नागपुर।
किसान आत्महत्या रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विदर्भ राहत
पैकेज में धांधलियां करने वाले 50 अधिकारियों को सरकार ने निलंबित करने की
घोषणा कर दी है, लेकिन किन अधिकारियों को निलंबित किया जाए? यह प्रश्न
सरकार के सामने खड़ा है।
राज्य के सामाजिक न्यायमंत्री व
पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे ने कहा कि रेड्डी कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है,
उसमें किसी विशेष अधिकारी का नाम नहीं दिया गया है। इसलिए कुछ हो पायेगा,
यह कहना कठिन है। इसके लिए अलग से जांच की आवश्यकता है।
रविवार
को दैनिक भास्कर कार्यालय में संपादकीय सहयोगियों के साथ चर्चा करते समय
श्री मोघे ने यह खुलासा किया। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 21 मार्च को
विधानसभा में विदर्भ राहत पैकेज में धांधली करने वाले 405 अधिकारी व
कर्मचारियों पर कार्रवाई का ऐलान किया था।
इनमें से 50 को
तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक किसी
अधिकारी के खिलाफ निलंबन का आदेश जारी नहीं हुआ है। इस संबंध में पूछे जाने
पर श्री मोघे ने कहा कि फिलहाल रिपोर्ट में किसी विशेष अधिकारी के नाम का
उल्लेख नहीं है।
विदर्भ पैकेज से बहुत ज्यादा लाभ हुआ, इस पर भी
श्री मोघे ने असहमति जताई। उन्होंने कहा कि यवतमाल में सिंचाई क्षेत्र में
थोड़ा-बहुत लाभ हुआ है। लोअर वेणा प्रोजेक्ट में काम हुआ है, लेकिन
बुनियादी कार्य नहीं हुए हैं। टेक्सटाइल्स पार्क की योजना पर अब तक अमल
नहीं हुआ है। अभी इस संदर्भ में बहुत कुछ करना बाकी है। इस दौरान उन्होंने
सरकार के रुख पर आश्चर्य जताया।