जयपुर.
अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की संपत्ति की घोषणा के अनिवार्यता के तहत
अभी तक 19 कलेक्टरों ने संपत्ति की घोषणा की है। इनमें से एक कलेक्टर
करोड़पति हैं, जबकि 13 लखपति। पांच कलेक्टरों के पास अचल संपत्ति के नाम पर
कुछ नहीं है। 7 कलेक्टरों ने अभी तक घोषणा नहीं की है।
कार्मिक विभाग की जारी सूचना के अनुसार बाड़मेर में तैनात गौरव गोयल के पास
1.03 करोड़ की संपत्ति है। इनमें चार प्लाट, मकान-दुकान आदि सीकर में
स्वयं के नाम खरीदे दर्शाए गए हैं। ये सारी संपत्ति आईएएस के रूप में 2006
में चयनित होने से पहले की खरीद बताई गई है। इसके बाद सबसे अधिक संपत्ति
भीलवाड़ा के कलेक्टर ओंकारसिंह (87 लाख रुपए की) और चित्तौडगढ़ कलेक्टर रवि
जैन (79 लाख रुपए की) के पास है। वहीं, हनुमानगढ़ के कलेक्टर भानु प्रकाश
एटरू के पास पत्नी और पिता के नाम कृषि भूमि और प्लाट दिखाए गए हैं, लेकिन
उनके मूल्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
इसी प्रकार डॉ. रविकुमार सुरपुर ने भी संपत्ति की राशि का उल्लेख नहीं किया
है। उधर, चार कलेक्टर ऐसे हैं, जिनके पास कुछ नहीं है। इनमें जोधपुर के
कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन, झालावाड़ कलेक्टर रोहित गुप्ता, करौली कलेक्टर
बिष्णुचरण मल्लिक और टोंक कलेक्टर डॉ. आरुषि ए. मलिक के नाम शामिल हैं।
बांसवाड़ा, जालौर, कोटा, प्रतापगढ़, सीकर और सिरोही में आईएएस कलेक्टर नहीं
है।
चल संपत्ति की घोषणा नहीं की: केंद्र सरकार के निर्देश पर अखिल
भारतीय सेवाओं से जुड़े अफसरों में से किसी ने भी चल संपत्ति के रूप गाड़ी,
कार, शेयर्स, बांड्स, एफडी और नकदी या बैंक बैलेंस की घोषणा नहीं की गई
है। जबकि विधानसभा लोकसभा के चुनाव लड़ने वाले नेताओं से यह जानकारी
नामांकन पत्र के साथ ही मांगी जाती है।
बाजार मूल्य की जानकारी नहीं: संपत्ति की घोषणा तो मात्र औपचारिकता
ही रही है। इन अफसरों ने खरीद के समय के मूल्य का ही उल्लेख किया है और
वर्तमान मूल्य के कॉलम में नॉट नोअन (जानकारी नहीं) शब्द लिखकर इतिश्री कर
ली।
जिला : नाम कलेक्टर : कीमत रुपए में :
अजमेर : मंजू राजपाल : 20 लाख रु. :
अलवर : आशुतोष ए.टी पेंढणोकर : अभी घोषित नहीं
भरतपुर : कृष्ण कुणाल : 20.21 लाख रु. :
भीलवाड़ा : ओंकारसिंह : 87 लाख रु. :
बीकानेर : पृथ्वीराज : 33 लाख रु. :
बूंदी : आरती डोगरा : 6 लाख रु. :
बारां : नवीन जैन : 27.75 लाख रु. :
बाड़मेर : गौरव गोयल : 1.03 करोड़ रु. :
चूरू : विकास सीतारामजी भाले¬: 16 लाख रु. :
/>
चित्तौडगढ़ : रवि जैन : 79 लाख रु. :
डूंगरपुर : पूरण चंद किशन : अभी घोषित नहीं
धौलपुर : वी. श्रवण कुमार : 57 लाख रु. :
दौसा : आर.एस. जाखड़ : 1.22 लाख रु. :
श्रीगंगानगर : मुग्धा सिन्हा : अभी घोषित नहीं
हनुमानगढ़ : भानुप्रकाश येतुरू : उल्लेख नहीं :
जयपुर : नवीन महाजन : अभी घोषित नहीं
झुंझुनूं : अंबरीष कुमार : अभी घोषित नहीं
जोधपुर : सिद्धार्थ महाजन : कोई संपत्ति नहीं :
जैसलमेर : गिरिराज सिंह : अभी घोषित नहीं
झालावाड़ : रोहित गुप्ता : कोई संपत्ति नही :
करौली : बिष्णुचरण मल्लिक : कोई संपत्ति नहीं :
नागौर : श्याम सुंदर बिस्सा : 49 लाख रु. :
पाली : नीरज के. पवन : 16.25 लाख रु. :
सवाईमाधोपुर : डॉ. रवि कुमार सुरपुर : उल्लेख नहीं
राजसमंद : प्रीतम बी. यशवंत : 66 लाख रु.
टोंक : डॉ. आरुषि ए. मल्लिक : कोई संपत्ति नहीं :
उदयपुर : हेमंत कुमार गेरा : अभी घोषित नहीं
चल संपत्ति क्यों नहीं बताई? – मुख्य सचिव एस. अहमद से सवाल-जवाब
अफसरों की अचल संपत्ति की घोषणा तो कर दी लेकिन चल संपत्ति की घोषणा क्यों नहीं की?
अखिल भारतीय सेवा नियमों में जो नियम हैं, उसी के अनुसार संपत्ति की घोषणा की गई है।
अफसरों ने अपनी संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य क्यों नहीं लिखा?
बाजार मूल्य कैसे लिख सकते हैं। डीएलसी रेट और बाजार दर में 40 और 60 के
अनुपात का फर्क होता है। कोई अफसर कैसे मूल्यांकन कर सकता है।
अफसर आम आदमी की संपत्ति का मूल्यांकन तो फटाफट कर देते हैं?
मैंने कहा न मूल्यांकन मुश्किल है। यह संभव नहीं है।
सात संभागीय आयुक्तों में से चार ने ही बताई संपत्ति: सात में चार संभागीय
आयुक्तों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक किया है और इसमें भी अजमेर के
संभागीय आयुक्तअतुल कुमार शर्मा की घोषणा के अनुसार उनके पास कोई अचल
संपत्ति नहीं है। जोधपुर संभागीय आयुक्त रमेश कुमार जैन के पास 8 लाख रुपए,
जयपुर संभागीय आयुक्त उमराव सालोदिया के 46 लाख रुपए और कोटा के संभागीय
आयुक्त प्रीतम सिंह के पास 90 लाख रुपए की संपत्ति है।
अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की संपत्ति की घोषणा के अनिवार्यता के तहत
अभी तक 19 कलेक्टरों ने संपत्ति की घोषणा की है। इनमें से एक कलेक्टर
करोड़पति हैं, जबकि 13 लखपति। पांच कलेक्टरों के पास अचल संपत्ति के नाम पर
कुछ नहीं है। 7 कलेक्टरों ने अभी तक घोषणा नहीं की है।
कार्मिक विभाग की जारी सूचना के अनुसार बाड़मेर में तैनात गौरव गोयल के पास
1.03 करोड़ की संपत्ति है। इनमें चार प्लाट, मकान-दुकान आदि सीकर में
स्वयं के नाम खरीदे दर्शाए गए हैं। ये सारी संपत्ति आईएएस के रूप में 2006
में चयनित होने से पहले की खरीद बताई गई है। इसके बाद सबसे अधिक संपत्ति
भीलवाड़ा के कलेक्टर ओंकारसिंह (87 लाख रुपए की) और चित्तौडगढ़ कलेक्टर रवि
जैन (79 लाख रुपए की) के पास है। वहीं, हनुमानगढ़ के कलेक्टर भानु प्रकाश
एटरू के पास पत्नी और पिता के नाम कृषि भूमि और प्लाट दिखाए गए हैं, लेकिन
उनके मूल्य का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
इसी प्रकार डॉ. रविकुमार सुरपुर ने भी संपत्ति की राशि का उल्लेख नहीं किया
है। उधर, चार कलेक्टर ऐसे हैं, जिनके पास कुछ नहीं है। इनमें जोधपुर के
कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन, झालावाड़ कलेक्टर रोहित गुप्ता, करौली कलेक्टर
बिष्णुचरण मल्लिक और टोंक कलेक्टर डॉ. आरुषि ए. मलिक के नाम शामिल हैं।
बांसवाड़ा, जालौर, कोटा, प्रतापगढ़, सीकर और सिरोही में आईएएस कलेक्टर नहीं
है।
चल संपत्ति की घोषणा नहीं की: केंद्र सरकार के निर्देश पर अखिल
भारतीय सेवाओं से जुड़े अफसरों में से किसी ने भी चल संपत्ति के रूप गाड़ी,
कार, शेयर्स, बांड्स, एफडी और नकदी या बैंक बैलेंस की घोषणा नहीं की गई
है। जबकि विधानसभा लोकसभा के चुनाव लड़ने वाले नेताओं से यह जानकारी
नामांकन पत्र के साथ ही मांगी जाती है।
बाजार मूल्य की जानकारी नहीं: संपत्ति की घोषणा तो मात्र औपचारिकता
ही रही है। इन अफसरों ने खरीद के समय के मूल्य का ही उल्लेख किया है और
वर्तमान मूल्य के कॉलम में नॉट नोअन (जानकारी नहीं) शब्द लिखकर इतिश्री कर
ली।
जिला : नाम कलेक्टर : कीमत रुपए में :
अजमेर : मंजू राजपाल : 20 लाख रु. :
अलवर : आशुतोष ए.टी पेंढणोकर : अभी घोषित नहीं
भरतपुर : कृष्ण कुणाल : 20.21 लाख रु. :
भीलवाड़ा : ओंकारसिंह : 87 लाख रु. :
बीकानेर : पृथ्वीराज : 33 लाख रु. :
बूंदी : आरती डोगरा : 6 लाख रु. :
बारां : नवीन जैन : 27.75 लाख रु. :
बाड़मेर : गौरव गोयल : 1.03 करोड़ रु. :
चूरू : विकास सीतारामजी भाले¬: 16 लाख रु. :
/>
चित्तौडगढ़ : रवि जैन : 79 लाख रु. :
डूंगरपुर : पूरण चंद किशन : अभी घोषित नहीं
धौलपुर : वी. श्रवण कुमार : 57 लाख रु. :
दौसा : आर.एस. जाखड़ : 1.22 लाख रु. :
श्रीगंगानगर : मुग्धा सिन्हा : अभी घोषित नहीं
हनुमानगढ़ : भानुप्रकाश येतुरू : उल्लेख नहीं :
जयपुर : नवीन महाजन : अभी घोषित नहीं
झुंझुनूं : अंबरीष कुमार : अभी घोषित नहीं
जोधपुर : सिद्धार्थ महाजन : कोई संपत्ति नहीं :
जैसलमेर : गिरिराज सिंह : अभी घोषित नहीं
झालावाड़ : रोहित गुप्ता : कोई संपत्ति नही :
करौली : बिष्णुचरण मल्लिक : कोई संपत्ति नहीं :
नागौर : श्याम सुंदर बिस्सा : 49 लाख रु. :
पाली : नीरज के. पवन : 16.25 लाख रु. :
सवाईमाधोपुर : डॉ. रवि कुमार सुरपुर : उल्लेख नहीं
राजसमंद : प्रीतम बी. यशवंत : 66 लाख रु.
टोंक : डॉ. आरुषि ए. मल्लिक : कोई संपत्ति नहीं :
उदयपुर : हेमंत कुमार गेरा : अभी घोषित नहीं
चल संपत्ति क्यों नहीं बताई? – मुख्य सचिव एस. अहमद से सवाल-जवाब
अफसरों की अचल संपत्ति की घोषणा तो कर दी लेकिन चल संपत्ति की घोषणा क्यों नहीं की?
अखिल भारतीय सेवा नियमों में जो नियम हैं, उसी के अनुसार संपत्ति की घोषणा की गई है।
अफसरों ने अपनी संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य क्यों नहीं लिखा?
बाजार मूल्य कैसे लिख सकते हैं। डीएलसी रेट और बाजार दर में 40 और 60 के
अनुपात का फर्क होता है। कोई अफसर कैसे मूल्यांकन कर सकता है।
अफसर आम आदमी की संपत्ति का मूल्यांकन तो फटाफट कर देते हैं?
मैंने कहा न मूल्यांकन मुश्किल है। यह संभव नहीं है।
सात संभागीय आयुक्तों में से चार ने ही बताई संपत्ति: सात में चार संभागीय
आयुक्तों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक किया है और इसमें भी अजमेर के
संभागीय आयुक्तअतुल कुमार शर्मा की घोषणा के अनुसार उनके पास कोई अचल
संपत्ति नहीं है। जोधपुर संभागीय आयुक्त रमेश कुमार जैन के पास 8 लाख रुपए,
जयपुर संभागीय आयुक्त उमराव सालोदिया के 46 लाख रुपए और कोटा के संभागीय
आयुक्त प्रीतम सिंह के पास 90 लाख रुपए की संपत्ति है।