नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में खाप पंचायतों को
अवैध करार देते हुए उन्हें सख्ती से बंद करने को कहा है। साथ ही शीर्ष
कोर्ट ने ऑनर किलिंग को ‘बर्बर’ और ‘शर्मनाक’ बताया है। अदालत ने यह भी कहा
कि इसकी आड़ में होने वाली ज्यादतियों को रोकने में विफल प्रशासनिक व
पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
जस्टिस मरकडेय काटजू और ज्ञानसुधा मिश्रा की बेंच ने एक फैसले में ये सख्त
टिप्पणियां कीं। बेंच ने कहा कि उसने हाल के वर्षो में खाप पंचायतों
(तमिलनाडु में कट्टा पंचायतों) के बारे में सुना है। ये विभिन्न जाति व
धर्मो के विवाहित या विवाह की इच्छा रखने वाले युवक-युवतियों के खिलाफ ऑनर
किलिंग या अन्य ज्यादतियों को बढ़ावा देती हैं। ये लोगों की निजी जिंदगी
में दखल देती हैं।
बर्बर हत्या : बेंच के मुताबिक, हमारा मानना है कि यह पूरी तरह अवैध
है। इसे तत्काल बंद कराया जाना चाहिए। ऑनर किलिंग में कुछ भी सम्मानजनक
नहीं है। हकीकत में यह बर्बर तथा शर्मनाक हत्या है।
कड़े उपाय : शीर्ष कोर्ट ने कहा कि खाप पंचायतों की ज्यादतियों को
रोकने के लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को कड़े उपाय करने चाहिए। यदि
ऐसी कोई घटना होती है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ फौजदारी
प्रक्रिया शुरू की जाए। राज्य सरकार को संबंधित जिला के मजिस्ट्रेट/
कलेक्टर और एसएसपी/ एसपी जैसे अन्य अधिकारियों को निलंबित करने और चार्जशीट
दायर करने के आदेश दिए जाएं। बेंच ने यह भी कहा कि यदि पूर्व सूचना के
बावजूद अधिकारी ऐसी घटनाओं को रोक नहीं पाते हैं तो सरकार को उनके खिलाफ
विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए।
सभी राज्यों के पास जाएगी प्रति
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस फैसले की प्रति सभी राज्यों व केंद्र शासित
प्रदेश के प्रमुख सचिवों, गृह सचिवों, डीजीपी व अन्य बड़े अधिकारियों को
भेजी जाए।
खाप यानी क्या?
एक सामुदायिक समूह। समुदाय के बड़े-बुजुर्ग शामिल। जाट समाज में ज्यादा चलन।
कितनी पुरानी?
करीब 1500 वर्ष पुरानी। छठी सदी ई. से अस्तित्व के प्रमाण।
किन राज्यों में अस्तित्व?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और हरियाणा में। तमिलनाडु में नाम कट्टा पंचायत।
आदेश मनवाने के तरीके
ऑनर किलिंग, हुक्का-पानी बंद करना, गांव/समाज से निकालना, लेन-देन पर रोक आदि।
class="introTxt" style="text-align: justify">
वैधानिक स्थिति
कोई कानूनी मान्यता नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में खाप पंचायतों को
अवैध करार देते हुए उन्हें सख्ती से बंद करने को कहा है। साथ ही शीर्ष
कोर्ट ने ऑनर किलिंग को ‘बर्बर’ और ‘शर्मनाक’ बताया है। अदालत ने यह भी कहा
कि इसकी आड़ में होने वाली ज्यादतियों को रोकने में विफल प्रशासनिक व
पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
जस्टिस मरकडेय काटजू और ज्ञानसुधा मिश्रा की बेंच ने एक फैसले में ये सख्त
टिप्पणियां कीं। बेंच ने कहा कि उसने हाल के वर्षो में खाप पंचायतों
(तमिलनाडु में कट्टा पंचायतों) के बारे में सुना है। ये विभिन्न जाति व
धर्मो के विवाहित या विवाह की इच्छा रखने वाले युवक-युवतियों के खिलाफ ऑनर
किलिंग या अन्य ज्यादतियों को बढ़ावा देती हैं। ये लोगों की निजी जिंदगी
में दखल देती हैं।
बर्बर हत्या : बेंच के मुताबिक, हमारा मानना है कि यह पूरी तरह अवैध
है। इसे तत्काल बंद कराया जाना चाहिए। ऑनर किलिंग में कुछ भी सम्मानजनक
नहीं है। हकीकत में यह बर्बर तथा शर्मनाक हत्या है।
कड़े उपाय : शीर्ष कोर्ट ने कहा कि खाप पंचायतों की ज्यादतियों को
रोकने के लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को कड़े उपाय करने चाहिए। यदि
ऐसी कोई घटना होती है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ फौजदारी
प्रक्रिया शुरू की जाए। राज्य सरकार को संबंधित जिला के मजिस्ट्रेट/
कलेक्टर और एसएसपी/ एसपी जैसे अन्य अधिकारियों को निलंबित करने और चार्जशीट
दायर करने के आदेश दिए जाएं। बेंच ने यह भी कहा कि यदि पूर्व सूचना के
बावजूद अधिकारी ऐसी घटनाओं को रोक नहीं पाते हैं तो सरकार को उनके खिलाफ
विभागीय कार्यवाही करनी चाहिए।
सभी राज्यों के पास जाएगी प्रति
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस फैसले की प्रति सभी राज्यों व केंद्र शासित
प्रदेश के प्रमुख सचिवों, गृह सचिवों, डीजीपी व अन्य बड़े अधिकारियों को
भेजी जाए।
खाप यानी क्या?
एक सामुदायिक समूह। समुदाय के बड़े-बुजुर्ग शामिल। जाट समाज में ज्यादा चलन।
कितनी पुरानी?
करीब 1500 वर्ष पुरानी। छठी सदी ई. से अस्तित्व के प्रमाण।
किन राज्यों में अस्तित्व?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और हरियाणा में। तमिलनाडु में नाम कट्टा पंचायत।
आदेश मनवाने के तरीके
ऑनर किलिंग, हुक्का-पानी बंद करना, गांव/समाज से निकालना, लेन-देन पर रोक आदि।
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वैधानिक स्थिति
कोई कानूनी मान्यता नहीं।