कार्यालय संवाददाता, कांगड़ा : हाल ही में हुई बारिश व अधंड़ की वजह से
जिलभर में गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊपरी क्षेत्रों में
लीची और निचले इलाकों में आम की फसल भी बर्बाद हो गई है। ऐसे में इस बार
बेमौसमी बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि बारिश
से हुए नुकसान का अभी आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा रहा है कि
गेहूं, आम व लीची की 40 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि कुछ जगहों पर
गेहूं की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है, जबकि कई स्थानों पर इसे कम
नुकसान हुआ है। इसके इलावा कई उपमंडलों में आम व लीची फसल पर भी मौसम की
मार पड़ी है।
बैजनाथ उपमंडल में गेहूं व पालमपुर उपमंडल के ब्लॉक भवारना व सुलह में
आम व लीची की फसल को 40 प्रतिशत नुकसान हुआ है। वहीं देहरा उपमंडल के
देहरा, हरिपुर भटोली, सुनेहत, नैहरनपुखर, रक्कड़ और परागपुर में गेहूं की
फसल 35 फीसदी तक नुकसान हुआ है। नूरपुर व जवाली उपमंडल में गेहूं व आम की
फसल को 25 से 30 प्रतिशत और कांगड़ा उपमंडल के चंगर क्षेत्रों में गेहूं और
नगरोटा बगवां ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों में लीची की फसल को 30 प्रतिशत नुकसान
बताया जा रहा है। यदि आने वाले दिनों में भी मौसम इसी तरह से खराब रहता है
तो किसान-बागवानों के हाथ कुछ भी नहीं आ पाएगा। इस बार खासकर गेहूं की फसल
पर दोहरी मार पड़ी है। इससे पहले कई उपमंडलों में पहले यह पीला रतुआ
बीमारी की चपेट में आ गई थी, जबकि अब बारिश की वजह से फसल और खराब हुई है।
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कृषि उपनिदेशक डॉ. टीके ठाकुर ने बताया
कि बारिश से गेहूं की फसल को कई जगहों पर भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम के
कहर से हुए नुकसान की रिपोर्ट 22 अप्रैल तक विभाग के पास पहुंच जाएगी। वहीं
जिलाधीश आरएस गुप्ता ने कहा कि प्रशासन बारिश से हुए नुकसान का सर्वेक्षण
करवा रहा है। राजस्व विभाग के कर्मियों को नुकसान का आकलन करने के लिए कहा
गया है। किसानों को हुए नुकसान के आधार पर मुआवजा भी दिया जाएगा।