पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की। भाजपा ने किसानों
पर पुलिस की गोलीबारी की निंदा की है और कहा है कि राज्य सरकार की नीति और
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पार्टी सोमवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक
सभी जिला मुख्यालयों पर ‘काला दिवस’ मनाएगी।
आगरा के एतमादपुर तहसील में गुस्साए किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया।
उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जुटी
संस्था जय प्रकाश समूह के राजमार्ग शिविर कार्यालय के वाहनों तथा फर्नीचर
को आग के हवाले कर दिया।
चालेसर और एतमादपुर के निकट दो जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की खबर मिली है।
पुलिस का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। आगरा के पुलिस उप
महानिरीक्षक असीम अरुण ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मी
घायल हो गए और पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
ताजा घटना दिल्ली की सीमा पर स्थित ग्रेटर नोएडा में हुई जहां किसानों और
पुलिस के बीच कई झड़पें हुईं। किसान जेपी समूह के अधिकारियों पर बरसे जिनके
कहने पर दो दिन पहले गढ़ी रामी में एक मंदिर को ढहा दिया गया था।
किसान भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि
एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जबरन उनकी जमीन छीन ली गई। पुलिस अधिकारियों ने
हिंसा के लिए किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी
गिरफ्तारी पर रविवार को 50,000 रुपये इनाम की घोषणा की। इस हिंसा में अब तक
चार लोग मारे गए हैं।
ज्ञात हो कि किसानों का प्रदर्शन शनिवार को उस समय उग्र हो गया था, जब
पुलिस ने भट्टा परसौल गांव में ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश
रोडवेज विभाग के तीन कर्मचारियों को मुक्त कराने की कोशिश की थी।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद किसानों और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें
दो पुलिसकर्मियों तथा एक किसान की मौत हो गई। बाद में बंधकों को मुक्त करा
लिया गया। कार्रवाई के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल
सहित 15 लोग घायल हो गए।
लखनऊ मेंराज्य के पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने कहा कि तेवतिया बुलंदशहर
का रहने वाला है और भट्टा परसौल गांव में उसकी अपनी कृषि भूमि भी नहीं है।
उन्होंने कहा, "वह किसी भी प्रकार से पीड़ित नहीं है लेकिन टप्पल, मथुरा
और अब भट्टा परसौल गांव में हुए प्रदर्शनों के दौरान वह मौजूद रहा।"
सिंह ने कहा कि मथुरा, अलीगढ़ और भट्टा परसौल गांव में प्रदर्शन के समय तेवतिया ने संदिग्ध भूमिका निभाई है।
उधर, मथुरा सीमा पर अलीगढ़ के गघौली गांव के पास सौ से ज्यादा किसान नारे
लगाते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण स्थल पर पहुंचे और कार्य बंद
करवाकर वहां मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ कर कुछ को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की झ्झोपड़ी व तंबू
में भी आग लगी दी।
जिले के पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा भड़काने की
कोशशि की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ कर हालात पर काबू पा लिया।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र वीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को
बताया, "फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पूरे इलाके में बड़ी
संख्या में पुलिस बल तैनात है।"
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा में भी पुलिस को सतर्क कर दिया गया
है। मथुरा पुलिस के प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि जिन इलाकों
में यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है, वहां पुलिस गश्त बढ़ा दी गई
है।
उप्र के किसानों को लोकदल का समर्थन :
राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण को
लेकर आंदोलनरत किसानों पर गोलीबारी के लिए पुलिस की निंदा की है, जिसमें
शनिवार को तीन किसानों की मौत हो गई। पुलिस की कार्रवाई को गैर
जिम्मेदाराना और दमनात्मक बताते हुए उन्होंने केंद्र से पूरे मामले की जांच
करवाने की मांग की।
लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह रविवार को किसानों से सहानुभूति जताने
भट्टा परसौल गांव जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और
पार्टी के सांसद जयंत चौधरी, देवेंद्र नागपाल, सारिका बघेल और समर्थकों के
साथ गिरफ्तार कर लिया।
भाजपा मनाएगी ‘काला दिवस’ :
भाजपा ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर पुलिस की गोलीबारी की
निंदा की है। राज्य सरकार की नीति और पुलिस की कार्रवाई के विरोध में
पार्टी सोमवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक सभी जिला मुख्यालयों पर ‘काला
दिवस’ मनाएगी।
पार्टी की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष नितिन गडकरी के नेतृत्व में पार्टी का एकप्रतिनिधिमंडलरविवार को
नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में पुलिस की गोली से घायल किसानों का हालचाल
जानने पहुंचा। इसके बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव जाने का
फैसला किया, जहां किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन पुलिस ने
उन्हें रोक दिया और गिरफ्तार कर लिया।
बयान के मुताबिक राज्य सरकार के ‘हिटलरी रवैये’ के विरोध में नेता और
कार्यकर्ता सोमवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे। पार्टी ने राज्य
सरकार से किसानों के प्रतिनिधियों से तुरंत बातचीत करने और उनकी समस्याओं
का समाधान करने की मांग की।
उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ फूटा किसानों का आक्रोश ग्रेटर
नोएडा से शुरू होकर अलीगढ़, मथुरा और आगरा तक पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा
में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। उधर
किसानों से सहानुभूति जताने भट्टा परसौल गांव जा रहे भारतीय जनता पार्टी
(भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह
को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
राष्ट्रीय लोकदल ने किसानों पर गोलीबारी के लिए पुलिस की निंदा की है और
केंद्र सरकार से पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की। भाजपा ने किसानों
पर पुलिस की गोलीबारी की निंदा की है और कहा है कि राज्य सरकार की नीति और
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पार्टी सोमवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक
सभी जिला मुख्यालयों पर ‘काला दिवस’ मनाएगी।
आगरा के एतमादपुर तहसील में गुस्साए किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया।
उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जुटी
संस्था जय प्रकाश समूह के राजमार्ग शिविर कार्यालय के वाहनों तथा फर्नीचर
को आग के हवाले कर दिया।
चालेसर और एतमादपुर के निकट दो जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की खबर मिली है।
पुलिस का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। आगरा के पुलिस उप
महानिरीक्षक असीम अरुण ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मी
घायल हो गए और पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
ताजा घटना दिल्ली की सीमा पर स्थित ग्रेटर नोएडा में हुई जहां किसानों और
पुलिस के बीच कई झड़पें हुईं। किसान जेपी समूह के अधिकारियों पर बरसे जिनके
कहने पर दो दिन पहले गढ़ी रामी में एक मंदिर को ढहा दिया गया था।
किसान भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि
एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जबरन उनकी जमीन छीन ली गई। पुलिस अधिकारियों ने
हिंसा के लिए किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी
गिरफ्तारी पर रविवार को 50,000 रुपये इनाम की घोषणा की। इस हिंसा में अब तक
चार लोग मारे गए हैं।
ज्ञात हो कि किसानों का प्रदर्शन शनिवार को उस समय उग्र हो गया था, जब
पुलिस ने भट्टा परसौल गांव में ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश
रोडवेज विभाग के तीन कर्मचारियों को मुक्त कराने की कोशिश की थी।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद किसानों और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें
दो पुलिसकर्मियों तथा एक किसान की मौत हो गई। बाद में बंधकों को मुक्त करा
लिया गया। कार्रवाई के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल
सहित 15 लोग घायल हो गए।
लखनऊ मेंराज्य के पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने कहा कि तेवतिया बुलंदशहर
का रहने वाला है और भट्टा परसौल गांव में उसकी अपनी कृषि भूमि भी नहीं है।
उन्होंने कहा, "वह किसी भी प्रकार से पीड़ित नहीं है लेकिन टप्पल, मथुरा
और अब भट्टा परसौल गांव में हुए प्रदर्शनों के दौरान वह मौजूद रहा।"
सिंह ने कहा कि मथुरा, अलीगढ़ और भट्टा परसौल गांव में प्रदर्शन के समय तेवतिया ने संदिग्ध भूमिका निभाई है।
उधर, मथुरा सीमा पर अलीगढ़ के गघौली गांव के पास सौ से ज्यादा किसान नारे
लगाते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण स्थल पर पहुंचे और कार्य बंद
करवाकर वहां मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ कर कुछ को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की झ्झोपड़ी व तंबू
में भी आग लगी दी।
जिले के पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा भड़काने की
कोशशि की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ कर हालात पर काबू पा लिया।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र वीर सिंह ने यहां संवाददाताओं को
बताया, "फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। पूरे इलाके में बड़ी
संख्या में पुलिस बल तैनात है।"
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा में भी पुलिस को सतर्क कर दिया गया
है। मथुरा पुलिस के प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि जिन इलाकों
में यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है, वहां पुलिस गश्त बढ़ा दी गई
है।
उप्र के किसानों को लोकदल का समर्थन :
राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण को
लेकर आंदोलनरत किसानों पर गोलीबारी के लिए पुलिस की निंदा की है, जिसमें
शनिवार को तीन किसानों की मौत हो गई। पुलिस की कार्रवाई को गैर
जिम्मेदाराना और दमनात्मक बताते हुए उन्होंने केंद्र से पूरे मामले की जांच
करवाने की मांग की।
लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह रविवार को किसानों से सहानुभूति जताने
भट्टा परसौल गांव जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और
पार्टी के सांसद जयंत चौधरी, देवेंद्र नागपाल, सारिका बघेल और समर्थकों के
साथ गिरफ्तार कर लिया।
भाजपा मनाएगी ‘काला दिवस’ :
भाजपा ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर पुलिस की गोलीबारी की
निंदा की है। राज्य सरकार की नीति और पुलिस की कार्रवाई के विरोध में
पार्टी सोमवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक सभी जिला मुख्यालयों पर ‘काला
दिवस’ मनाएगी।
पार्टी की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष नितिन गडकरी के नेतृत्व में पार्टी का एकप्रतिनिधिमंडलरविवार को
नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में पुलिस की गोली से घायल किसानों का हालचाल
जानने पहुंचा। इसके बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव जाने का
फैसला किया, जहां किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन पुलिस ने
उन्हें रोक दिया और गिरफ्तार कर लिया।
बयान के मुताबिक राज्य सरकार के ‘हिटलरी रवैये’ के विरोध में नेता और
कार्यकर्ता सोमवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे। पार्टी ने राज्य
सरकार से किसानों के प्रतिनिधियों से तुरंत बातचीत करने और उनकी समस्याओं
का समाधान करने की मांग की।