नई
दिल्ली. समाजसेवी स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया
गांधी को अपनी पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह को अब भ्रष्टाचार के खिलाफ
चलाए जा रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचाए जाने संबंधी बयान देने से रोकना
चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करतीं, तो इससे उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को सुनिश्चित करना होगा कि दिग्विजय
सिंह उनकी अन्ना को लिखे पत्र में व्यक्त की गई भावना के विपरीत कुछ न
कहें। इसी बीच अन्ना हजारे ने सोनिया गांधी को अपने पत्र का जवाब देने के
लिए धन्यवाद दिया है और उससे संतुष्टि जाहिर की है।
स्वामी
अग्निवेश ने गुरुवार को रांची में कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष, सिंह को
भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचाने संबंधी
बयानबाजी को नहीं रोकतीं तो इससे उनकी पार्टी को नुकसान होगा। उन्होंने कहा
कि वे सोनिया गांधी के अन्ना हजारे को दिए गए जवाब से पूरी तरह सहमत हैं।
अन्ना ने दिया सोनिया को धन्यवाद
अन्ना हजारे ने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि कुछ
कांग्रेसी नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए उनके आंदोलन को बदनाम करने की
साजिश कर रहे हैं। इसके जवाब में गांधी ने उन्हें कहा कि उन्होंने कभी भी
बदनाम करने की राजनीति का समर्थन नहीं किया। सोनिया ने पत्र में कहा कि
उन्होंने, उनके (अन्ना हजारे के) खिलाफ साजिश करने वालों का कभी समर्थन
नहीं किया है और न ही भविष्य में वे ऐसा करेंगीं। अन्ना ने कहा कि वे पूरी
तरह संतुष्ट हैं।
सोनिया ने कहा बदनाम करने की राजनीति पर यकीन नहीं
कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समाजसेवी अन्ना हजारे के पत्र का जवाब देते हुए
कहा है कि उन्होंने कभी भी कीचड़ उछालने और बदनाम करने की राजनीति पर यकीन
नहीं किया और न ही वे ऐसे किसी भी प्रयास का समर्थन करती हैं। हजारे ने
सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर कहा था कि कुछ कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार
के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन की धार कुंद करने के लिए सुनियोजित तरीके से
मुहिम चला रहे हैं।
अन्ना पर हमला, हाई कोर्ट में याचिका
समाजसेवी
अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किए जाने के बाद,
पहली बार अब सीधे अन्ना हजारे पर हमला बोला गया है। पुणे के एक एनजीओ,
नेशनल एंटी- करप्शन पब्लिक पावर के अध्यक्ष हेमंत बाबूराव पाटिल ने दिल्ली
हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि अन्ना हजारे के खिलाफ अपराधिक
प्रकरण लंबित हैं और उन्हें लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनाई गई
संयुक्त समिति से तत्काल बाहर किया जाना चाहिए।
अभी तक हजारे के
साथी और संयुक्त समिति के सदस्य शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण के
खिलाफ कई आरोप लगाए गए,लेकिन अब हजारे खुद निशाने पर हैं। पाटिल ने अपनी
याचिका में आरोप लगाया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट
के पूर्व जज पीबी सावंत की अध्यक्षता में गठित एक जांच आयोग ने अन्ना हजारे
को भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया था। सावंत ने 2005 में कुछ मंत्रियों के
खिलाफ अन्ना हजारे के आरोपों की जांच की थी।
पाटिल ने आरोप लगाया है
कि हजारे का एनजीओ हिंद स्वराज ट्रस्ट (एचएसटी) जमीन के अवैध लेन-देन में
शामिल रहा है। पाटिल ने आरोप लगाया कि हजारे का एक ट्रस्ट अब तक रजिस्टर्ड
नहीं है और फिर भी कानून का उल्लंघन कर धन उगाही का काम कर रहा है।पाटिल के
अनुसार आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि हजारे के साथ काम कर रहे कुछ
कार्यकर्ता ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांगने के कामों में भी लगे हैं। पाटिल
ने आरोप लगाया कि हजारे के एनजीओ एचएसटी ने महाराष्ट्र सरकार से दो करोड़
रुपए का अनुदान लिया था। और अन्ना के जन्मदिन को मनाने के लिए उसमें से दो
लाख रुपए खर्च किए गए।
बाबा रामदेव का आंदोलन ४ जून से
योग
गुरु बाबा रामदेव भारत स्वाभिमान यात्रा पूरी करने के बाद ४ जून से
भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में सत्याग्रह करेंगे। बाबा रामदेव के प्रवक्ता
एसके तिजरावाला ने एक बयान में बताया कि बाबा रामदेव अगले सप्ताह इसकी
औपचारिक घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि रामदेव प्रधानमंत्री को एक पत्र भी
लिखकर मांग करेंगे कि स्वतंत्र, निष्पक्ष लोकपाल का गठन किया जाए और,
विदेशों में जमा काला धन वापस लाया जाए।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव
ने खुद को अन्ना हजारे के आंदोलन से अलग नहीं किया है। हजारे का आंदोलन
केवल लोकपाल बिल तक है, लेकिन बाबा उसमें भ्रष्टाचार को भी शामिल कर रहे
हैं।
दिल्ली. समाजसेवी स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया
गांधी को अपनी पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह को अब भ्रष्टाचार के खिलाफ
चलाए जा रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचाए जाने संबंधी बयान देने से रोकना
चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करतीं, तो इससे उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को सुनिश्चित करना होगा कि दिग्विजय
सिंह उनकी अन्ना को लिखे पत्र में व्यक्त की गई भावना के विपरीत कुछ न
कहें। इसी बीच अन्ना हजारे ने सोनिया गांधी को अपने पत्र का जवाब देने के
लिए धन्यवाद दिया है और उससे संतुष्टि जाहिर की है।
स्वामी
अग्निवेश ने गुरुवार को रांची में कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष, सिंह को
भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचाने संबंधी
बयानबाजी को नहीं रोकतीं तो इससे उनकी पार्टी को नुकसान होगा। उन्होंने कहा
कि वे सोनिया गांधी के अन्ना हजारे को दिए गए जवाब से पूरी तरह सहमत हैं।
अन्ना ने दिया सोनिया को धन्यवाद
अन्ना हजारे ने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि कुछ
कांग्रेसी नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए उनके आंदोलन को बदनाम करने की
साजिश कर रहे हैं। इसके जवाब में गांधी ने उन्हें कहा कि उन्होंने कभी भी
बदनाम करने की राजनीति का समर्थन नहीं किया। सोनिया ने पत्र में कहा कि
उन्होंने, उनके (अन्ना हजारे के) खिलाफ साजिश करने वालों का कभी समर्थन
नहीं किया है और न ही भविष्य में वे ऐसा करेंगीं। अन्ना ने कहा कि वे पूरी
तरह संतुष्ट हैं।
सोनिया ने कहा बदनाम करने की राजनीति पर यकीन नहीं
कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समाजसेवी अन्ना हजारे के पत्र का जवाब देते हुए
कहा है कि उन्होंने कभी भी कीचड़ उछालने और बदनाम करने की राजनीति पर यकीन
नहीं किया और न ही वे ऐसे किसी भी प्रयास का समर्थन करती हैं। हजारे ने
सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर कहा था कि कुछ कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार
के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन की धार कुंद करने के लिए सुनियोजित तरीके से
मुहिम चला रहे हैं।
अन्ना पर हमला, हाई कोर्ट में याचिका
समाजसेवी
अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किए जाने के बाद,
पहली बार अब सीधे अन्ना हजारे पर हमला बोला गया है। पुणे के एक एनजीओ,
नेशनल एंटी- करप्शन पब्लिक पावर के अध्यक्ष हेमंत बाबूराव पाटिल ने दिल्ली
हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि अन्ना हजारे के खिलाफ अपराधिक
प्रकरण लंबित हैं और उन्हें लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनाई गई
संयुक्त समिति से तत्काल बाहर किया जाना चाहिए।
अभी तक हजारे के
साथी और संयुक्त समिति के सदस्य शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण के
खिलाफ कई आरोप लगाए गए,लेकिन अब हजारे खुद निशाने पर हैं। पाटिल ने अपनी
याचिका में आरोप लगाया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट
के पूर्व जज पीबी सावंत की अध्यक्षता में गठित एक जांच आयोग ने अन्ना हजारे
को भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया था। सावंत ने 2005 में कुछ मंत्रियों के
खिलाफ अन्ना हजारे के आरोपों की जांच की थी।
पाटिल ने आरोप लगाया है
कि हजारे का एनजीओ हिंद स्वराज ट्रस्ट (एचएसटी) जमीन के अवैध लेन-देन में
शामिल रहा है। पाटिल ने आरोप लगाया कि हजारे का एक ट्रस्ट अब तक रजिस्टर्ड
नहीं है और फिर भी कानून का उल्लंघन कर धन उगाही का काम कर रहा है।पाटिल के
अनुसार आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि हजारे के साथ काम कर रहे कुछ
कार्यकर्ता ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांगने के कामों में भी लगे हैं। पाटिल
ने आरोप लगाया कि हजारे के एनजीओ एचएसटी ने महाराष्ट्र सरकार से दो करोड़
रुपए का अनुदान लिया था। और अन्ना के जन्मदिन को मनाने के लिए उसमें से दो
लाख रुपए खर्च किए गए।
बाबा रामदेव का आंदोलन ४ जून से
योग
गुरु बाबा रामदेव भारत स्वाभिमान यात्रा पूरी करने के बाद ४ जून से
भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में सत्याग्रह करेंगे। बाबा रामदेव के प्रवक्ता
एसके तिजरावाला ने एक बयान में बताया कि बाबा रामदेव अगले सप्ताह इसकी
औपचारिक घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि रामदेव प्रधानमंत्री को एक पत्र भी
लिखकर मांग करेंगे कि स्वतंत्र, निष्पक्ष लोकपाल का गठन किया जाए और,
विदेशों में जमा काला धन वापस लाया जाए।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव
ने खुद को अन्ना हजारे के आंदोलन से अलग नहीं किया है। हजारे का आंदोलन
केवल लोकपाल बिल तक है, लेकिन बाबा उसमें भ्रष्टाचार को भी शामिल कर रहे
हैं।