पटना.
बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा का रिजल्ट तैयार हो गया है। बिहार सरकार के
जनशिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस)
को रिजल्ट दे दिया है। अब एनआईओएस पास करने वालों को प्रमाण पत्र निर्गत
करेगा। यह तीसरी कक्षा उत्तीर्ण करने का होगा। परीक्षा में 19 लाख 49 हजार
199 नव साक्षर सफल घोषित किए गए हैं जबकि 80 हजार परीक्षार्थियों के रिजल्ट
पेंडिंग हैं। परीक्षा में 22 लाख 59 हजार 180 नवसाक्षरों और किसी वजह से
बीच में पढ़ाई छोड़ चुके लोगों ने निबंधन कराया था। यह महापरीक्षा 6 मार्च
को राज्य के सभी जिलों में आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन
प्राधिकार ने देशभर में करीब 40 लाख नवसाक्षरों को महापरीक्षा में शामिल
करने का लक्ष्य रखा था।
अकेले बिहार ने करीब आधा टारगेट पूरा कर लिया। जनशिक्षा उप निदेशक डॉ.
बिनोदानंद झा ने बताया कि परीक्षा में करीब 80 फीसदी महिलाएं बैठी थीं।
कई जिलों में सास-बहू ने एक साथ परीक्षा दिया था तो जगह दो गोतनी इकट्ठे
पहुंची थीं। ननद-भौजाई ने भी महापरीक्षा पास की है। कापियों का मूल्यांकन
एक्सपर्ट शिक्षकों द्वारा कराया गया। जो इस बार परीक्षा में शामिल नहीं हो
पाए हैं उनके लिए अगस्त में फिर महापरीक्षा होगी।
नवसाक्षरों से अंकगणित में सामान्य जोड़ और संख्या पहचानो तथा लिखने-पढ़ने
से संबंधित मामूली सवाल पूछे गए थे। क अ ह जैसे अक्षरों से शब्द और वाक्य
बनाना था। अपना नाम, पति/पिता और बच्चों के नाम पूछे गए थे। डॉ. झा के
मुताबिक जिनके रिजल्ट पेंडिंग हुए हैं उन्होंने अपने विवरण में मामूली
गड़बड़ी कर दी है। रोल नंबर, नाम पता आदि की गलतियां हैं। इन 80 हजार
परीक्षार्थियों की कापी की फिर से स्क्रूटिनी की जाएगी।
बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा का रिजल्ट तैयार हो गया है। बिहार सरकार के
जनशिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस)
को रिजल्ट दे दिया है। अब एनआईओएस पास करने वालों को प्रमाण पत्र निर्गत
करेगा। यह तीसरी कक्षा उत्तीर्ण करने का होगा। परीक्षा में 19 लाख 49 हजार
199 नव साक्षर सफल घोषित किए गए हैं जबकि 80 हजार परीक्षार्थियों के रिजल्ट
पेंडिंग हैं। परीक्षा में 22 लाख 59 हजार 180 नवसाक्षरों और किसी वजह से
बीच में पढ़ाई छोड़ चुके लोगों ने निबंधन कराया था। यह महापरीक्षा 6 मार्च
को राज्य के सभी जिलों में आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन
प्राधिकार ने देशभर में करीब 40 लाख नवसाक्षरों को महापरीक्षा में शामिल
करने का लक्ष्य रखा था।
अकेले बिहार ने करीब आधा टारगेट पूरा कर लिया। जनशिक्षा उप निदेशक डॉ.
बिनोदानंद झा ने बताया कि परीक्षा में करीब 80 फीसदी महिलाएं बैठी थीं।
कई जिलों में सास-बहू ने एक साथ परीक्षा दिया था तो जगह दो गोतनी इकट्ठे
पहुंची थीं। ननद-भौजाई ने भी महापरीक्षा पास की है। कापियों का मूल्यांकन
एक्सपर्ट शिक्षकों द्वारा कराया गया। जो इस बार परीक्षा में शामिल नहीं हो
पाए हैं उनके लिए अगस्त में फिर महापरीक्षा होगी।
नवसाक्षरों से अंकगणित में सामान्य जोड़ और संख्या पहचानो तथा लिखने-पढ़ने
से संबंधित मामूली सवाल पूछे गए थे। क अ ह जैसे अक्षरों से शब्द और वाक्य
बनाना था। अपना नाम, पति/पिता और बच्चों के नाम पूछे गए थे। डॉ. झा के
मुताबिक जिनके रिजल्ट पेंडिंग हुए हैं उन्होंने अपने विवरण में मामूली
गड़बड़ी कर दी है। रोल नंबर, नाम पता आदि की गलतियां हैं। इन 80 हजार
परीक्षार्थियों की कापी की फिर से स्क्रूटिनी की जाएगी।