नई दिल्ली.
जनलोकपाल बिल के लिए जंतर-मंतर पर पांच दिन तक चले अन्ना हजारे के आंदोलन
में लोगों ने अपने तन-मन से ही नहीं, बल्कि धन देकर भी समर्थन जताया था।
अभियान का नेतृत्व कर रही संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) को नकद,
चेक व फंड ट्रांसफर के जरिए करीब ८३ लाख रुपए प्राप्त हुए हैं और
दानप्राप्ति का सिलसिला जारी है। संस्था के सदस्य आज अपनी-अपनी
संपत्तियों की घोषणा करेंगे।
लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली
समिति में शामिल सिविल सोसायटी के सदस्य अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े,
शांति भूषण, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और एनजीओ इंडिया अगेंस्ट
करप्शन के सदस्य आज अपनी संपत्तियों की घोषणा करेंगे।
एनजीओ को
दान की राशि में से करीब ३३ लाख रुपए आंदोलन की विभिन्न गतिविधियों में
खर्च हुए हैं। आंदोलन के दौरान सबसे अधिक खर्च जंतर-मंतर पर अन्ना के आमरण
अनशन की जगह ५ से ९ अप्रैल तक टैंट, साउंड सिस्टम पर ९,४७,३४४ रुपए आया।
लोगों
के आवागमन के लिए किराए पर ली गई गाडिय़ों, टिकट बुकिंग पर ४,६१,३८२ रुपए
खर्च हुए। इंटरनेट पर हजारों लोगों ने हजारे के आंदोलन के प्रति समर्थन
जताया था, इस दौरान आईएसी की वेबसाइट ऑनलाइन एक्टिविटी का मुख्य केंद्र
रही। वेबसाइट, इंटरनेट व मोबाइल आदि संचार साधनों पर ८,९३,९३८ रुपए खर्च
किए गए। ७,३२,६२४ रुपए आंदोलन के दौरान पैंफलेट, बैनर सहित प्रिंटिंग
सामग्री पर खर्च किए गए। सबसे खास बात यह है कि आमरण अनशन की वजह से खानपान
पर महज ८१,७५१ रुपए खर्च हुए। जबकि
अनशन पर बैठे लोगों के इलाज पर
संगठन को ४४,९०८ रुपए खर्चने पड़े। अनशन के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग पर
११,७५५ रुपए का खर्च आया।आईएसी की प्रवक्ता अश्वथी मुरलीधरन ने बताया कि
प्राप्ति व खर्च के ब्योरे में केवल जंतर-मंतर पर हुए पांच दिन के अनशन ही
नहीं बल्कि जनवरी में हुई रैली से लेकर अब तक आंदोलन की सभी गतिविधियों का
आय-व्यय शामिल हैं।
दाताओं में ये हैं शामिल
भ्रष्टाचार
के खिलाफ मुहिम में कारमल कॉन्वेंट जैसे स्कूल, एचडीएफसी और जम्मू एंड
कश्मीर सरीखे बैंक, जिंदल एल्युमिनियम व सेफएक्सप्रैस जैसी कंपनियां, अक्षर
कल्चरल ट्रस्ट, कॉमनकॉज व जय हिंद वंदेमातरम जैसी सामाजिक व धार्मिक
संगठनों से लेकर व्यक्तिगत स्तर पर लोगों ने खुले दिल से दान दिया।
दानदाताओं में कई निवेश व सिक्योरिटीज एजेंसी भी शामिल हैं। आईएसी ने
गुरुवार को जो आंकड़े जारी किए, उनके मुताबिक कुल १०२ दानदाता (व्यक्ति,
संस्था व कंपनी) ऐसे हैं जिन्होंने पांच हजार से लेकर २५ लाख रुपए तक का
अनुदान दिया, जबकि २८७१ दानदाताओं ने पांच हजार रुपए से कम का अंशदान किया।
जनलोकपाल बिल के लिए जंतर-मंतर पर पांच दिन तक चले अन्ना हजारे के आंदोलन
में लोगों ने अपने तन-मन से ही नहीं, बल्कि धन देकर भी समर्थन जताया था।
अभियान का नेतृत्व कर रही संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) को नकद,
चेक व फंड ट्रांसफर के जरिए करीब ८३ लाख रुपए प्राप्त हुए हैं और
दानप्राप्ति का सिलसिला जारी है। संस्था के सदस्य आज अपनी-अपनी
संपत्तियों की घोषणा करेंगे।
लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली
समिति में शामिल सिविल सोसायटी के सदस्य अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े,
शांति भूषण, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और एनजीओ इंडिया अगेंस्ट
करप्शन के सदस्य आज अपनी संपत्तियों की घोषणा करेंगे।
एनजीओ को
दान की राशि में से करीब ३३ लाख रुपए आंदोलन की विभिन्न गतिविधियों में
खर्च हुए हैं। आंदोलन के दौरान सबसे अधिक खर्च जंतर-मंतर पर अन्ना के आमरण
अनशन की जगह ५ से ९ अप्रैल तक टैंट, साउंड सिस्टम पर ९,४७,३४४ रुपए आया।
लोगों
के आवागमन के लिए किराए पर ली गई गाडिय़ों, टिकट बुकिंग पर ४,६१,३८२ रुपए
खर्च हुए। इंटरनेट पर हजारों लोगों ने हजारे के आंदोलन के प्रति समर्थन
जताया था, इस दौरान आईएसी की वेबसाइट ऑनलाइन एक्टिविटी का मुख्य केंद्र
रही। वेबसाइट, इंटरनेट व मोबाइल आदि संचार साधनों पर ८,९३,९३८ रुपए खर्च
किए गए। ७,३२,६२४ रुपए आंदोलन के दौरान पैंफलेट, बैनर सहित प्रिंटिंग
सामग्री पर खर्च किए गए। सबसे खास बात यह है कि आमरण अनशन की वजह से खानपान
पर महज ८१,७५१ रुपए खर्च हुए। जबकि
अनशन पर बैठे लोगों के इलाज पर
संगठन को ४४,९०८ रुपए खर्चने पड़े। अनशन के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग पर
११,७५५ रुपए का खर्च आया।आईएसी की प्रवक्ता अश्वथी मुरलीधरन ने बताया कि
प्राप्ति व खर्च के ब्योरे में केवल जंतर-मंतर पर हुए पांच दिन के अनशन ही
नहीं बल्कि जनवरी में हुई रैली से लेकर अब तक आंदोलन की सभी गतिविधियों का
आय-व्यय शामिल हैं।
दाताओं में ये हैं शामिल
भ्रष्टाचार
के खिलाफ मुहिम में कारमल कॉन्वेंट जैसे स्कूल, एचडीएफसी और जम्मू एंड
कश्मीर सरीखे बैंक, जिंदल एल्युमिनियम व सेफएक्सप्रैस जैसी कंपनियां, अक्षर
कल्चरल ट्रस्ट, कॉमनकॉज व जय हिंद वंदेमातरम जैसी सामाजिक व धार्मिक
संगठनों से लेकर व्यक्तिगत स्तर पर लोगों ने खुले दिल से दान दिया।
दानदाताओं में कई निवेश व सिक्योरिटीज एजेंसी भी शामिल हैं। आईएसी ने
गुरुवार को जो आंकड़े जारी किए, उनके मुताबिक कुल १०२ दानदाता (व्यक्ति,
संस्था व कंपनी) ऐसे हैं जिन्होंने पांच हजार से लेकर २५ लाख रुपए तक का
अनुदान दिया, जबकि २८७१ दानदाताओं ने पांच हजार रुपए से कम का अंशदान किया।