नई दिल्ली.
जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण
के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। शांति और उनके बेटे जयंत
भूषण ने उत्तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से
करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री
मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट
किए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण
से मांग की है कि वे जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही कमेटी से इस्तीफा
दें।
शांति भूषण ने पिछले सप्ताह अपनी संपत्ति की घोषणा करते
हुए बताया कि नोएडा में 10 हजार वर्ग मीटर का खेती लायक एक प्लॉट उनके पास
है। लेकिन अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक उन्होंने यह
नहीं बताया कि यह जमीन उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने विवेकाधीन कोटे
से यह जमीन उन्हें अलॉट की थी। यही नहीं, सरकार ने उनके वकील बेटे जयंत
भूषण को 10 हजार वर्गमीटर का एक और फार्महाउस अलॉट किया। जयंत ने नोएडा
पार्क मामले में अदालत में मायावती सरकार की पैरवी भी की थी।
यहां
गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार द्वारा विवेकाधीन कोटे से किसी को
जमीन का आवंटन करने का मसला भ्रष्टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम)
के एजेंडे में अहम मुद्दा है। हालांकि जयंत भूषण ने एक टीवी चैनल से बातचीत
में मीडिया में आ रही इन खबरों को पूरी तक ‘बकवास’ करार दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।
दरअसल
नोएडा में इस जमीन के आवंटन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक मुकदमे की
विषय वस्तु है। यह मुकदमा एक अन्य आवंटी पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल
विकास सिंह की ओर से दायर किया गया है। इन्होंने इन आवंटनों को रद्द करने
की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें बतौर ‘सजा’ इस फार्महाउस का
‘खराब’ हिस्सा आवंटित किया गया। इसके बाद उन्होंने इस फार्महाउस के आवंटन
के तरीके को लेकर कई बार शिकायतें की हैं।
विकास सिंह के मुताबिक
हर फार्महाउस की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये है और आवंटियों को आवंटन के
समय इसका महज 10 फीसदी यानी 35 लाख रुपये देने थे। बाकी रकम 16 किश्तों
में देनी थी।
लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिल
में शामिल सिविल सोसायटी के नुमाइंदों ने हाल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा
सार्वजनिक किया था। समिति की पहली बैठक से पहले ही शांति भूषण विवादों में आ
गए जब उनकी एक कथित सीडी सामने आई। सिविल सोसायटी के सदस्यों का आरोप है
कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
कांग्रेस
उत्तर प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा नेकहा है कि इस विवाद के बाद
शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण को जन लोकपाल बिल बनाने वाली कमेटी
से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति भूषण को पूरे मामले की
जानकारी का खुलासा करना चाहिए।
जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण
के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। शांति और उनके बेटे जयंत
भूषण ने उत्तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से
करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री
मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट
किए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण
से मांग की है कि वे जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही कमेटी से इस्तीफा
दें।
शांति भूषण ने पिछले सप्ताह अपनी संपत्ति की घोषणा करते
हुए बताया कि नोएडा में 10 हजार वर्ग मीटर का खेती लायक एक प्लॉट उनके पास
है। लेकिन अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक उन्होंने यह
नहीं बताया कि यह जमीन उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने विवेकाधीन कोटे
से यह जमीन उन्हें अलॉट की थी। यही नहीं, सरकार ने उनके वकील बेटे जयंत
भूषण को 10 हजार वर्गमीटर का एक और फार्महाउस अलॉट किया। जयंत ने नोएडा
पार्क मामले में अदालत में मायावती सरकार की पैरवी भी की थी।
यहां
गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार द्वारा विवेकाधीन कोटे से किसी को
जमीन का आवंटन करने का मसला भ्रष्टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम)
के एजेंडे में अहम मुद्दा है। हालांकि जयंत भूषण ने एक टीवी चैनल से बातचीत
में मीडिया में आ रही इन खबरों को पूरी तक ‘बकवास’ करार दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।
दरअसल
नोएडा में इस जमीन के आवंटन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक मुकदमे की
विषय वस्तु है। यह मुकदमा एक अन्य आवंटी पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल
विकास सिंह की ओर से दायर किया गया है। इन्होंने इन आवंटनों को रद्द करने
की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें बतौर ‘सजा’ इस फार्महाउस का
‘खराब’ हिस्सा आवंटित किया गया। इसके बाद उन्होंने इस फार्महाउस के आवंटन
के तरीके को लेकर कई बार शिकायतें की हैं।
विकास सिंह के मुताबिक
हर फार्महाउस की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये है और आवंटियों को आवंटन के
समय इसका महज 10 फीसदी यानी 35 लाख रुपये देने थे। बाकी रकम 16 किश्तों
में देनी थी।
लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिल
में शामिल सिविल सोसायटी के नुमाइंदों ने हाल में अपनी संपत्ति का ब्यौरा
सार्वजनिक किया था। समिति की पहली बैठक से पहले ही शांति भूषण विवादों में आ
गए जब उनकी एक कथित सीडी सामने आई। सिविल सोसायटी के सदस्यों का आरोप है
कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
कांग्रेस
उत्तर प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा नेकहा है कि इस विवाद के बाद
शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण को जन लोकपाल बिल बनाने वाली कमेटी
से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति भूषण को पूरे मामले की
जानकारी का खुलासा करना चाहिए।