मैसूर/दिल्ली/मुंबई.
योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अन्ना हजारे की तरह अब अभियान छेड़ने का मन
बना लिया है। रामदेव के निशाने पर होंगे देश में इस्तेमाल हो रहे बड़ी
राशियों के नोट। बड़े नोट बंद करवाने के लिए 1 जून से देशव्यापी आंदोलन
शुरू करेंगे। उनका कहना है कि कालेधन के रूप में बड़े नोटों का ही प्रयोग
किया जाता है। मैसूर में एक योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि प्रत्येक
राजनेता को अपनी इच्छा से अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए और सरकार को
चाहिए कि वह विदेशों से उधार लेने की बजाय देश की संपत्ति का उचित उपयोग
करे।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अण्णा हजारे को खुला समर्थन देने के
बाद ठगे से रह गए बाबा रामदेव ने कहा कि वे अपने भारत स्वाभिमान आंदोलन के
माध्यम से राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने भारत
को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश से योग यात्रा शुरू की थी जो
अब तक एक लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। उन्होंने कहा कि वे देश के
हर गांव में योग स्कूल खोलेंगे। रामदेव ने कहा कि कर्नाटक में भारी
भ्रष्टाचार है, लेकिन वे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग
नहीं करेंगे।
करीब ढाई लाख करोड़ के बड़े-बड़े नोट
भारतीय
रिजर्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक साल 2006 में मार्च के आखिर
तक पांच सौ रुपये के 3,647 नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रचलन में थे
जिनकी कीमत 1,82,350 करोड़ रुपये थी। इसी तरह मार्च 2006 के आखिर तक 1000
रुपये वाले 643 नोट भारतीय बाजार में थे जिनकी कीमत 64, 300 करोड़ रुपये
थी।
उधर, कई राजनीतिक नेताओं के विरोधाभासी बयान के बाद अन्ना
हजारे ने गुरुवार को पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि सभी
नेता भ्रष्ट हैं। अपवाद सभी जगह होते हैं। लेकिन वे नेता भी ईमानदार तभी
कहलाएंगे, जब वे भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खामोश रहना भी भ्रष्टाचार को समर्थन देना ही है और
जो भी नेता इस दायरे में हैं, वे देश के किसी काम के नहीं हैं।
उन्होंने
कहा कि क्या आज किसी ईमानदार व्यक्ति का बिना काले धन के चुनाव जीतना संभव
है। गौरतलब है कि आडवाणी सहित कई नेताओं ने अण्णा हजारे पर नकारात्मक
टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को बेईमान बनाने में भी
इन्हीं नेताओं और राजनीतिक दलों का हाथ है। वे भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों
रुपए का काला धन कमाते हैं और चुनाव में उसका छोटा सा हिस्सा बांट देते
हैं।
देश की राजनीतिक और अपराधिक ताकतें भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े
गए आंदोलन और जन लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने से डरी हुई हैं। इसी
कारण इसमें बाधा पैदा कर रही हैं।वे आंदोलन को मिले जबर्दस्त समर्थन से
भयभीत हैं और इसलिए मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
हजारे के समर्थन में आए विखे-पाटील
वरिष्ठ
कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री बालासाहेब विखे-पाटील सामाजिक
कार्यकर्ता अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समर्थन में आगे आए
हैं।
श्री हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में श्री पाटील ने
कहा कि श्री हजारे सही मायनों में भारत की आजादी के संघर्ष की विचारधारा
एवं महात्मा गांधी से प्रेरित हैं।
वे एक सच्चे कांग्रेसी एवं श्री
हजारे के पुराने साथी की हैसियत से हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का
समर्थन करते हैं। श्री पाटील ने यह भी कहा कि हर कांग्रेसी को सबसे पहले
अपने देश को महत्व देना चाहिए।
श्री हजारे ने तीन दशक से भी अधिक
समय से स्वार्थरहित ढंग से देश की सेवा की है। किसी भी व्यक्ति को हजारे के
इरादे पर शक नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि श्री पाटील कुछ समय पहले हजारे
से मिले थे।
योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अन्ना हजारे की तरह अब अभियान छेड़ने का मन
बना लिया है। रामदेव के निशाने पर होंगे देश में इस्तेमाल हो रहे बड़ी
राशियों के नोट। बड़े नोट बंद करवाने के लिए 1 जून से देशव्यापी आंदोलन
शुरू करेंगे। उनका कहना है कि कालेधन के रूप में बड़े नोटों का ही प्रयोग
किया जाता है। मैसूर में एक योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा कि प्रत्येक
राजनेता को अपनी इच्छा से अपनी संपत्ति की घोषणा करनी चाहिए और सरकार को
चाहिए कि वह विदेशों से उधार लेने की बजाय देश की संपत्ति का उचित उपयोग
करे।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अण्णा हजारे को खुला समर्थन देने के
बाद ठगे से रह गए बाबा रामदेव ने कहा कि वे अपने भारत स्वाभिमान आंदोलन के
माध्यम से राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने भारत
को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश से योग यात्रा शुरू की थी जो
अब तक एक लाख किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। उन्होंने कहा कि वे देश के
हर गांव में योग स्कूल खोलेंगे। रामदेव ने कहा कि कर्नाटक में भारी
भ्रष्टाचार है, लेकिन वे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग
नहीं करेंगे।
करीब ढाई लाख करोड़ के बड़े-बड़े नोट
भारतीय
रिजर्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक साल 2006 में मार्च के आखिर
तक पांच सौ रुपये के 3,647 नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रचलन में थे
जिनकी कीमत 1,82,350 करोड़ रुपये थी। इसी तरह मार्च 2006 के आखिर तक 1000
रुपये वाले 643 नोट भारतीय बाजार में थे जिनकी कीमत 64, 300 करोड़ रुपये
थी।
उधर, कई राजनीतिक नेताओं के विरोधाभासी बयान के बाद अन्ना
हजारे ने गुरुवार को पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि सभी
नेता भ्रष्ट हैं। अपवाद सभी जगह होते हैं। लेकिन वे नेता भी ईमानदार तभी
कहलाएंगे, जब वे भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खामोश रहना भी भ्रष्टाचार को समर्थन देना ही है और
जो भी नेता इस दायरे में हैं, वे देश के किसी काम के नहीं हैं।
उन्होंने
कहा कि क्या आज किसी ईमानदार व्यक्ति का बिना काले धन के चुनाव जीतना संभव
है। गौरतलब है कि आडवाणी सहित कई नेताओं ने अण्णा हजारे पर नकारात्मक
टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को बेईमान बनाने में भी
इन्हीं नेताओं और राजनीतिक दलों का हाथ है। वे भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों
रुपए का काला धन कमाते हैं और चुनाव में उसका छोटा सा हिस्सा बांट देते
हैं।
देश की राजनीतिक और अपराधिक ताकतें भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े
गए आंदोलन और जन लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने से डरी हुई हैं। इसी
कारण इसमें बाधा पैदा कर रही हैं।वे आंदोलन को मिले जबर्दस्त समर्थन से
भयभीत हैं और इसलिए मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
हजारे के समर्थन में आए विखे-पाटील
वरिष्ठ
कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री बालासाहेब विखे-पाटील सामाजिक
कार्यकर्ता अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समर्थन में आगे आए
हैं।
श्री हजारे के पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में श्री पाटील ने
कहा कि श्री हजारे सही मायनों में भारत की आजादी के संघर्ष की विचारधारा
एवं महात्मा गांधी से प्रेरित हैं।
वे एक सच्चे कांग्रेसी एवं श्री
हजारे के पुराने साथी की हैसियत से हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का
समर्थन करते हैं। श्री पाटील ने यह भी कहा कि हर कांग्रेसी को सबसे पहले
अपने देश को महत्व देना चाहिए।
श्री हजारे ने तीन दशक से भी अधिक
समय से स्वार्थरहित ढंग से देश की सेवा की है। किसी भी व्यक्ति को हजारे के
इरादे पर शक नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि श्री पाटील कुछ समय पहले हजारे
से मिले थे।